Hindenburg Report: अडानी ग्रुप ने कहा ये भारत पर हमला है, 106 पन्नों की रिपोर्ट के जवाब में 413 पन्नों का पलटवार

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Hindenburg Report: अडानी ग्रुप ने कहा ये भारत पर हमला है, 106 पन्नों की रिपोर्ट के जवाब में 413 पन्...
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Adani Group Response : अडानी ग्रुप के शेयरों को लेकर अमेरिकी एजेंसी हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट (Report) को लेकर देश ही नहीं विदेशों में भी जितने मुंह और उतनी बातें हो रही हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों को लेकर बाजार में अच्छा खासा भूचाल आ गया था। और तेजी से हालातों ने ऐसी करवट बदली कि शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयर 20 से 23 फीसदी तक टूट गए थे।

मगर सोमवार को शेयर में आई ये आर्थिक सूनामी उस वक़्त संभली नज़र आई जब अडानी ग्रुप ने अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट का 413 पन्नों का जवाब दिया। असल में इन 413 पन्नों में अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग को एक तरह से करारा जवाब देते हुए पलटवार ही किया है।

हालांकि अब हिंडनबर्ग और अडानी ग्रुप के बीच अब सवाल जवाब का दौर चल रहा है जिसको लेकर तरह तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। हिंडनबर्ग का दावा है कि रिपोर्ट के जवाब में अडानी ग्रुप की तरफ से जो जवाब दिए गएहैं उसके मुताबिक वो बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं कर पाते।

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बल्कि ये जवाब तो असल में सवालों की बचने भर की कवायद है। हिंडनबर्ग का दावा है कि असल में अडानी ग्रुप राष्ट्रवाद की आड़ में धोखा देने की कोशिश में है लेकिन वो बच नहीं सकते।

Hindenburg Research: उधर अडानी ग्रुप का कहना है कि ये असल में भारत देश और उनके संस्थानों के साथ साथ देश के विकास की सच्चाई पर सोच समझकर किया गया एक हमला है। और जिस तरह से हमला किया गया वो पूरी तरह से भ्रामक और एकतरफा है।

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ये बात पिछले चार दिनों से फिजा में फैली हुई है कि हिंडनबर्ग की 106 पन्नों की रिपोर्ट सीधे तौर पर अडानी ग्रुप पर अपने शेयरों के लिए कई तरह के अनियमतिताओं को करने का आरोप लगाती है। और उसी रिपोर्ट का जवाब देते हुए अदानी ग्रुप ने कहा है कि ये चिंता की बात जरूर है।

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क्योंकि ये रिपोर्ट बिना किसी विश्ववसनीयता या फिर नैतिकता से कोसों दूर बैठी एक संस्था अपनी मनगढ़ंत कहानी के जरिए हमारे निवेशकों पर उल्टा असर डाल रही है। अडानी ग्रुप का कहना है कि ऐसा ब्लड बाथ पहले कभी नहीं हुआ।

Adani Group says: अडानी ग्रुप इस रिपोर्ट की टाइमिंग को लेकर भी गंभीर सवाल उठा रहा है। अडानी ग्रुप का कहना है कि ये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट खासतौर पर उस वक्त सामने आई है जब अडानी ग्रुप देश का सबसे बड़ा FPO लेकर आ रहा था।

रिपोर्ट में न सिर्फ रिसर्च का अभाव है बल्कि सीधे तौर पर ये अडानी ग्रुप को बदनाम करने की बड़ी साज़िश का हिस्सा है। लिहाजा हिंडनबर्ग को इस का हर्जाना देना पड़ेगा। अडानी ग्रुप की तरफ से ये भी कहा गया है कि हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट को अडानी ग्रुप कोर्ट में चुनौती देने के बारे में कानूनी सलाह ले रहा है।

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