गुजरात का हाईटेक कातिल, टेक्नोसेवी निकला बीजेपी नेता का हत्यारा, तीन महीने तक धान के खेत में सोता रहा! ये है पूरी कहानी।

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गुजरात का हाईटेक कातिल, टेक्नोसेवी निकला बीजेपी नेता का हत्यारा, तीन महीने तक धान के खेत में सोता र...
जांच में जुटी पुलिस
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Gujarat Crime News: गुजरात में बीजेपी नेता राकेश मेहता का मर्डर कर फरार हो गया था मोंटू उर्फ सुरेश चन्द्र गांधी. वह पुलिस के चंगुल से बड़ी ही आसानी से निकल कर अंडरग्राउंड हो गया था. जिसके बाद उसके बारे में कुछ भी पता चलता था तो वह बेकार हो जाता था. पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी गायब हो जाता था. टेक्नॉलजी की मदद से खुद को बचाता रहा है. 

जुलाई में मिली थी जमानत

दरअसल, आरोपी मोंटू ने बीजेपी नेता की पिट-पिटकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था. लेकिन, जुलाई में आरोपी को अदालत से 15 दिन की जमानत मिली थी. इसके बाद वह कभी जेल नहीं लौटा. आरोपी ने खुद को बचाने के लिए ऐसी चाल चली. जिससे वह कहां है इसका पता किसी को नहीं चलता था. जब तक पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंचती तब तक वह वहां से नौ दो ग्यारह हो जाता था. जिसके बाद से पुलिस को अब उसे ढुंढना बहुत मुश्किल हो गया था. 

4 फास्टैग, 2जी के कई सिम का राज़

आरोपी ने टेक्नॉलजी का ऐसा इस्तेमाल किया. जो पुलिस को भी कभी समझ नहीं आया. मोंटू ने 4 फास्टैग लिए हुए थे. चारों फास्टैग अलग-अलग कार के नाम से रजिस्टर थे, लेकिन कारों का रजिस्ट्रेशन नंबर एक ही था. जैसे ही पुलिस को इसके होने की जानकारी मिलती वैसे ही फास्टैग की मदद से इसकी तलाश शुरू कर देती पर फिर पुलिस को पता चलता कि कार कोई और है और रजिस्ट्रेशन नंबर कोई और. कुछ टोल बूथ पर पुलिस ने चेक किया तो पता चला कि आरोपी इनोवा कार का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन फास्टैग रेंज रोवर कार का है. सिर्फ इतना ही नहीं आरोपी ने अपने पास 2g के भी कई सिम रखे हुए थे. आरोपी किसी भी सिम का इस्तेमाल ज्यादा दिनों तक नहीं करता था. जैसे ही पुलिस आरोपी का नंबर ट्रेस करके उसको पकड़ने की कोशिश करती वैसे ही वो अपनी सिम बदल लेता. 

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कभी गेस्ट तो कभी खेत में सोता था आरोपी 

15 सितंबर को पुलिस को जानकारी मिली थी कि आरोपी देहरादून में है. लेकिन आरोपी इस बार भी पुलिस को चकमा देके फरार हो गया था. बता दें कि आरोपी किसी भी होटल में ज्यादा दिन तक नहीं रुकता था. जैसे ही उसे पुलिस का शक होता था. वैसे ही वह खुद को बचाने के लिए धान के खेत में अपनी रात गुजारने लगता था और खुद को बचा लेता था. इसी तरह वह कभी खेत तो कभी गेस्ट हाउस में तो कभी फास्टैग की मदद से खुद को बचातो रहा और पुलिस को चकमा देता रहा. लेकिन अब आखिरकार पुलिस ने उदयपुर से उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया है. 

Note : ये खबर क्राइम तक में internship कर रही निधी शर्मा ने लिखी हैं.

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