Divya Pahuja Murder : होटल के कमरा नंबर-111 में थी मॉडल दिव्या की लाश, पुलिस रूम नंबर-114 की तलाशी कर खाली लौट गई थी, बड़ी लापरवाही आई सामने
gurugram Divya Pahuja Murder : दिव्या पाहुजा मर्डर में पुलिस की बड़ी लापरवाही. 9 बजे रात ही होटल आई थी गुरुग्राम पुलिस. लेकिन लाश
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गुरुग्राम से नीरज वशिष्ठ की रिपोर्ट
Model Divya Pahuja Murder : गुरुग्राम पुलिस अगर अलर्ट होती तो दिव्या पाहुजा की लाश होटल के कमरे में मिल जाती. मौके पर ही कातिल गिरफ्त में होते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. असल में द सिटी पॉइंट होटल के कमरा नंबर-111 में दिव्या को गोली मारी गई और उसकी लाश को रात 10:44 बजे के बाद बाहर निकाला गया था. लेकिन चौंकाने वाली बात है कि उसी दिव्या की तलाश में गुरुग्राम पुलिस होटल में रात 9 बजे ही पहुंच चुकी थी. कई कमरों में उसकी तलाशी भी ली. लेकिन अफसोस की पुलिस होटल के कमरा नंबर-114 में तलाशी की और फिर दिव्या पाहुजा के इसी होटल में गायब होने की सूचना को ही फर्जी करार दिया था.
होटल लौटकर अभीजीत ने पेट्रोल से साफ किए थे खून के निशान
इसके एक घंटे बाद ही दिव्या की लाश को चादर में लपेटकर होटल के कमरा नंबर-111 से बाहर निकाला गया और फिर BMW कार की डिक्की में डालकर ठिकाने ले जाने लगा था. उसी समय अभीजीत ने दिल्ली के साउथएक्स में रहने वाले अपने दोस्त बलराज गिल और रवि बांगा को बुला लिया था और कार उनके हवाले कर दी थी. जिससे दोनों मिलकर मॉडल दिव्या पाहुजा की लाश को ठिकाने लगा सकें. इसके बाद उसकी कार को लेकर पंजाब की तरफ ले जाया गया. जबकि पंजाब में लाश को ठिकाने लगाने के लिए लेकर चले गए. कार देने के बाद अभीजीत फिर से होटल लौट आया था. यहां आने के बाद वो कमरे से खून के निशान हटाने के लिए पेट्रोल का इस्तेमाल किया था. ताकी पुलिस फिर कभी आए तो उसे सबूत नहीं मिले.
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डीसीपी क्राइम के बयान से खुद सामने आ गई पुलिस की लापरवाही
इस घटना के बारे में गुरुग्राम के डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत की. डीसीपी क्राइम ने बताया कि कैसे हत्या की सूचना के बाद पुलिस की एक गाड़ी मौके पर पहुंची थी. लेकिन जांच के दौरान उस पुलिस ने होटल के सिर्फ कमरा नंबर 114 को चेक किया था. ये पुलिस टीम रात के करीब 9 बजे पहुंची थी. लेकिन कुछ नहीं मिला तो वापस लौट आई थी. डीसीपी क्राइम की मानें तो उसके बाद दिव्या पाहुजा की बहन नैना ने पुलिस को फोन किया कि उसकी बहन से उसकी लास्ट बातचीत में उसने होटल का जिक्र किया था और जब वो होटल में आई तो उसे किसी कमरे में जाने नहीं दिया जा रहा है और ना ही सीसीटीवी कैमरे दिखाए जा रहे हैं. इसके बाद रात तकरीबन डेढ़ बजे गुरुग्राम के सेक्टर-14 थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. उस दौरान भी पुलिस को कमरा नंबर 114 के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने उस कमरे के साथ आसपास के सभी कमरे चेक किए. इसके साथ सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए. जब सीसीटीवी चेक किये गए तो गुरुग्राम पुलिस के होश उड़ गए. उसी समय देखा गया कि लाश को चादर कंबल में लपेटकर BMW कार तक ले आया गया. लेकिन तब तक अभीजीत फरार हो चुका था.
होटल मालिक था, इसलिए उसके लिए हमेशा कमरा नंबर-114 बुक रहता था
Model Divya Pahuja Murder : डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह ने बताया कि चूंकि अभिजीत सिंह होटल का मालिक था लिहाजा कमरा नंबर 114 उसके लिए बुक रहता था. लेकिन 2 जनवरी की सुबह अभिजीत और दिव्या के साथ एक अन्य शख्स भी शामिल था. लिहाजा अभिजीत और दिव्या 111 नंबर में रुके तो वही दूसरा अनाम व्यक्ति जिसके बारे में गुरुग्राम पुलिस भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है वो 114 नंबर में रुका था.
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्यारोपी ने खुलासा किया कि 2 जनवरी की शाम 5 बजे उसने दिव्या पाहुजा में सिर के बीचोंबीच गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई. नशे की हालत में अभिजीत रिसेप्शन पर पहुंचा और रिसेप्शन पर मौजूद अनूप को कहा कि पुलिस को फोन करके कहो कि युवती को लाश 114 नंबर रूम में पड़ी है. मामले की सूचना अनूप ने पुलिस को दी भी. पुलिस की ईवीआर मौके पर पहुंची भी लेकिन बस 114 नंबर को चेक किया और फॉर्मेलटी कर वापिस लौट गई. अगर पुलिस ने अनूप से सही से पूछताछ की होती सीसीटीवी कैमरे चेक किए होते तो दिव्या पाहुजा के हत्यारोपी और शव को कमरे से बरामद किया जा सकता था.
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