Goa Murder Update: सूचना सेठ को लेकर नया सनसनीखेज खुलासा, वकील की दलील से उलझा केस
Goa Murder Case Update: गोवा मर्डर केस में एक नया और सनसनीखेज खुलासा सामने आया है जिसमें सूचना सेठ के वकील ने पुलिस की दी गई रिपोर्ट को ही झूठा साबित कर दिया।
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Goa Murder Case Update: क्या सूचना सेठ की दिमागी हालत वाकई खराब है? या फिर पुलिस की जांच को भटकाने का ये कोई उसका हथकंडा है? इस बात की चीरफाड़ करने से पहले आपको एक पुरानी फिल्म के एक मशहूर सीन की तरफ ले चलते हैं। उस फिल्म में सनी देयोल का एक डायलॉग था...तारीख पे तारीख ...तारीख पे तारीख...1993 में राजकुमार संतोषी की बनाई दामिनी फिल्म का ये डायलॉग बच्चे बच्चे की जुबान पर है। उसी फिल्म का एक सीन था जिसमें कोर्ट के भीतर वकील इंद्रजीत चड्ढा यानी अमरीश पुरी अपने तर्क और अपनी दलीलों से इस बात को साबित करने की कोशिश करते हैं कि दामिनी यानी मीनाक्षी शेषाद्री दिमागी तौर पर पागल है, और कोर्ट का ये सारा बखेड़ा उसकी दिमागी हालत का ही जीता जागता सबूत है। लेकिन फिल्म के हीरो सनी देयोल अपने तर्कों से इंद्रजीत चड्ढा को गलत साबित कर देते हैं।
कोर्ट में वकीलों की दलीलें
गोवा में सूचना सेठ वाले केस में अब करीब करीब वही हालत नजर आने लगी है। क्योंकि अब यहां सूचना सेठ और पुलिस के वकील अदालत के भीतर इसी बात को लेकर भिड़े हुए हैं। पुलिस का दावा है कि सूचना सेठ की दिमागी हालत एकदम दुरुस्त है जबकि सूचना सेठ के वकील का तर्क है कि पुलिस जिस रिपोर्ट का हवाला देकर ये दावा कर रही है वो रिपोर्ट ही गलत है, जबकि असलियत ये है कि सूचना सेठ वाकई मानसिक तौर पर बीमार है। और पुलिस ने जो उसकी मानसिक फिटनेस रिपोर्ट पेश की है..वो सरासर गलत है। सूचना के वकील का कहना है कि उसकी क्लाइंट को सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) नाम की बीमारी है। ये एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिसमें इंसान की सोच भावनाएं और व्यवहार काबू में नहीं रहते।
सूचना सेठ की असलियत है क्या?
सवाल यही उठता है कि आखिर इतने संगीन इल्जाम में घिरी सूचना सेठ की असलियत है क्या? क्योंकि गोवा में चार साल के बच्चे के मर्डर केस के खुलासे के बाद सूचना सेठ के बारे में जो जो बातें और किस्से सामने आए उन्होंने पूरे देश को बुरी तरह झकझोरकर रख दिया था। और उसी दौरान ये बात भी निकलकर सामने आ गई थी कि सूचना सेठ ने हत्या की वारदात के बाद खुद को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की थी। उसने न तो पुलिस की पूछताछ में हत्या की बात कबूल की और न ही किसी ऐसी बात का जिक्र किया जिससे हत्या का पूरा सच सामने आ सके। बल्कि अपनी बातों और हरकतों से उसने पुलिस को चकमा देने की भी कोशिश की।
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सूचना माइंड गेम खेल रही?
इतना ही नहीं बच्चे की हत्या की जांच के दौरान ये बात भी खुली कि सूचना पुलिस के साथ लगातार माइंड गेम खेल रही है। और उसने इस दिशा को भटकाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। उसी दौरान जब पुलिस ने सूचना सेठ का सामना उसके उस पति वेंकट स्वामी से करवाया, जिसका हवाला देकर वो इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही थी, तो उसने पुलिस के सामने ही ऐसा सीन क्रिएट किया ताकि लोगों को लगने लगे कि वाकई वो मानसिक तौर पर एक बीमार महिला है।
मेंटल असेसमेंट रिपोर्ट
लिहाजा पुलिस ने उसकी मानसिक हालत को देखते हुए एक मेंटल असेसमेंट रिपोर्ट तैयार करनी शुरू की। मनोवैज्ञानिकों से उसकी जांच करवाई गई। सूचना को ऐसे सवालों के सामने रखा गया जिससे उसकी मानसिक हालत का सही सही अंदाजा लगाया जा सके।
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स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से रिपोर्ट तैयार करवाई
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में ये तस्वीर साफ कर दी कि सूचना सेठ मानसिक रूप से पूरी तरह फिट है और उसने पूरे होशोहवास में अपने 4 साल के बेटे का कत्ल किया। ये खुलासा पुलिस ने गोवा की बाल अदालत में किया था। पुलिस ने ये सारी बातें अपनी उस रिपोर्ट के हवाले से अदालत में जिसमें बताया गया है कि सूचना सेठ की मानसिक स्थिति खराब नहीं है। क्योंकि पुलिस ने सूचना सेठ की मेंटल स्थिति की स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम से जांच कराने के बाद ही रिपोर्ट तैयार करवाई थी।
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सूचना के वकील का बड़ा दावा
लेकिन अब एक बार फिर सूचना के वकील अरुण ब्राड डे सा ने सामने आकर पुलिस की रिपोर्ट को गलत साबित करते हुए ये दावा कर दिया कि वो मानसिक तौर पर बीमार है। सूचना सेठ के वकील ने कोर्ट से मांग की है कि उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच करने के लिए मनोचिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड बनाया जाना चाहिए। हालांकि पुलिस की तरफ से सूचना के वकील की दलील का विरोध किया गया और दावा किया गया है कि सूचना मानसिक तौर पर पूरी तरह से फिट है। वो हर सवाल का सोच समझकर ही जवाब दे रही है।
सूचना सेठ का बायोडाटा
अपनी इस रिपोर्ट के साथ साथ पुलिस ने सूचना सेठ का बायोडाटा भी अदालत के सामने पेश किया, जिसमें सूचना की क्वालिफिकेशन और उसकी दिमागी ताकत का अंदाजा भी मिल सके। सूचना सेठ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एथिक्स एक्सपर्ट, डेटा साइंटिस्ट और स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल एआई लैब की फाउंडर और सीईओ है। इसके अलावा पुलिस का ये भी तर्क है कि जिस तरह पुलिस ने सूचना सेठ को कर्नाटक के चित्रदुर्ग इलाके में आईमंगला पुलिस स्टेशन पर पकड़ा। वो हालात भी बहुत कुछ कहते हैं। जो इस बात को साबित करने के लिए काफी हैं कि वो कितनी शार्प और कितनी शातिर है।
सूचना की हरकतों का खुलासा
पुलिस ने अदालत के सामने अपने तर्कों और गवाहों साथ ये तर्क भी रखा कि हत्या करने के बाद सूचना सेठ रात एक बजे 30 हजार रुपये में कैब करके होटल से बेंगलुरू के लिए निकल गई थी। अगली सुबह होटल के कमरे में खून मिलने पर होटल के मैनेजर ने कलिंगुट थाने की पुलिस को इत्तेला दी। तब गोवा पुलिस ने एक्शन में आते हुए सूचना को लेकर गए कैब के ड्राइवर को फोन करके कार को नजदीकी थाने में ले जाने को कहा। इसके बाद ड्राइवर ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग इलाके के आईमंगला पुलिस स्टेशन में गाड़ी रोककर वहां के पुलिसकर्मियों की गोवा पुलिस से बात कराई। गोवा पुलिस ने महिला के सामान की तलाशी लेने को कहा और इनोवा कार में रखे बैग की तलाशी के दौरान उसमें बच्चे की लाश मिली और फिर उसके बाद ही पुलिस ने सूचना सेठ को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने सूचना सेठ के कैब के जरिए गोवा से बेंगलुरू जाने पर भी सवाल उठाए क्योंकि वो गोवा से बेंगलुरू उसी तरफ फ्लाइट से भी जा सकती थी, जिस तरह वो बेंगलुरू से गोवा आई थी।
पति के वकील ने उलझा दिया पेंच
हालांकि पुलिस की अपनी दलीलें और सुराग सबूत सब कुछ अदालत के सामने होने के बावजूद इस केस में उस वक़्त एक पेंच सा उलझ गया जब खुद सूचना सेठ के पति और उसके घरवालों ने भी इसी दलील का समर्थन किया कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। अपनी इस दलील के लिए सूचना के पति के वकील का दावा है कि उसका स्टार्टअप अस्तित्व में ही नहीं है। ऐसे में मामला फिर से उलझने सा लगा है...
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