हिमाचल सरकार ने अपने ही डीजीपी को दिया जबरदस्त झटका, डीजीपी पद से हटाया, DGP पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, डीजीपी पर व्यापारी को धमकाने का आरोप
Himachal DGP Removed: प्रदेश सरकार ने निशांत मामले की वजह से विवादों में आए हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू को उनके पद से हटा दिया है।
ADVERTISEMENT
![हिमाचल सरकार ने अपने ही डीजीपी को दिया जबरदस्त झटका, डीजीपी पद से हटाया, DGP पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, डीजीपी पर व्यापारी को धमकाने का आरोप हिमाचल सरकार ने अपने ही डीजीपी को दिया जबरदस्त झटका, डीजीपी पद से हटाया, DGP पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, ...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/crtak/images/story/202401/1704173981706_fasdfasfdafdfafd_converted_16x9.jpg?size=948:533)
ललित शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Himachal DGP Removed: प्रदेश सरकार ने निशांत मामले की वजह से विवादों में आए हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू को उनके पद से हटा दिया है। अब उन्हें प्रिंसिपल सेक्रेट्री आयुष विभाग लगाया गया है।
![](https://static.crimetak.in/1704173935470WhatsApp%20Image%202024-01-02%20at%2010.33.31%20AM.jpeg)
आयुष विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमनदीप गर्ग इस दायित्व से मुक्त हो गए हैं। गौरतलब है कि 26 दिसंबर को हिमाचल हाईकोर्ट ने हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को उनके पद से हटाने के आदेश दिए थे। कुंडू की नई नियुक्ति के बारे में कार्मिक विभाग में अधिसूचना जारी कर दी है।
ADVERTISEMENT
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू पर आरोप है कि उन्होंने पालमपुर के कारोबारी निशांत को धमकाया था।
ADVERTISEMENT
कांगड़ा जिले के एक होटल कारोबारी निशांत शर्मा ने हाईकोर्ट को ई-मेल भेजा था। इसमें डीजीपी संजय कुंडू पर तमाम आरोप लगाए गए थे। निशांत का कहना था कि डीजीपी संजय कुंडू उन पर शिमला आकर मिलने का दबाव बना रहे हैं। निशांत ने डीजीपी से अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया था। हाईकोर्ट ने इस पर जवाब मांगा और उसके बाद दोनों अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी माना था। दोनों को उनके पदों से हटाने की बात भी हाईकोर्ट ने कहा थी।
ADVERTISEMENT
कारोबारी निशांत शर्मा मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ बेंच में हुई थी। इसको लेकर 17 पन्नों की टिप्पणी उच्च न्यायालय की ओर से जारी की गई थी, जहां न्यायालय की ओर से कहा गया कि निष्पक्ष जांच के लिए इन्हें दूसरे पदों पर शिफ्ट करना जरूरी है।
महाधिवक्ता अनुप रतन ने कहा कि न्यायालय की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि न्याय होना चाहिए और न्यायालय संदेश भी देना चाहता है कि आम जनता को लगना भी चाहिए कि न्याय हो रहा है।
ये खबर अपडेट हो रही है।
ADVERTISEMENT