Nafe Singh Murder: दुश्मन गैंग से मिली टिप, गोवा से धरे गए दो शूटर, स्पेशल सेल और झज्जर पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन
Nafe Singh Murder: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में गोवा से दो शूटरों को दबोचा जिन पर नफे सिंह की हत्या का इल्जाम है।
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Nafe Singh Murder Update: दुश्मन का दुश्मन कभी कभी दोस्त बन जाता है। इसी तर्ज पर पुलिस ने नफे सिंह राठी मर्डर में उन शूटरों का पता लगा लिया जिन्होंने ये सनसनीखेज वारदात अंजाम दी। और सबसे दिलचस्प ये है कि इस बारे में पुलिस को टिप कहीं और से नहीं बल्कि हरियाणा के भगोड़े गैंग्स्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के दुश्मनों से मिली।
25 फरवरी को हुई थी हत्या
25 फरवरी यानी पिछले इतवार को शाम सवा पांच बजे इंडियन नेशनल लोकदल यानी इनेलो के नेता नफे सिंह राठी हत्याकांड के बाद से ही कयासों का सिलसिला जारी है। हत्या किसने की, मर्डर किसने करवाया, क्या ये हत्या सुपारी किलिंग है या आपसी रंजिश की वजह से हत्या हुई, या फिर हत्या के पीछे कोई तथाकथित जमीन का झगड़ा है । लेकिन इन्हीं कयासों के बीच ताजा अपडेट ये है कि नफे सिंह को गोलियों से छलनी करने वाले दो शूटर पुलिस ने दबोच लिए।
गोवा से दो शूटर पकड़े गए
खुलासा हुआ है कि पुलिस ने गोवा से दो शूटरों को पकड़ा है जिनका नफे सिंह राठी की हत्या में हाथ हो सकता है। दोनों शूटर दिल्ली के नजफजगढ़ इलाके के रहने वाले हैं। दोनों की पहचान भी होचुकी है। एक का नाम सौरव है जबकि दूसरा आशीष। नांगलोई इलाके के रहने वाले ये दोनों शूटरों का गैंग्स्टर कपिल सांगवान के साथ रिश्ता होने की बात से पुलिस फिलहाल इनकार नहीं कर रही है।
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का ऑपरेशन
असल में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक इनफॉर्मेशन मिली थी। उस सूचना को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने झज्जर पुलिस के साथ साझा किया और एक ज्वाइंट ऑपरेशन लॉन्च कर दिया। इसी ऑपरेशन के तहत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झज्जर पुलिस की एक टीम गोवा रवाना हो गई। वहां उन लोगों ने दो लड़कों को गिरफ्तार किया। जो पिछले छह दिन से आकर यहां अलग अलग ठिकानों पर रह रहे थे।
कार छोड़कर भागे थे शूटर
पुलिस को खबर यही लगी थी कि नफे सिंह राठी की हत्या के बाद उनके शूटर कार को फरीदाबाद के पास छोड़ने के बाद ट्रेन के जरिए भागे हैं। पुलिस की तफ्तीश में ये बात तो साफ हो गई थी कि इस हत्याकांड में चार शूटर शामिल थे। और पुलिस की तफ्तीश के मुताबिक चारो शूटर दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के ही रहने वाले बताए गए।
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दुश्मन गैंग से मिली टिप
असल में पुलिस ने नफे सिंह राठी के शूटरों का पता लगाने के लिए उल्टा रास्ता पकड़ा। कहावत है कि दुश्मन का दुश्मन कभी कभी दोस्त हो जाता है। बस इसी गरज में पुलिस ने शक के आधार पर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के जानी दुश्मन मंजीत महाल गैंग के बदमाशों से इस पूरे वाकये में शामिल शूटरों के बारे में पूछताछ की। कहते हैं कि दुश्मन को अपने दुश्मन की हरेक चाल की पूरी खबर होती है। पुलिस का ये तीर निशाने पर जा बैठा। और मंजीत महाल के गिरोह के बदमाशों ने न सिर्फ शूटरों का नाम का खुलासा कर दिया, बल्कि पुलिस को पूरा क्राइम सीन और मॉडस ऑपरेंडी के साथ साथ दूसरे गैंग के रिश्तों की पूरी कड़ी ही खोलकर रखदी।
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नजफगढ़ के रहने वाले हैं शूटर
पुलिस को खबर मिली थी कि इस हत्याकांड में चार लोग शामिल हैं। अतुल, नकुल, दीपक और आशीष। ये चारो दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के रहने वाले हैं। और इन चारों का नाता गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी के सिंडीकेट से जुड़े गैंग्स्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के गिरोह से है। ये चारो पहले भी कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। लिहाजा पुलिस ने नफे सिंह की हत्या के सिलसिले में इन चारों की तलाश तेज कर दी। मगर ये चारों घर से नदारद मिले। इतना ही नहीं पुलिस को जब इनके दूसरे ठिकानों का पता चला तो वहां भी ये नहीं मिले। इसके बाद पुलिस को मिली वो टिप जिसका उसे बेसब्री से इंतजार था। उसी टिप के सहारे पुलिस ने गोवा का रुख किया और वहां उन्हें लगातार अपना ठिकाना बदल रहे दो लड़कों के बारे में पता चल गया। लिहाजा, तब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऑपरेशन का प्लान किया और झज्जर पुलिस को भी उसमें शामिल कर लिया।
कपिल सांगवान ने ली थी जिम्मेदारी
अपनी जानकारी के मुताबिक पुलिस ने गोवा के एक होटल में छापा मारा जहां सौरव और आशीष छुपे हुए थे। ये ऑपरेशन इतना तेज और सटीक था कि गैंग के गुर्गों को कुछ सोचने और समझने का मौका तक नहीं मिल सका। इससे पहले नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में यूके में छुपा बैठा गैंगस्टर कपिल सांगवान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर ये जिम्मेदारी ली। लंदन में बैठे गैंगस्टर कपिल सांगवान ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उसने ही नफे सिंह को मरवाया है।
दुश्मन से हाथ मिलानेवालों का यही अंजाम
कपिल ने कहा, 'जो मेरे दुश्मन से हाथ मिलाएगा उसका अंजाम यही होगा। मेरे जीजा और मेरे दोस्तों के मर्डर में इसने महल को सपोर्ट किया था। इनकी दोस्ती का मैं साथ में फोटो डाल रहा हूं।' नफे सिंह की गैंगस्टर मंजीत महल से गहरी दोस्ती थी। नफे सिंह मनजीत महल के भाई संजय के साथ प्रॉपर्टी कब्जा करने का काम करता था। पुलिस सूत्रों की मानें तो सांगवान फर्जी पासपोर्ट पर साल 2020 में ही भारत से भाग कर यूके पहुंच गया था। इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया। फिलहाल उसका केस इंटरपोल के पास है, लेकिन ये भी हक़ीक़त है कि वो ब्रिटेन से बैठे-बैठे ही भारत में जुर्म की वारदातों को अंजाम देता रहा है।
एक लाख रुपये का इनाम
इस खुलासे के बाद पुलिस ने मामले में तेजी से तफ्तीश को आगे बढ़ाया और झज्जर पुलिस ने नफे सिंह हत्याकांड में पहचान करने के बाद तीन आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। इसी बीच ये खबर भी सामने आई कि नफे सिंह राठी के दो बेटों को गुरुवार को किसी अज्ञात नंबर से 18 बार धमकी भरी कॉल आई। उनसे हत्या के बारे में मीडिया से बात न करने को कहा गया है। यह जानकारी मृतक नेता के भतीजे कपूर सिंह राठी ने दी थी। उन्होंने बताया कि उनके उनके चाचा के बड़े बेटे भूपिंदर और छोटे बेटे जतिंदर को अज्ञात नंबर से 18 धमकी भरे कॉल आए हैं।
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