Hindenburg Report: अमीरों की लिस्ट में ग़रीब दिखने लगे गौतम अडानी, टॉप 20 से हुए बाहर

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Hindenburg Report: अमीरों की लिस्ट में ग़रीब दिखने लगे गौतम अडानी, टॉप 20 से हुए बाहर
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Adani Enterprises: अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) सामने आने के बाद हिन्दुस्तान के सबसे अमीर कहलाने वाले गौतम अडानी (Gautam Adani) अब तक करीब आठ लाख करोड़ से भी ज़्यादा गरीब हो गए हैं। वो इतने ग़रीब हो गए कि दुनिया के अमीरों की फोर्ब्स की सूची में टॉप के 20 अमीरों में भी अब उनका शुमार नहीं किया जा रहा।

24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी के शेयरों में तो जैसे नीचे गिरने की नई ऊंचाई हासिल करने की होड़ लग गई है। और बीते एक हफ्ते में बाजार से करीब 8 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की चपत निवेशकों को लग चुकी है। जबकि अडानी के शेयरों के दामों में ऐतिहासिक गिरावट नज़र आई है। ऐसा लग रहा है कि अडानी के शेयर किसी सूनामी की चपेट में आ गए हैं। जिसका नतीजा ये सामने आया कि गौतम अडानी का सारा साम्राज्य ही हिल गया।

बीते एक हफ्ते में तो यही नज़र आया है कि हर रोज का सूरज गौतम अडानी के लिए उनकी नेटवर्थ में बड़ी गिरावट की खबर लेकर सामने आता है और सूरज के डूबते डूबते शेयर मार्केट में लाखों करोड़ रुपये डूब चुके होते हैं। यही वजह है कि फोर्ब्स की सूची में एक हफ्ते पहले तक तीसरे पायदान पर काबिज रहने वाले गौतम अडानी अब 20 अमीरों की फेहरिस्त से भी बाहर हो चुके हैं।

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Bloomburg Report: ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स के मुताबिक गौतम अडानी की दौलत अब घटकर सिर्फ 61.3 अरब डॉलर रह गई है। बीते 24 घंटों के दौरान उन्हें 10.7 अरब डॉलर की चोट लग चुकी है।

आलम ये है कि सिर्फ 24 घंटे के भीतर ही गौतम अडानी फेसबुक के मार्क जुकरबर्क से भी पीछे खिसक कर 21 वें पायदान पर पहुँच गए हैं जबकि जुकरबर्क अब 13 नंबर पर आ गए हैं। बीते एक हफ्ते के दौरान गौतम अडानी की कंपनियों की जो हालत हुई है  उसमें इस कदर गिरावट आई कि शेयर बाजार में लिस्टेड उनकी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से बहुत नीचे चला गया।

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हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट पब्लिशकी थी। 106 पन्नों की इस रिपोर्ट का शीर्षक था अडानी ग्रुप: हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री (Adani Group : How the worlds third richest man is pulling the largest con in corporate history)

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इस रिपोर्ट में अडानी की कंपनी के शेयर के दामों को लेकर सवाल उठाने के साथ साथ कुल 88 सवाल उठाए गए थे। जिसके जवाब में अडानी समूह की तरफ से 413 पन्नों का गोलमोल सा जवाब दिया गया था जिसमें से सिर्फ 66 सवालों के जवाब ही मुकम्मल हो सके थे।

Hindenburg Report : आलम ये था कि अडानी के 413 पन्नों के जवाब पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ही भारी पड़ी और निवेशकों में अडानी के जवाब उनकी जज्बाती बात का निवेशकों पर कोई असर नहीं हुआ। यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की विश्वसनीयत अडानी के 413 पन्नों के जवाब पर भी भारी साबित हुई।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद जिस एक नाम को गूगल पर सबसे ज़्यादा सर्च किया गया वो नाम है नाथन एंडरसन का। क्योंकि इस अकेले एक नाम की वजह से हिन्दुस्तान के सबसे अमीर होने का खिताब गौतम अडानी से छिन गया।

महज 72 घंटे के भीतर इस एक आदमी की बनाई कंपनी ने हिन्दुस्तान के सबसे अमीर आदमी को करीब साढ़े लाख करोड़ गरीब कर दिया। और देखते ही देखते अडानी के एंपायर में दरारे नज़र आने लगीं...और शेयर बाजार में उथल पुथल मच गई।

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