इस वजह से हो गया 'लेडी सिंघम' के साथ इतना बड़ा 'फ्रॉड', हैरत भरी है शादी की कहानी

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इस वजह से हो गया 'लेडी सिंघम' के साथ इतना बड़ा 'फ्रॉड', हैरत भरी है शादी की कहानी
लेडी सिंघम की शिकायत के बाद अब पुलिस कर रही है जांच
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Lady Singham: उत्तर प्रदेश में लेडी सिंघम के नाम से मशहूर डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर के साथ हुई ठगी की दास्तां ने सभी को हैरत में डाल दिया। हरकोई इस बात से हैरान भी है और परेशान भी। इसी बात को लेकर हर तरफ चर्चा भी हो रही है कि आखिर जब पुलिस की इतनी बड़ी अधिकारी इस तरह गच्चा खा सकती है तो आम लोगों की बिसात क्या। हालांकि ऐसे किस्सों की कोई कमी नहीं जिसमें पुलिस अफसरों को ठगों ने अपना शिकार बनाया हो। लेकिन कुछ किस्सों में हैरानी हावी हो जाती है। 

फर्जीवाड़े की चारो तरफ चर्चा

महिला डिप्टी एसपी जब फर्जीवाड़े का शिकार हुई तो चारो तरफ चर्चा होने लगी। असल में इस पूरे किस्से में जिस बात ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा वो वाकई गौरतलब है। क्योंकि यहां एक पीसीएस अधिकारी को एक फर्जी आईआरएस अधिकारी के हाथों ठगे जाने का किस्सा सामने है। इस सनसनीखेज मामले में बात न सिर्फ शादी तक जा पहुँची बल्कि लाखों रुपये की धोखाधड़ी का भी मामला सामने आया है। यही वजह है कि जिसने भी इस किस्से को सुना उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। 

श्रेष्ठा टाकुर के साथ हुई धोखाधड़ी पर सभी हैरान हैं

लेडी सिंघम खुद हुई शिकार

अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक जिस पुलिस अधिकारी के साथ ये फरेब हुआ उसका नाम श्रेष्ठा ठाकुर है। श्रेष्टा 2012 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। और मौजूदा वक़्त में उत्तर प्रदेश के शामली में तैनात हैं। श्रेष्टा की पहचान एक तेज तर्रार पुलिस अफसर के तौर पर है और उनकी फितरत के मुताबिक उन्हें लेडी सिंघम भी लोग पुकारते हैं। 

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मेट्रिमोनियल साइट पर मुलाकात

पिछले दिनों खुद श्रेष्ठा ने गाजियाबाद के कौशांबी थाने में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई। उस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में श्रेष्ठा की शादी रोहित राज नाम के एक शख्स के साथ हुई। जिस रोहित से उनकी शादी हुई थी वो उन्हें एक मेट्रीमोनियल साइट पर मिला था। और उसने खुद को 2008 बैच का आईआरएस अधिकारी बताया था। साथ ही साथ उसने ये भी बताया कि वो मौजूदा वक्त में रांची में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर तैनात है। 

नाम के चक्कर में सिंघम

कहा तो यहां तक जा रहा है कि श्रेष्ठा के घरवालों ने आरोपी के बारे में अपने स्तर पर ढंग से पड़ताल भी कर ली थी जिसके मुताबिक उन्होंने रोहित राज की तरफ से मुहैया करवी गई तमाम जानकारियां खासतौर पर उसकी नौकरी के संबंध में जानकारियां उन्हें सही लगी। लेकिन जो शिकायत थाने पहुँची उसके मुताबिक ये सारी गड़बड़ी नामों के मिलने जुलने की वजह से हुआ। और मिलते जुलते नामों का फायदा उठाकर ही रोहित ने श्रेष्ठा के साथ धोखाधड़ी की। असल में जब घरवालों ने इस बात की तसल्ली कर ली की रांची में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर उसी नाम का अफसर है जिसके बारे में उन्हें बताया गया तो वो सारी बातों को मानते चले गए। और फिर श्रेष्ठा और रोहित की शादी हो गई। लेकिन शादी होने के कुछ ही दिनों में फरेब का सारा कच्चा चिट्ठा खुल गया और रोहित का सच सामने आ गया। ये देखकर लेडी सिंघम सन्न रह गई। क्योंकि अब श्रेष्ठा जान चुकी थी कि उसका पति कोई आईआरएस नहीं है बल्कि एक फरेबी है। मगर लोकलाज के डर से और अपनी शादी को बचाए रखने की गरज से लेडी सिंघम खून का घूट पीकर रह गई। 

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अपनी दबंग स्टाइल की वजह से ही लेडी सिंघम बन गई श्रेष्ठा ठाकुर

खुलकर किया ठगी का धंधा

लेकिन श्रेष्ठा की इसी बात ने रोहित की हिम्मत बढ़ा दी और अब वो ठगी का धंधा खुलकर करने लगा। बल्कि एक कदम आगे बढ़कर उनसे अब श्रेष्ठा और उसके पद को भी अपना हथियार बना लिया।  पति की न बर्दाश्त होने वाली हरकतों से तंग आकर श्रेष्ठा ने शादी के दो साल बाद ही रोहित राज से तलाक ले लिया। बावजूद इसके रोहित राज की फरेब की दुकान बंद नहीं हुई और ठगी का धंधा बेधड़क चलता रहा। 

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श्रेष्ठा के इलाके में ठगी की दुकान

आलम ये हुआ कि रोहित राज अब उन जिलों में जाकर ठगी करने लगा जहां श्रेष्ठा ठाकुर की तैनाती हुई थी। तब तंग आकर श्रेष्ठा ने रोहित राज के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया। एक पुलिसअफसर की शिकायत पर महकमा फौरन हरकत में आया और रोहित रोज को गिरफ्तार करके जांच का सिलसिला शुरू कर दिया। 

इसलिए पुलिस अफसर बनना चाहती थी

ये बात बेहद गौर करने वाली है कि श्रेष्ठा का पुलिस अफसर बनना असल में उसका एक सपना भी था। ये वाकया बेहद दिलचस्प भी है कि श्रेष्ठा के पुलिस अफसर बनने की बुनियाद तभी पड़ गई थी जब वो कानपुर में पढ़ाई कर रही थी। उस समय मनचले स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के साथ छेड़खानी करते थे। एक बार जब श्रेष्ठा ऐसी शिकायत के साथ थाने पहुँची तो पुलिस ने उसे टरकाकर वापस भेज दिया। तभी उसने ठान लिया था कि वो आगे चलकर पुलिस अफसर बनेंगी। उसके इस सपने में उसके परिवार ने भी पूरा सपोर्ट किया और 2012 में उसने यूपी पीसीएस की परीक्षा पास की। और डीएसपी बन गई। अपने तेज तर्रार रवैये और फर्ज के रास्ते में हमेशा मुस्तैद रहने की वजह से श्रेष्ठा को यूपी की सबसे तेज तर्रार महिला अफसरों में शुमार किया जाता है और कुछ लोगों ने तो उसे लेडी सिंघम तक कहना शुरू कर दिया। 

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