Elvish Yadav Case: सांपों और जहर की सप्लाई का मामला अब ट्रांसफर की रस्साकशी में उलझा

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Elvish Yadav Case: सांपों और जहर की सप्लाई का मामला अब ट्रांसफर की रस्साकशी में उलझा
एल्विश और उसके सिंगर दोस्त फाजिलपुरिया के खिलाफ मामले को ट्रांसफर करने के लिए मेल
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Elvish Yadav Case: एल्विश यादव का नाम पिछले कुछ अरसे से सुर्खियों से लापता था। ऐसा लग रहा था कि मानों उनका केस अब किनारे लगा दिया गया। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। रेव पार्टी में सांप और जहर की सप्लाई वाला मामला अब फिलहाल पुलिस के लिए अदला बदली जैसा कुछ मामला बनता जा रहा है। क्योंकि खुलासा हुआ है कि अब एल्विश यादव और उसके सिंगर दोस्त राहुल फाजिलपुरिया के खिलाफ मामले को एक थाने से दूसरे थाने में ट्रांसफर करने को लेकर महकमें के बीच मेलबाजी हो रही है। 

एल्विश यादव केस को ट्रांसफर करने का मामला

केस को ट्रांसफर करने के लिए मेल

कोर्ट के आदेश पर ही गाने की शूटिंग के दौरान सांपों के इस्तेमाल में एल्विश यादव और राहुल फाजिलपुरिया के खिलाफ पुलिस ने बादशाहपुर थाने में मामला दर्ज किया था। कई हफ्तों की जांच के बाद लापरवाही का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने केस को बादशाहपुर थाने से गुरुग्राम क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर करने के लिए पुलिस कमिश्नर को मेल लिखा है।

रेव पार्टी में सांप और सांपों का जहर सप्लाई का है मामला

जांच को रोकने का आरोप

पीपल फॉर एनिमल यानी पीएफए  (PFA) के पदाधिकारी याचिकाकर्ता सौरभ गुप्ता ने बताया कि 28 मार्च को अदालत के आदेश का पालन करते हुए एल्विश यादव और राहुल फाजिलपुरिया के खिलाफ बादशाहपुर थाना पुलिस ने पशुओं के साथ क्रूरता निवारण अधिनियम  और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अलावा अश्लील गाने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। सौरभ ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि करीब दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया लेकिन जांच अधिकारी अब तक सबूत इकट्ठा करने के लिए या जांच में सवाल जवाब करने के लिए उसके पास नहीं आए। 

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पुलिस पर मिलीभगत का इल्जाम

बताया जा रहा है कि बादशाहपुर पुलिस ने इस मामले में पहले आरोपियों को बचाने की नियत से दोषियों को क्लीन चिट दी थी। पुलिस ने जब तथ्यहीन एटीआर पेश की तो कोर्ट ने इसे सरासर गलत मानते हुए इस मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। 
इल्जाम यही है कि पुलिस की मंशा अभी भी आरोपियों को बचाने की प्रतीत हो रही है।  बादशाहपुर थाना पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का भी संदेह है। याचिकाकर्ता ने पुलिस आयुक्त को लिखी मेल में कहा कि पूरे मामले की जांच गुरुग्राम क्राइम ब्रांच से कराई जाए और मामले को बादशाहपुर थाने से स्थानांतरित किए जाने का आदेश जारी करें।

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