मुंबई ब्लास्ट का मोस्टवांटेड आतंकी 21 साल बाद कनाडा एयरपोर्ट में ऐसे आया पकड़ में
Most wanted basheer arrest: साल 2002 और 2003 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम देने वाला आतंकी बशीर कनाडा में एयरपोर्ट पर उस वक्त दबोच लिया गया जब वो कहीं और फरार होने की फिराक में था। बशीर के खिलाफ रेडकॉर्नर नोटिस जारी हो चुका था।
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Most wanted basheer arrest: मुंबई में 2002 और 2003 में हुए सिलसिलेवार धमाकों का एक मोस्टवांटेड आतंकी बशीर आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही गया। पिछले 21 सालों से सिमी का ये आतंकी कानून की आंखों में धूल झोंक रहा था। लेकिन उसे एक दिन पहले ही कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया। बशीर को उस वक़्त कनाडा में एयरपोर्ट एथॉरिटी ने गिरफ्तार किया जब वो कनाडा से भी भागने की फिराक में था।
बशीर के खिलाफ था रेड कॉर्नर नोटिस
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बशीर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका था। उस पर दिसंबर 2002 में मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर विस्फोट कराने और जनवरी 2003 में विले पार्ले और मार्च 2003 में मुलुंड ट्रेन विस्फोट के मामले में आरोप लगाए गए हैं। इन तीन धमाकों में कुल 12 लोगों की जान गई थी।
सिमी का आतंकी है बशीर
कनाडा में गिरफ्तार किए गए आतंकवादी की पहचान मोस्ट वांटेड चनेपरम्बिल मोहम्मद बशीर उर्फ C A M बशीर के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि बशीर भारत में प्रतिबंधित सिमी यानी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का टॉप का आतंकी था। और बशीर को इंटरपोल की तरफ से जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर कनाडा में एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।
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तीन धमाकों में बशीर का हाथ
बशीर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस साल 2003 में जारी किया गया था। बताया जा रहा है कि बशीर सिमी संगठन में काफी अहम जिम्मेदारी निभा रहा था। किसी भी तरह की साज़िश को अंजाम देने के लिए वो फंड का इंतजाम करता था। और मुंबई के तीन धमाकों के पीछे भी इसी बशीर का हाथ बताया जा रहा है। असल में ये उन्हीं मॉड्यूल को फंड करता था जो अंजाम तक पहुँचाए जाते थे।
ब्रेनवॉश करने में था माहिर
बशीर के बारे में पता चला है कि वो केरल के कापरासेरी गांव का रहने वाला है। 1961 में जन्मा बशीर एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुका है। 80 के दशक में जब सिमी की शुरूआत हुई तो वो सक्रिय तौर पर संगठन से जुड़ गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बशीर नौजवानों का ब्रेनवॉश करके उन्हें सिमी से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाता था।
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ISI ने दी थी ट्रेनिंग
एजेंसियों ने यह भी दावा किया है कि बशीर कश्मीर और पंजाब राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ISI की योजना K2 (कश्मीर और खालिस्तान) का हिस्सा था. उसने नब्बे के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान की यात्रा भी की थी और ISI के दिए आतंकवादी की ट्रेनिंग भी ली थी। उस वक़्त वह पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण लेने और भारत में आतंकी हमले करने के लिए रंगरूटों को मुहैया कराने के लिए ISI के संपर्क में था.
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