बीकॉम-बीए की परीक्षा में लिखी कामसूत्र सेक्स कथा, रंगीन प्रेम काहानियां, प्रिसिंपल शिक्षकों को भद्दी गालियां, मिला शून्य लगा जुर्माना

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जांच जारी
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सूरत से संजय सिंह राठौड़ की रिपोर्ट

Gujarat Surat News: गुजरात के सूरत में परीक्षा कॉपियों की जांच में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी की बीकॉम-बीए परीक्षा में छह छात्रों को शून्य अंक दिए गए है साथ ही 500 रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि इन 6 छात्रों ने परीक्षा प्रश्न के सवाल के जवाब में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था, जिसमें एक छात्र ने कामसूत्र की कहानी लिखी है तो दूसरे छात्र ने साथी छात्र-छात्रा की प्रेम कहानी लिख दी। इतना ही नहीं चार छात्रों ने प्रिंसिपल, प्रोफेसर और मैडम के नाम के साथ अपशब्द लिखे थे।

छात्र ने कामसूत्र की कहानी लिखी

विश्वविद्यालय ने 6 छात्रों के लिए सुनवाई रखी थी जिसमें छात्रों ने अपनी गलती मानते हुए लिखित रूप में विश्व विद्यालय से माफी मांगी है। अमूमन देखा गया है कई छात्र उत्तर पुस्तिका में अभद्र भाषा लिखते हैं और ऐसे मामले अक्सर आते रहते हैं। जिससे पता चलता है कि यह छात्र का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। अब अगर कोई भी छात्र अभद्र भाषा लिखेगा तो उससे 100 रुपए चार्ज लिया जाएगा। 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और मनोचिकित्सक से मानसिक रूप से स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र प्रिंसिपल को जमा करना होगा। यदि यह प्रमाणपत्र परीक्षा विभाग में जमा कर दिया जाए तो अगली परीक्षा का फॉर्म भरा जा सकता है।

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छात्र-छात्रा की प्रेम कहानी लिख दी

वीर नर्मद यूनिवर्सिटी के बीए की परीक्षा में पूछे गये प्रश्न के जवाब में तो एक छात्र ने सवाल के जवाब में कामसूत्र की कहानी लिख डाली। जिसमें उन्होंने पूरी कहानी विस्तार से बताते हुए लिखा है। बीकॉम के चार छात्रों ने परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर लिखने में समय बर्बाद कर दिया। जिसमें किसी ने प्रिंसिपल के नाम के साथ गाली लिखी है तो किसी ने प्रोफेसर और मैडम के नाम के साथ गाली लिखी है। यूनिर्वर्सिटी ने उन छात्रों को भी मौका दिया है जिन्होंने लिखित में माफी मांगी है साथ ही उस विषय में शून्य अंक वालों को 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

छात्रों ने प्रिंसिपल, प्रोफेसर और मैडम को गालियां

इस मामले पर वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर किशोर सिंह चावड़ा ने बताया कि इन छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मेडिकल फेकल्टी के प्रोफेसरों की उपस्थिति में सुनवाई की गई, जिसमें वे स्वस्थ पाए गए।  हमने उन्हें लिखित में माफी मांगने का मौका दिया है.  इसके अलावा ऐसे मामलों के लिए सजा में भी संशोधन किया गया है, जिसमें अब अगर कोई परीक्षा में इस तरह के अश्लील शब्द लिखता है तो उसे मानसिक फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा परीक्षा देने के बाद ही फॉर्म भरने की अनुमति दी जाएगी।

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