Pakistan Election: हाफिज सईद की चाल में फंस गया पाकिस्तान, चुनाव में इतने आतंकवादियों को उतारा मैदान में
Mumbai Attacks Mastermind : मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद की इस नई चाल से पूरा पाकिस्तान अब उसकी मुट्ठी में आ गया है। उसके कई आतंकी अब आम चुनावों में उम्मीदवार बने हैं।
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Pakistan Election: पाकिस्तान के हालात बेहद नाजुक हो गए हैं। चाहें वो आर्थिक मोर्चा हो या फिर वहां का सियासी माहौल। हर जगह गुरबत का साया है। आलम ये है कि पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों में अब आतंकी उम्मीदवार बनकर सियासी मौदान में खुल्लम खुल्ला उतर रहे हैं। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट का दावा है कि मरकजी मुस्लिम लीग, असल में लश्कर ए तोएबा के हाफिज सईद की दिमागी पैदाइश है और उसे जमात उद दावा का नया राजनीतिक चेहरा बनकर सामने आया है। हालांकि पार्टी के एक प्रवक्ता ने सईद के संगठन के साथ किसी भी तरह के संपर्क और संबंध से इनकार किया है।
मास्टरमाइंड हाफिज सईद की नई चाल
ये बात अब आम हो चुकी है कि आने वाली 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं। और इस बार चुनावों में मरकजी मुस्लिम लीग नाम की एक नई सियासी पार्टी शिरकत कर रही है। इस राजनीतिक दल को 2008 के मुंबई के आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया और सियासी चेहरा ममाना जा रहा है।
हाफिज के रिश्तेदार चुनाव मैदान में
बीबीसी की रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा है कि इस संगठन के कई उम्मीदवार पाकिस्तान के अलग अलग शहरों से चुनाव मैदान में अपना पर्चा दाखिल करने वाले प्रत्याशी असल में हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं। या उनमें से कुछ का संबंध अतीत में लश्कर ए तैएबा और जमात उद दावा या फिर मिल्ली मुस्लिम लीग से जुड़ा रहा है।
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जेल में है हाफिज सईद
ये बात गौर तलब है कि टेरर फंडिंग के कई केस में पाकिस्तान की अदालतों ने हाफिज सईद को 31 साल की सजा सुनाई है। और इस वक्त हाफिज सईद लाहौर की जेल में बंद है। हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने 2008 में ही वैश्विक आतंकवादी यानी ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर दिया था। साथ ही पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और उसके सहयोगी दलों और संस्थानों को भी सूचीबद्ध किया है, जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफाल ट्रस्ट, खमताब खालिक इंस्टीट्यूशन, अल-दावत अल-अरशद, अल-हमद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और म्यू अज़ बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट जैसे संगठनों की सूची बनाई। ये सभी उस लिस्ट का हिस्सा हैं जिन पर पाबंदी लगी हुई है।
सईद का बेटा चुनाव मैदान में
बीबीसी की रिपोर्ट कहती है कि हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद मरकजी मुस्लिम लीग पार्टी से चुनाव लड़ रहा है और लाहौर में नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र एन ए 122 से चुनाव भी लड़ रहा है। इसी चुनाव क्षेत्र से पाकिस्तान मुस्लिम लीग नेता नवाज और पूर्व संघीय मंत्री ख्वाजा साद रफीक भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा हाफिज सईद का दामाद हाफिज नेक गुज्जर भी मरकजी मुस्लिम लीग के टिकट पर विधानसभा क्षेत्र पीपी-162 से चुनाव मैदान में है।
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पिछली बार भी उतरना चाहते थे आतंकवादी
गौरतलब है कि जमात-उद-दावा से जुड़े कुछ लोगों ने 'मिल्ली मुस्लिम लीग' पार्टी से 2018 के चुनाव में भाग लेने की कोशिश की थीलेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तत्कालीन सरकार के विरोध के बाद संगठन पर पाबंदी लगा थी और रजिस्ट्रेशन के लिए उनके नामांकन को ही खारिज कर दिया था। आवेदन खारिज होने के बाद पार्टी के उम्मीदवारों को अल्लाहु अकबर तहरीक नामक एक अज्ञात पार्टी से चुनाव में भाग लेना पड़ा जिसे चुनाव में कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकी।
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'ग्लोबल टेरेरिस्ट' की सूची
सबसे दिलचस्प तो ये है कि इस बार चुनाव में चार ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्हें अमेरिका पहले ही आतंकी घोषित कर चुका है। 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने विदेश विभाग की मंजूरी से मिल्ली मुस्लिम लीग पार्टी को प्रतिबंधित घोषित कर दिया था और इसके सात लोगों को 'ग्लोबल टेरेरिस्ट' की सूची में शामिल किया था। सैफुल्ला खालिद, मुजम्मिल इकबाल हाशमी, मुहम्मद हारिस डार, ताबिश कय्यूम, फैयाज अहमद, फैसल नदीम और मुहम्मद एहसान अमेरिका और दुनिया की नज़र में आतंकवादी हैं जो इस बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। ये सभी लश्कर ए तैएबा का कभी न कभी हिस्सा रहे हैं।
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