Video: ज्ञानवापी केस, अदालत के आदेश के चंद घंटे बाद खोला गया व्यास जी का तहखाना, सफाई के बाद हुई पूजा
Gyanvapi case: अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ की अगुआई में बुधवार देर रात काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ने व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई।
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Gyanvapi case: वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहख़ाने में पूजा का अधिकार दिये जाने के चंद घंटे बाद बुधवार देर रात तहखाने को खोलकर उसकी साफ सफाई की गई और फिर वहां पूजा की गई। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तंज करते हुए इसे नियत प्रक्रिया से परे गतिविधि करार दिया है। पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्र नाथ व्यास ने बृहस्पतिवार को 'पीटीआई—भाषा' को बताया कि अयोध्या स्थित नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ की अगुआई में बुधवार देर रात काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ने व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई।
इस दौरान जिलाधिकारी एस राजलिंगम, मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा और पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन तथा मंदिर के कई ट्रस्टी मौजूद थे। व्यास ने बताया कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने सबसे पहले तहखाने के अंदर सफाई और शुद्धिकरण किया और फिर आचार्य गणेश्वर द्रविड़ ने कलश स्थापित किया। उन्होंने बताया कि इसके बाद मंत्रोच्चार कर गौरी— गणेश की आरती की गयी और सभी देवताओं का स्मरण कर पूजन किया गया, उन्हें नैवैद्य, फल अर्पित किए गए और भोग लगा कर आरती उतारी गई। व्यास ने बताया कि पूजा—पाठ कार्यक्रम लगभग 40 मिनट चला।
ज्ञानवापी के तहखाने में देर रात हुई पूजा
काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 31 साल बाद व्यास जी का तहखाना पूजा-पाठ के लिये, रात करीब साढ़े 10 बजे खोला गया और उसकी साफ-सफाई करायी गयी। इस सवाल पर कि क्या तहखाने में पूजा शुरू हो गई है, उन्होंने कहा, ‘‘हां।’’ पांडेय ने कहा, ‘‘जैसा कि अदालत का आदेश था, उसका पालन करना भी जरूरी था तो जिला प्रशासन ने मुस्तैदी के साथ सारी व्यवस्था कर दी है। मुझे लगता है कि जो भी कमी रह गई है उसे धीरे-धीरे दूर कर लिया जाएगा।’’ जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, व्यास जी के तहखाने में जिला अदालत से पूजा-पाठ की अनुमति मिलने के बाद बुधवार की देर रात मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ज्ञानवापी परिसर पहुंचे।
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रात करीब साढ़े 10 बजे खोला गया
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैंने अदालत के आदेश का अनुपालन किया है।’’ उनसे पूछा गया था कि आज तहखाने के अंदर क्या हुआ। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि साफ-सफाई के बाद तहखाने में लक्ष्मी-गणेश की आरती की गयी। हिन्दू पक्ष के एक वादी सोहनलाल आर्य ने बताया कि आज तड़के करीब चार बजे वह ज्ञानवापी-श्रंगार गौरी मामले की एक वादी लक्ष्मी देवी के साथ तहखाने में दर्शन-पूजन करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अब तहखाने के अवरोधक हटा कर वहां लोहे का गेट लगा दिया गया है। आर्य ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि रात में पूजा हो चुकी है इसलिए वह लोग अब सुबह आएं।
आर्य ने बताया कि आज वह काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों के साथ बैठक कर व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा पाठ की रूप रेखा तैयार करेंगे। जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले रात करीब साढ़े नौ बजे काशी-विश्वनाथ ट्रस्ट के सदस्यों को बुलाकर नंदी महाराज के सामने लगे अवरोधक हटाए गए और रास्ता खोला गया। यह तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर स्थित है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तंज करते हुए इसे नियत प्रक्रिया से परे गतिविधि करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘किसी भी अदालती आदेश का पालन करते समय उचित प्रक्रिया को बनाए रखना होगा।
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नंदी महाराज के सामने लगे अवरोधक हटाए गए
वाराणसी की अदालत ने इसके लिए सात दिन की अवधि तय की थी। अब हम जो देख रहे हैं वह नियत प्रक्रिया से परे जाने और किसी भी कानूनी सहारे को रोकने का एक ठोस प्रयास है।’’ वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया। मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव के मुताबिक, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।
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उन्होंने दावा किया कि इस तहखाने में वर्ष 1993 तक पूजा-अर्चना होती थी मगर उसी साल तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने इसे बंद करा दिया था। वकील मोहन यादव ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग-भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं। पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा, ‘‘आज जिला न्यायाधीश ने हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार देकर अपना अंतिम फैसला दे दिया है। अब हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे।’’
(PTI)
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