गोरखपुर कांड : पल पल, क्या - क्या हुआ, उस रात का पूरा सच, मौके पर मौजूद मनीष के दोस्तों से सुनें - उस रात होटल में क्या क्या हुआ?

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गोरखपुर कांड : पल पल, क्या - क्या हुआ, उस रात का पूरा सच,मौके पर मौजूद मनीष के दोस्तों से सुनें -...
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गजेंद्र त्रिपाठी के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

गोरखपुर के होटल में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के साथ उस रात क्या क्या हुआ, किसने किसको क्या क्या बोला। आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते है। दरअसल, दो चश्मदीदों ने खुलकर रात का सच बयां किया है। ये दो चश्मदीद मनीष गुप्ता के दोस्त हैं जो कि उस वक्त कमरे में मनीष के साथ मौजूद थे, जब वहां पुलिसवाले आए थे।

मनीष गुप्ता के दोस्त प्रदीप कुमार और हरबीर सिंह गुरुग्राम के रहने वाले हैं, दोनों गोरखपुर में मनीष के साथ थे। दोस्तों का कहना है कि मामूली कहासुनी इतनी बढ़ गई थी कि मामला मारपीट तक पहुंच गया था। प्रदीप ने बताया कि रात को करीब 10.30 बजे वे लोग डिनर करने बाहर गए थे। फिर करीब 11.30 बजे होटल में वापस आए। 12-12.15 के करीब 7-8 पुलिसवालों ने कमरे का गेट खटखटाया। उन लोगों ने आईडी मांगी। इसपर प्रदीप ने अपनी और हरबीर की आईडी पुलिस को दिखा दी। पुलिस ने मनीष गुप्ता को उठाया जो कि सोए हुए थे। उनसे भी आईडी मांगी गई। प्रदीप के मुताबिक, इसके बाद पुलिसवालों ने उन लोगों से बैग दिखाने के लिए कहा। इस पर मनीष ने कहा कि आप लोग हमें इतनी रात को क्यों परेशान कर रहे हैं? क्या हम आपको आतंकी लगते हैं? आईडी भी हमने आपको दिखा दी है। प्रदीप के मुताबिक, इसके बाद तू तू मैं मैं बढ़ी तो पुलिस वालों ने उन लोगों को मारना शुरू कर दिया।

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अब सवाल ये उठता है कि आखिर तू तू मैं मैं में में क्या क्या कहा गया, जिससे दोनों ही एगो हर्ट हुई। आरोप है कि इस दारौन पुलिस वालों ने हरबीर को भी पीटा। देखते ही देखते मनीष गुप्ता को एक पुलिसवाले ने पीछे से मारा, जिससे वह सीधा मुंह के बल जमीन पर गिर गया। मुंह जमीन से टकराने पर मुंह से खून आने लगा था।

मनीष को बेसुध देख क्या किया पुलिस वालों ने

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पुलिसवाले आनन-फानन में मनीष और हरबीर को हॉस्पिटल ले गए। वे पहले जिस हॉस्पिटल में गए, वहां से उनको BRD हॉस्पिटल भेजा गया क्योंकि मनीष की हालत गंभीर थी। प्रदीप का कहना है कि पुलिसवाले हरबीर को वहीं छोड़कर एंबुलेंस करके मनीष को अपने साथ ले गए थे। हरबीर जब प्रदीप के पास पहुंचे तो 1.30 बजे करीब दोनों मिलकर BRD हॉस्पिटल पहुंचे। वहां भारी पुलिस फोर्स मौजूद थी, जिसने उनको अंदर नहीं जाने दिया। मनीष गुप्ता के दोस्त ने उस बात को गलत बताया जिसमें उनके नशे में होने की बात कही जा रही है। प्रदीप ने इस चीज को भी बेबुनियाद बताया कि मनीष जब सोकर उठे तो उनका पैर फिसला जिससे वे गिर गया।

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तो बीजेपी के नेता को फोन करने पर भड़क गए थे पुलिस वाले

मनीष के दूसरे दोस्त हरबीर ने कहा कि पुलिस के आने पर उन्होंने ही दरवाजा खोला था। पुलिवाले उनसे बैग की चेकिंग कराने को कह रहे थे। हरबीर के मुताबिक, जब मनीष ने ID दिखाने के बाद बैग चेकिंग पर आपत्ति जताई तो पुलिसवाले भड़क गए। हरबीर के मुताबिक, पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता से कहा था कि क्या तुम पुलिसवालों को बताओगे कि कैसे काम होता है? वहीं हरबीर से कहा कि तू एक रात थाने में रहेगा तो अक्ल आ जाएगी। हरबीर के मुताबिक, मनीष ने जब अपने रिश्तेदार दुर्गेश वाजपेयी (बीजेपी नेता) को फोन किया तो पुलिसवाले भड़क गए थे।

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