Divya Murder Mystery: गुरुग्राम पुलिस रात में तफ्तीश नहीं करती!, दिव्या की बहन का संगीन इल्जाम

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Divya Murder Mystery: गुरुग्राम पुलिस रात में तफ्तीश नहीं करती!, दिव्या की बहन का संगीन इल्जाम
दिव्या पाहुजा की लाश को जिस कार की डिग्गी में डालकर ठिकाने लगाया वो कार तो मिल गई लेकिन लाश नहीं
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गुरुग्राम से नीरज वशिष्ट की रिपोर्ट

Model Murder Mystery: मॉडल दिव्या पाहुजा की हत्या मामले में अब पुलिस की कार्रवाई और जांच के तौर तरीकों पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। 2 जनवरी को गुरुग्राम के सिटी प्वाइंट होटल में दिव्या पाहुजा की गोली मारकर हत्या करने की बात सामने आई, हालांकि अभी तक दिव्या की लाश नहीं मिली है। छह दिन गुज़र जाने के बाद भी दिव्या और उसकी लाश का कहीं कोई अता पता तक पुलिस नहीं लगा सकी। 

दिव्या पाहुजा की हत्या को लेकर अब पुलिस पर उठने लगे सवाल

गुरुग्राम पुलिस की तफ़्तीश पर गंभीर सवाल

ऐसे में दिव्या पाहुजा के घरवालों ने अब गुरुग्राम पुलिस की तफ़्तीश पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दिव्या के घरवालों का कहना है कि दिव्या की हत्या के बाद जब उन्हें सेवा सुरक्षा और सहयोग की सर्वाधिक जरूरत थी तो उन्हें न तो पुलिस की सेवा मिली न सुरक्षा और न ही अब सहयोग मिल रहा है। 

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बहन के संपर्क में थी दिव्या

दरअसल दिव्या पाहुजा की बहन ने आज तक से खास बातचीत में खुलासा किया कि दिव्या पाहुजा से उसकी आखरी बातचीत 2 जनवरी दोपहर 12 बजे के करीब हुई थी और दिव्या ने कहा की वो बस आधे घंटे में घर लौट रही है लेकिन जब दिव्या शाम 6 बजे तक वापिस नही लौटी तो दिव्या की बहन को शक हुआ की कही कुछ तो बुरा हुआ है क्योकि दिव्या कभी अपने फोन से दूर नही रहती थी और दिव्या की बात हर आधे या 1 घंटे में अपनी बहन से जरूर हुआ करती थी

आखिर दिव्या के साथ क्या हुआ यही सोचकर दिव्या के घरवाले बेचैन हो गए। 

घरवालों का कहना है बेशर्मी का वो मंजर जिसे सुनकर कोई भी सन्न रह जाए,  ‘’2 जनवरी की उस रोज जब दिव्या की हत्या हुई आप भी सुने और जरा सोचे के कैसे पुलिस में बैठे अधिकारी गहरी नींद में सोते रहे और हत्यारोपी हत्या कर शव को ठिकाने लगाने में कामयाब हो गए’’। 

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अब रात हो गई है तुम शिकायत दे दो तफ़्तीश सुबह 10 बजे करेंगे

उधर हत्यारोपी अभिजीत मॉडल की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने की साजिशें रच रहा था तो इधर जब दिव्या पाहुजा का कोई सुराग परिजनों को नही लगा तो दिव्या की बहन पहले न्यू कॉलोनी थाने में गयी लेकिन वहां बैठे पुलिस कर्मी ने बात को अनसुना कर दिया और टालने की गरज से कहा कि ये मामला तो सेक्टर 14 थाने का है। जब रात में पुलिस अफसरों से संपर्क किया तो सेक्टर 14 थाने में बैठे पुलिस अधिकारियों ने कहा सुबह आना अब रात बहुत है तुम शिकायत दे दो तफ़्तीश सुबह 10 बजे से शुरू करेंगे। 

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पुलिस ने सुबह के लिए टरका दिया

आप वही जाइये जबकि दिव्या की बहन बदहवास हालात में थी परेशान थी लेकिन बावजूद इसके थाने पहुंची युवती को खाकी का सेवा सुरक्षा और सहयोग जैसा कुछ भी नही मिला। दिव्या की बहन ने अपनी माँ को थाने में बुलाया और दोनों ही सेक्टर 14 पुलिस थाने में पहुंचे पुलिस कर्मियों से न्याय की गुहार लगाई और थाने में बैठे पुलिस कर्मियों ने दिव्या की बहन की बात ड्यूटी अधिकारी से करवाई और ड्यूटी अधिकारी नेकहा क़ी अब रात बहुत है आप शिकायत दे जाओ और सुबह 10 बजे आना क्योकि तफ़्तीश तो सुबह 10 बजे ही शुरू होगी। 

"फोन कॉल लोकेशन से कर रही थी बहन दिव्या की तलाश"

दिव्या की बहन की बातों पर यकीनं करें तो मुंबई में हुए संदीप गाड़ौली के एनकाउंटर केस के बाद उसकी बहन 25 जुलाई 2023 को ही जमानत पर जेल से रिहा हुई थी। और जेल से बाहर आने के बाद से ही उसकी जान को खतरा था। इसी के लिए दिव्या पाहुजा अपनी बहन और अपनी माँ सोनिया के साथ साथ  पिता की लाइव लोकेशन से जुड़ी रहती थी। 

दिव्या पाहुजा की लोकेशन शेयरिंग उसकी बहन के साथ थी जिससे बात इतनी जल्दी खुल गई

दोनों फोन में दो अलग अलग लोकेशन से मामला गहराया

2 जनवरी की दोपहर 12 बजे जब आखरी बार उनकी बात दिव्या से हुई तो उसके बाद शाम जब 6 बजे तक दिव्या का कोई मैसेज कोई फोन उंसके पास नही आया। तब उसकी बहन ने दिव्या के सैमसंग फोन को चेक किया तो लोकेशन साउथएक्स दिल्ली की आ रही थी, जबकि आईफोन की लोकेशन अभिजीत सिंह के होटल The City Point के थोड़ी दूर की आ रही थी। दिव्या को लेकर परेशान बहन ने जब अभिजीत से फोन पर बातचीत की तो अभिजीत ने उसको गुमराह करते हुए कहा की दिव्या उसी के साथ थी लेकिन साढ़े 11 बजे वो घर के लिए निकल गयी। जिससे परेशान होकर दिव्या की बहन अपनी गाड़ी से ही शाम तकरीबन साढ़े 7 बजे दिल्ली साउथएक्स अभिजीत के घर पहुंची जहाँ बलराज गिल मौजूद था और बलराज गिल ने ही उसे दिव्या का सैमसंग मोबाइल उसे सौंपा था जिसे दिव्या की बहन ने गुरुग्राम पुलिस को दिया। उसकी माने तो उसकी बहन दिव्या न तो ब्लैकमेलर थी और न ही उसके फोन से कोई अश्लील वीडियो जैसा बरामद किया है जिसका दावा गुरुग्राम पुलिस के अधिकारी करने में लगे है जबकि दिव्या का आईफोन अभी भी लापता है ....

"और जब होटल के बाहर ही पुलिस कर्मी लड़ने लगे की जब मामला न्यू कालोनी का है तो तुमने इनको सेक्टर 14 थाने में क्यो भेजा"

म्रतका की छोटी बहन की माने तो वो दिल्ली साउथ एक्स से साढ़े 7 बजे फिर से होटल The City Point पहुंची और केयर टेकर अनूप से सीसीटीवी दिखाने की जिद करने लगी लेकिन अनूप सीसीटीवी दिखाने को तैयार नही था। अभिजीत से फोन पर बात कर उसे पुलिस की धमकी दी तो अभिजीत ने उसे फिर गुमराह किया। उस वक़्त अभिजीत उसी होटल में ही मौजूद था। वो उतरकर नीचे रिसेप्शन में आया और दिव्या की बहन को बरगलाने लगा। लेकिन अभिजीत सीसीटीवी दिखाने को तैयार नहीं था। अभिजीत के व्यवहार से भन्नाई दिव्या की बहन जब पुलिस की धमकी देने लगी तो अभिजीत ने उसको दिव्या का पैन और अधार कार्ड भी दिया। इसके बाद उसका शक और गहरता चला गया कि हो न हो दिव्या के साथ कही कोई घटना जरूर हुई है जिसे अभिजीत ,बलराज और होटल का केयर टेकर अनूप छुपाने में लगे थे। 

"सर अगर पुलिस ने सही से और सही समय पर हमारी मदद की होती तो दिव्या का शव होटल के कमरे से ही बरामद हो सकता था"

दिव्या की बहन की माने तो अगर गुरुग्राम पुलिस ने उसे यह से वहां चक्कर कटवाने से ज्यादा मेरी बहन की तफ़्तीश में लगाया होता तो न केवल मेरी बहन का शव होटल से बरामद होता बल्कि उसका आईफोन व वारदात में शामिल अन्य लोग भी पुलिस की गिरफ्त में होते। दिव्या की बहन का कहना है कि वो रात के डेढ़ बजे सेक्टर 14 पुलिस के साथ होटल the city point पहुंचे थे होटल की सभी लाइट्स बंद थी। और कमरा नंबर 114 में हत्यारोपी अभिजीत नशे में टल्ली होकर सोया था। कमरा नंबर 114 से ही दिव्या का ब्लेजर बरामद हुआ उसकी चप्पल व अन्य सामान बरामद हुआ लेकिन बावजूद इसके पुलिस का कोई आला अधिकारी मौके पर नहीं आया। 

घरवालों का पुलिस पर आरोप है कि दिव्या पाहुजा की लाश को छुपाने का आरोपियों को पूरा पूरा मौका दिया गया

गुरुग्राम पुलिस ने होटल के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया तो हत्या की इस खौफनाक वारदात से पर्दा फाश होता चला गया। .लेकिन तब तक सुबह के 8 बज चुके थे और बीएमडब्लयू गाड़ी में शव को लेकर फरार हुए बदमाश कही के कही पहुंच शव को ठिकाने तक लगा चुके थे। दिव्या की छोटी बहन की माने तो सुबह 8 बजे तक भी पुलिस की किसी भी टीम को दिव्या के शव को लेकर फरार हर बदमाशो के पीछे नहीं भेजा गया क्योंकि पुलिस ने तो ठान ही रखा था के उनकी तफ़्तीश तो सुबह 10 बजे ही शुरू होनी है

"कमरा नंबर 111 में की गई थी दिव्या पाहुजा की हत्या कमरे का मंजर बेदद डरावना और हैरत में डालने वाला था"

दिव्या की बहन का दावा है कि जब हम देर रात तकरीबन डेढ़ बजे होटल में पहुंचे तो वहां पहले से अनूप और रिसेप्शन पर खड़ा बुजुर्ग मौजूद था। पुलिस ने पहले हमारा नंबर 114 को खंगाला जहाँ हत्यारोपी अभिजीत बिस्तर पर सोया था जबकि केयर टेकर अनूप लगातार कहता आ रहा था कि अभिजीत दिल्ली चला गया। और जब  कमरा नंबर 111 को खोलने की कोशिश की गई तो उसकी चाबी होटल केयर टेकर के पास नहीं थी। दरवाजे को पुलिस की मौजूदगी में पत्थरों से तोड़ा गया और कमरे के अंदर बेड पर खून से सने कपड़े पड़े थे कमरे के पर्दे और दीवार का खून था कमरे के फर्श को पानी और पेट्रोल से साफ किया गया था यानी अब साफ हो चुका था के दिव्या की हत्या कर दी गयी है लेकिन उसका शव कहां गया 6 दिन बीत जाने के बावजूद गुरुग्राम पुलिस इसका सुराग लगाने में अभी तक नाकाम साबित होती आ रही है। 

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