गाजा में बमबारी जारी, खाली हो गई पूरी पट्टी, 90 फीसदी लोग हो गए परदेसी
Hamas War Update: गाजा पर दिन रात इजरायल हमले कर रहा है। एक ऐसा शहर जिसमें अब उसकी दस फीसदी आबादी भी नहीं रह गई है।
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Gaza Under Attack: हिन्दुस्तान में तो दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है लेकिन आतिशबाजी और बारूदी गंध से सारा आलम इजरायल और फिलिस्तीन का सराबोर है। गाजा पर दिन रात इजरायल हमले कर रहा है। एक ऐसा शहर जिसमें अब उसकी दस फीसदी आबादी भी नहीं रह गई है। लाखों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की तरफ चले गए है। जो रह गए हैं उनकी सलामती की कोई गारंटी नहीं है।
गाजा के अस्पतालों पर हमले
हमास के कमांड सेंटर और रॉकेट लॉन्चिंग साइटों के बाद अब इजरायल ताबडतोड गाजा के अस्पतालों पर हमले कर रहा है। तीन दिन के भीतर ही इजरायल ने गाजा के तीन अस्पतालों पर बम बरसाए। कई लोगों की इन अस्पतालों पर हमले में मौत हो गई। आधी रात को अस्पातलों पर हमला किया गया। जिन अस्पतालों पर इजरायल के लडाकू विमानों ने हमला किया उनमें गाजा पट्टी का सबसे बडा अल शिफा अस्पताल भी था। हमलों के बाद भागते मरीजों की तस्वीर बता रही है कि हमास की करतूत का खामियाजा लाखों निर्दोष फिलिस्तीनी भुगत रहे है
अस्पतालों के डॉक्टरों की अपील
गाजा के अल कुदस अस्पताल का हाल बताने लायक नहीं बचा। लोग एक एक करके दम तोड रहे है। रिश्तेदार मातम कर रहे है। अस्पताल में बिजली नहीं है। अंधेरे में ही डाक्टर बैठे हैं और मरीजों को देख रहे है। डाक्टर अपील कर रहा हैं इजरायल की फौज से कि कम से कम अस्पतालों पर हमले न किये जाएं क्योंकि यहां हालात बेहद खराब है। एक अस्पताल के भीतर की तस्वीर देखकर समूची दुनिया अंदर तक हिल गई। खून से लथपथ बच्चे लगातार लाए जा रहे है। मासूम बच्चियां दर्द के मारे चीख रही है। हजारों की तादाद में लोग गाजा छोडकर जा रहे है इनमें से कई वो है जो अल शिफा अस्पताल में शरण लिए हुए थे।
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हमलों के बाद पलायन की भीड़
हमलों के बाद अब भीड़ पलायन कर रही है। इसमें महिलाओं बच्चों की भीड है। बुजूर्ग भी है. एक मां अपने दुधमुंहे बच्चे को लेकर जा रही है. दूर तक सिर्फ पलायन कर रही भीड नजर आती है। हमलों के बाद अब सवा महीने के बाद गाजा में दूर तक इमारतें खंडहर में तब्दील हो चुकी है। इन इमारतों से धुआं उठ रहा है। मलबे मे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का सामान दिख रहा है. कहीं बच्चों के खिलौने दबे हैं। गाजा एक बडे कब्रिस्तान में तब्दील नजर आ रहा है। गाजा की आधी से ज्यादा इमारतें कुछ इस तरह मलबे के ढेर में बदल गई है।
सिर्फ दस फीसदी लोग बचे
गाजा पट्टी के जिस इलाके में एक महीने पहले दस लाख से ज्यादा लोग रहते थे वहां अब दस फीसदी लोग भी नहीं बचे है। महज एक लाख लोग ही उत्तरी गाजा में बचे है। 11 हजार लोग मौत की नींद सो चुके है और करीब 9 लाख लोग यहां से साउथ गाजा की तरफ जा चुके है। सदी का ये सबसे बडा पलायन अब तक जारी है। लोग लगातार साउथ गाजा की तरफ जा रहे है. इन लोगों के चेहरों को करीब से देखिए। इन पर बेबसी है। घर उजड़ जाने का इंतेहा दर्द है।
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लाखों लोगों को पीने का पानी नहीं
लोग थके लाचार कदमों से जा रहे है। उत्तरी गाजा से साउथ गाजा की तरफ जाने वाली सडकों पर दूर तक सिर्फ लोग नजर आते है। हर तस्वीर में दर्द है। लोग मलबा हो चुकी इमारतों के बीच अपनों को तलाश रहे हैं। इस उम्मीद में कि शायद जान बच गई है। इन लोगों के मुंह से चीखे निकल रही है। उत्तरी गाजा में पानी की भारी किल्लत है। जहां पानी मिलता है वहां भीड़ लग जाती है। पानी की सप्लाई को इजरायल पहले ही काट चुका है। बस कहने भर को पानी मिल रहा है। जगह जगह कूडे के ढेर लगे है जो बीमारी का खतरा बढा रहा है। गाजा का ये दर्द कब खत्म होगा कोई नहीं जानता।
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