'मुझे बदनाम किया जा रहा, ये आग गौ तस्करों ने लगाई है', मोनू मानेसर ने आजतक से कहा वो बेकसूर है

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'मुझे बदनाम किया जा रहा, ये आग गौ तस्करों ने लगाई है', मोनू मानेसर ने आजतक से कहा वो बेकसूर है
मोनू मानेसर ने कहा, उसने किसी को नहीं भड़काया
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मेवात से जयकिशन शर्मा की रिपोर्ट

Haryana Nuh Violence: इन दिनों हरियाणा सुर्खियों में है। हरियाणा की हिंसा को लेकर हर तरफ बातें हो रही हैं। और इन बातों में एक नाम बड़ी ही प्रमुखता से लिया जा रहा है और वो नाम है मोनू मानेसर का। वही मोनू मानेसर जिसका जिक्र एक बार जब गौ रक्षकों के तौर पर दो हत्याओं के सिलसिले में सामने आया था तब भी बड़ा बवाल हुआ था। 

मोनू जिस पर लगा है हिंसा भड़काने का आरोप

बातों ही बातों में बात का बतंगड़ बन गया

हरियाणा के मेवात से लेकर गुरुग्राम और सोहना तक जिस हिंसा की आग में सारा इलाका झुलसा उसकी तपिश सियासत के गलियारों तक महसूस की गई। यहां तक कि हरियाणा सरकार के गृहमंत्री को सामने आकर यहां तक कहना पड़ा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कोई भी शामिल मिला उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि धुएं के साथ सुलगते इल्जामों के बीच जिस मोनू मानेसर का जिक्र आया उसके बारे में यही कहा जा रहा है कि उसने उस धार्मिक यात्रा में शामिल होने का ऐलान किया तो लोगों को ऐतराज हुआ और उन्होंने जब इस पर आपत्ति जताई तो वहां गुटबाजी शुरू हो गई और देखते ही देखते बात बातों को हद से निकलकर एक बड़े बतंगड़ में बदल गई और उसने एक बवाल की शक्ल अख्तियार कर ली। 

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मोनू का दावा उसने किसी को नहीं भड़काया

दावा किया जा रहा है कि मोनू मानेसर के एक वीडियो ने सारा बवाल खड़ा किया और दो समुदाय देखते ही देखते हदों को लांघकर एक दूसरे के सामने दुश्मनी निकालने की गरज से आकर खड़े हो गए। जाहिर है इस पूरे वाकये में जिस एक नाम ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा वो था मोनू मानेसर। आजतक ने मोनू मानेसर से इस पूरे मामले में बात की तो उसका कहना है कि उसने ऐसा कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया जिससे आग लग जाए। 

मेवात में भड़की हिंसा के लिए मोनू ने गौ तस्करों को कसूरवार माना

मोनू ने कहा गौ तस्करों का किया धरा है

खुद मोनू मानेसर का कहना है कि जो गौ तस्कर हैं ये सब उनका किया धरा है। मैंने न कोई उकसाने वाली बात कही और न ही कोई काम किया। मैं तो इस यात्रा में भी नहीं गया। लेकिन हमारे पदाधिकारियों और भाई बहनों पर, घरवालों पर फायरिंग हुई। हैरानी ये है कि ये फायरिंग AK-47 से की गई है। ऐसे में ये बहुत दुर्भाग्य की बात है और अब हिन्दू किसी भी सूरत में सहने वाला नहीं है। 

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मोनू ने बताया एक नाम

मोनू मानेसर ने इस पूरे वाकये के लिए जिसे जिम्मेदार ठहराया उसका नाम मामन खान बताया जा रहा है। मैंने यहां तक सुना है कि उसने मुसलमानों को भड़काया कि मैं मदद करूंगा। मोनू ने कहा, मेरा मानना है कि अगर जंग लड़नी है तो युद्ध में जाओ...ये मेरी बदकिस्मती है कि कोई चुहा भी मरता है तो मेरा नाम ले लिया जाता है। गौ माता को बचाना हर हिंदू और सनातनी का काम है। मेरा नाम नासिर और जुनैद की हत्या के लिए भी लिया गया लेकिन मेरा उनसे कोई लेना देना नहीं। हम क्या बता सकते हैं कि किसने जलाया, लेकिन इल्जाम सरासर गलत है। और मुझे कानून और पुलिस पर भरोसा है। 

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दो होमगार्ड और तीन लोगों की गई जान

ये बात गौर करने वाली है कि नूंह की इस आगजनी और हिंसा के दौरान दो होमगार्र्ड और तीन बेकसूर लोगों की जान गई है। 10 से ज़्यादा पुलिसवाले घायल भी हुए हैं। सोहना में भी आगजनी हुई और हिंसा भड़काने के लिए मोनू मानेसर को दोषी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मोनू ने जब यात्रा में शामिल होने का वीडियो जारी किया बस बात तभी से बिगड़ गई। और माहोल खराब हो गया। 

मोनू ने आजतक से बातचीत में दी अपनी सफाई

मोनू और बिट्टू की रार का खुलासा

दरअसल, नूंह में हिंदू संगठनों द्वारा निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा में हंगामा हो गया था। मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी। इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने कहा था कि वह खुद भी इस रैली में शामिल होगा, लेकिन वो नहीं आया। कहा जा रहा है कि बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के यात्रा में शामिल होने पर तनाव बढ़ गया। अब क्या मोनू की बिट्टू से रार है? या फिर हिंसा के पीछे दूसरी वजह है, जांच जारी है। नूंह में दूसरे पक्ष के लोगों ने जमकर बवाल काटा और तभी यह पथराव हुआ। इसके बाद इसकी चपेट में कई और जिले भी आ गए।

मोनू मानेसर कौन है

अब आपको मोनू के बारे में बताते हैं। मोनू का असली नाम मोहित यादव है। वो गांव मानेसर का रहने वाला है। मोनू शादी शुदा है और उसके दो बच्चे है। मोनू के पिता की मौत हो चुकी है। उसका एक छोटा भाई है। उसकी बहन की शादी हो चुकी है।  मोनू मानेसर पिछले 10 -12 सालों से बजरंग दल से जुड़ा हुआ है। लेकिन उसके नाम को लेकर अब नूंह  की हिंसा की बात कही जा रही है। 

गौ तस्करों पर चला चुका है गोली

मोनू मानेसर का नाम उस वक्त सुर्खियों में सामने आया जब उसने 2019 में गौ तस्करों का पीछा करते हुए गोली चलाई थी। मोनू काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का सदस्य भी बताया जाता है। असल में हरियाणा में गाय को सरंक्षण देने के लिए गाय संरक्षण कानून लागू होने के बाद एक टास्क फोर्स बनाई थी और मोनू को उस टास्क फोर्स का सदस्य बनाया गया था।  लेकिन मोनू का नाम उस वक़्त सुर्खियों में छा गया था जब इसी साल फरवरी में एक बोलेरो गाड़ी में दो कंकाल मिले जिनकी पहचान नासिर और जुनैद के तौर पर हुई थी। इल्जाम यही लगाया गया कि मोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर इन दोनों को पकड़ा और दोनों की जमकर पिटाई करने के बाद दोनों को कार समेत आग के हवाले कर दिया। 

सोशल मीडिया पर एक्टिव

मोनू अक्सर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरों और वीडियो को शेयरकिया करता है। हरियाणा में ही मोनू के खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हैं। लेकिन किन्हीं वजह से उन मुकदमों को वापस लिया जा चुका है जिसको लेकर सियासत तेज है। पुलिस का दावा है कि वो मोनू मानेसर की तलाश करने के लिए छापामारी कर रही है लेकिन वो उनकी पकड़ से दूर है। राजस्थान की पुलिस का दावा है कि वो मोनू को गिरफ्तार करने के बेहद करीब पहुँच गई थी लेकिन कामयाब नहीं हो सकी। 

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