मोरबी पुल हादसा: अदालत में खुल गया राज़, पुल बनाने की तमीज़ थी नहीं फिर भी मिल गया ठेका !

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मोरबी पुल हादसा: अदालत में खुल गया राज़, पुल बनाने की तमीज़ थी नहीं फिर भी मिल गया ठेका !
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Morbi Bridge Accident: गुजरात (Gujarat) के मोरबी में केबल पुल हादसे के सिलसिले में गिरफ्तार (Arrest) नौ लोगों में से चार लोगों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार को पुलिस हिरासत में भेज दिया है जबकि बाकी पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।

अदालत ने पुल की मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरेवा ग्रुप के दो मैनेजरों और दो सब-कांट्रैक्टर को शनिवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।

Morbi Bridge Accident: सरकारी वकील के मुताबिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम. जे. खान ने सुरक्षा गार्ड और टिकट बुक करने वाले क्लर्क समेत गिरफ्तार पांच लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है क्योंकि पुलिस ने उनकी हिरासत नहीं मांगी थी। इस संबंध में अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को अदालत को बताया कि मोरबी के केबल पुल की मरम्मत का काम जिन ठेकेदारों ने किया, उनके पास इसको करने की योग्यता ही नहीं थी।

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Morbi Bridge Accident: रविवार की शाम मोरबी का हैंगिंग केबल पुल गिरने से अभी तक 135 लोगों की मौत हुई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकारी वकील ने कहा कि पुल की फ्लोरिंग को बदल दिया गया था लेकिन उसके तार नहीं बदले गए थे और पुराने तार नयी फ्लोरिंग का वजन नहीं उठा सके।

Morbi Bridge Accident: पुलिस के मुताबिक सोमवार को नौ लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में मामला दर्ज किया। अदालत ने जिन चार लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा है उनमें ओरेवा के प्रबंधक दीपक पारेख और दिनेश दवे, मरम्मत का काम करने वाले ठेकेदार प्रकाश परमार और देवांग परमार शामिल हैं।

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Morbi Bridge Accident: फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला यानी एफएसएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पांचाल ने अदालत को बताया कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों का मानना है कि नयी फ्लोरिंग के वजन के कारण पुल का मुख्य तार टूट गया।

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Morbi Bridge Accident: पांचाल ने पत्रकारों को बताया, ‘‘फॉरेंसिक रिपोर्ट हालांकि सीलबंद लिफाफे में पेश की गई थी, लेकिन रिमांड अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह कहा गया कि मरम्मत के दौरान पुल के तार नहीं बदले गए थे और सिर्फ फ्लोरिंग बदली गई थी... फ्लोरिंग में चार परत एल्यूमिनियम की चादर लगाने के कारण पुल का वजन बढ़ गया और वजन के कारण तार टूट गया।’’

Morbi Bridge Accident: अदालत को यह भी बताया गया कि मरम्मत का काम कर रहे दोनों ठेकेदार इस काम को करने की ‘‘योग्यता नहीं रखते थे।’’ सरकारी वकील के मुताबिक इसके बावजूद, ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल की मरम्मत का काम सौंप दिया गया। इसलिए आरोपियों की हिरासत आवश्यक है क्योंकि यह पता लगाने की जरूरत है कि उन्हें क्यों चुना गया और किसके कहने पर उन्हें चुना गया।

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