22 साल की लड़की के साथ 77 साल का बुजुर्ग गोवा के अपने आलीशान विला में कर रहा था पार्टी, फिर हुआ मर्डर?
Goa Murder : गोवा में 22 साल की एक लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ 77 साल के होटल मालिक की हत्या कर दी।
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गोवा से रितेश देसाई के साथ मुंबई से दिव्येश सिंह
Goa Murder: बमुश्किल 28 रोज पहले गोवा पुलिस ने अपनी सूझबूझ से 4 साल के बेटे के क़त्ल की आरोपी एक सीईओ सूचना सेठ को कर्नाटक से गिरफ्तार करवा लिया था। तब सूचना उत्तरी गोवा के कैंडोलिम से चित्रदुर्ग के आईमंगला तक 385 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी थी। लेकिन टैक्सी ड्राइवर की मदद से उसकी लोकेशन ट्रैक कर गोवा पुलिस ने उसे बच्चे की लाश के साथ पकड़ लिया।
गोवा पुलिस की मुस्तैदी
लेकिन इस बार गोवा पुलिस ने क़त्ल के एक दूसरे मामले में मुस्तैदी की वैसी ही मिसाल पेश की। इस बार गोवा पुलिस ने एक अमीर कारोबारी के क़त्ल के सिलसिले में गोवा से करीब 470 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के पेण इलाके से दो संदिग्ध क़ातिलों को दबोचा है। फ़र्क बस इतना है कि पिछली बार गोवा पुलिस का साथ उस मिशन में कर्नाटक पुलिस ने दिया था और इस बार नवी मुंबई की पुलिस ने गोवा पुलिस के बताने पर गुनहगारों को दबोचा है। इत्तेफाक से एआई कंपनी की सीईओ सूचना सेठ के हाथों अपने ही चार साल के बेटे के क़त्ल का मामला जितना अजीब और रहस्यमयी था, गोवा में एक होटेलियर के क़त्ल की ये कहानी कुछ उतनी ही अजीब और उलझी हुई है।
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हाईप्रोफाइल इलाके में मर्डर
उत्तरी गोवा का पिलेर-ने-मारा इलाक़ा। वैसे तो पूरा का पूरा गोवा ही एक टूरिस्ट डेस्टिशन के तौर पर दुनिया भर में मशहूर है लेकिन गोवा का ये इलाक़ा अपने हाई प्रोफाइल विलाज़ और शानदार हॉस्पिटैलिटी के लिए अलग पहचान रखता है। रविवार, 4 फरवरी, सुबह 7.30 बजे। इसी पिलेर-ने-मारा इलाके से रविवार की सुबह गोवा पुलिस को एक कॉल आती है। कॉल करने वाला बताता है कि यहां एक विला में एक शख्स की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है। मरने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद उस विला का मालिक है नरोत्तम सिंह ढिल्लों है। 77 साल के नरोत्तम सिंह उर्फ निम्स ढिल्लों की गितनी इलाके के रइसों में होती थी, जो इस पिलेर-ने-मारा इलाके में सिर्फ एक नहीं बल्कि तीन-तीन आलीशान विलाज़ के मालिक थे। इनमें एक विला का इस्तेमाल तो वो खुद अपनी रिहायश के तौर पर करते थे, जबकि बाकी के दो विलाज़ को उन्होंने गेस्ट हाउस बना रखा था। ढिल्लों की एक और भी पहचान थी, वो ये कि वो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के चचेरे भाई थे। अब एक इतने अमीर और प्रभावशाली कारोबारी की रहस्यमयी हालत में मौत की खबर अपने-आप में काफी गंभीर बात थी। लिहाज़ा गोवा की परवोरिम थाने की पुलिस आनन-फानन में ढिल्लों के विला में आ पहुंची।
हत्या और फिर चोरी
खबर सही थी। यहां वाकई विला के अंदर ढिल्लों की लाश उनके बिस्तर पर पड़ी थी। कपड़े अस्त-व्यस्त थे और लाश पर कुछ चोट के निशान भी मौजूद थे, जिन्हें देखने से साफ था कि ढिल्लों की मौत कोई सामान्य मौत नहीं है, बल्कि मौत से पहले उनके साथ मारपीट या ज्यादती की गई है। और तो और जब पुलिस ने लाश को बारीकी से देखा तो पाया कि ढिल्लों का मोबाइल फोन और उनके सोने के जेवर भी गायब थे। ढिल्लों आम तौर पर कड़ा, सोने की चेन और अंगूठियां पहनते थे, लेकिन उनकी जान लेने वाले लोगों ने हत्या करने के साथ-साथ उनसे लूटपाट भी की थी। यानी पहली नजर में ढिल्लों का मामला लूटपाट के लिए क़त्ल का लग रहा था। विला में पहुंची पुलिस, पुलिस के खोजी कुत्ते और फॉरेंसिक टीम ने अपने-अपने तौर पर क़ातिलों के बारे में सुराग़ इकट्ठा करने की कोशिश की। लेकिन इस शुरुआती कोशिश में सिवाय इस नतीजे पर पहुंचने के लिए क़त्ल के पीछे मोटिव लूटपाट का है, पुलिस ज्यादा कुछ पता नहीं लगा सकी।
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सीसीटीवी पर पुलिस की नज़र
लेकिन इसी बीच विला की छानबीन करते-करते पुलिस की नजर एक सीसीटीवी फुटेज पर पड़ी, जो पास की एक दूसरी बिल्डिंग के कैमरे में कैद हुई थी। इस फुटेज के मुताबिक रात करीब साढ़े तीन बजे ढिल्लों के विला से एक कार रवाना हुई थी। पुलिस को ये भी पता चला कि एक नौजवान कपल 3 फरवरी की रात को उनके विला में पार्टी के लिए पहुंचा था। और ढिल्लों और उनके मेहमानों ने रात करीब 2 बजे डिनर लिया था। यानी क़त्ल से पहले वाली रात भी ढिल्लों कुछ लोगों को होस्ट कर रहे थे, उनकी मेहमानवाजी में लगे थे।
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पार्टी करने आए कपल पर टिका शक
जाहिर है ऐसे में पुलिस का शक उन मेहमानों पर ही जाकर टिका, जो ढिल्लों के विला में बीती रात को पार्टी करने पहुंचे थे। अभी पुलिस उनके बारे में कुछ जानकारी जुटाने की कोशिश कर ही रही थी, तब तक पुलिस को पता चला कि बीती रात उनके घर से निकलने वाले लोगों ने विला से बाहर जाने के लिए मेन गेट का नहीं, बल्कि एक खिड़की का सहारा लिया था। असल में सुबह विला के कर्मचारियों को वो खिड़की खुली हुई मिली, जबकि वो आम तौर पर बंद रहती है, जबकि मेन गेट बंद था। इस तरह अब तक की सारी तफ़्तीश ढिल्लों के अनजान मेहमानों पर टिक चुकी थी। लेकिन वो कहां से आए थे, कहां गए, उनकी पहचान क्या है, ये सब एक राज़ बना था।
एक ही थाना दो शिकायतें, अजीब इत्तेफाक
लेकिन लाश मिलने और ढिल्लों के क़त्ल की जांच करने से अलग गोवा के ही परवोरिम पुलिस स्टेशन में बीती रात यानी 3 फरवरी की रात को एक और शिकायत आई थी। ये शिकायत रेंट ए कार के तहत अपनी कार किराये पर देने वाले एक शख्स ने पुलिस से की थी। उसने पुलिस के कहा था कि एक रोज़ पहले एक कपल ने उससे एक कार किराये पर ली थी। रेंट ए कार के तहत ग्राहक कार किराये पर लेकर उसे खुद ही चलाता है, लेकिन बस शर्त ये होती है कि वो कार लेकर स्टेट से यानी गोवा से बाहर नहीं जाएगा लेकिन शिकायत करने वाले का कहना था कि कार लेकर जाने वाले लोग ना सिर्फ गोवा से बाहर मुंबई की तरफ जा रहे हैं, बल्कि उनका फोन भी नहीं उठा रहे।
कपल कार लेकर फरार
इन दोनों मामलों में कुछ इत्तेफाक अजीब थे। अव्वल तो कार लेकर भागने वाला भी एक कपल था और ढिल्लों के कत्ल में भी कपल का हाथ होने का शक था, कार की चोरी भी तकरीबन उसी दौरान हुई थी, जिस दौरान ढिल्लों की हत्या हुई थी। और तो और दोनों ही मामले पारवोरिम थाना इलाके में हुए थे। ऐसे में अब गोवा पुलिस भी इन दोनों केसेज़ को एक दूसरे से जोड़ कर देखने लगी और उसने फौरन कार को ट्रैक करना शुरू किया। कार महाराष्ट्र के नवी मुंबई से मुंबई की तरफ बढ़ रही थी।
नवी मुंबई पुलिस की गिरफ्त में कपल
अब गोवा पुलिस ने फौरन नवी मुंबई पुलिस को उस कार की जानकारी दी, उसका लोकेशन बताया। नवी मुंबई पुलिस ने कार को ट्रैक करना शुरू किया और आखिरकार उसे महाराष्ट्र के ही रायगढ़ जिले में मौजूद पेण इलाके से इंटरसेप्ट कर लिया। गोवा पुलिस की शिकायत के मुताबिक कार में एक कपल मिला, जिसे पुलिस ने फौरन हिरासत में ले लिया। वैसे तो इस जोड़ी के साथ कार में एक और भी शख्स था, जो उनके साथ गोवा गया था, लेकिन वो भागने में कामयाब रहा। इसके बाद शुरू हुआ पूछताछ का सिलसिला। पुलिस दोनों से कार लेकर भागने की वजह जानने के साथ-साथ ढिल्लों के मर्डर के एंगल से भी पूछताछ कर रही थी। पहले तो दोनों ने क़त्ल वाली बात से इनकार किया, लेकिन जब उनकी तलाशी में ढिल्लों के पास से लूटे गए सोने के गहने बरामद हो गए, तो मामला साफ़ हो गया।
पकड़ी गई जोड़ी की पहचान
पकड़ी गई जोड़ी की पहचान जितेंद्र साहू और उसकी फ्रेंड नीटू राहुजा के तौर पर हुई। लेकिन दोनों से हुई पूछताछ के बाद जो कहानी सामने आई, उसने नवी मुंबई पुलिस से लेकर गोवा पुलिस तक का दिमाग़ घुमा दिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस कत्ल के पीछे सिर्फ लूटपाट की वजह नहीं, बल्कि धोखे और बदतमीजी की कहानी छुपी थी। कपल ने पुलिस को बताया कि गोवा के कारोबारी और होटैलियर एनएस ढिल्लों से उनकी मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी। ढिल्लों ने उन्हें अपना परिचय देते हुए गोवा में पार्टी के लिए बुलाया। भोपाल की रहने वाली ये जोड़ी ढिल्लों के इनविटेशन पर गोवा उसके विला में पार्टी करने पहुंची। लेकिन दोनों की मानें तो 3 फरवरी की रात को पार्टी के बाद एनएस ढिल्लों अपनी मेहमान लड़की से बदतमीजी करने लगा। और जब उस कपल के इसका विरोध किया, तो ढिल्लों डराने-धमकाने पर उतर आया। और बस इसी के बाद गुस्से में उनकी ढिल्लों से लड़ाई हो गई और इसी लड़ाई के दौरान उनके हाथों ढिल्लों का क़त्ल हो गया।
कई सवालों के जवाबों की अभी तलाश
जाहिर है, एक सवाल ये भी था कि अगर उन्होंने वाकई गुस्से में आकर ही ढिल्लों की जान ली, तो फिर क़त्ल के बाद उन्होंने ढिल्लों के जेवर और मोबाइल फोन जैसी कीमती चीज़ें क्यों लूट लीं? फिलहाल पुलिस ये जानना चाहती है कि कहीं क़त्ल का मकसद लूटपाट ही तो नहीं था? कहीं ऐसा तो नहीं कि वो लूटपाट के अपने मकसद को छुपाने के लिए ढिल्लों के छेड़छाड़ वाली कहानी सुना रहे हैं? जाहिर है, अब गोवा पुलिस क़त्ल की आरोपी जोड़ी को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी और तभी जाकर पूरी कहानी साफ हो सकेगी..
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