बंदूकों का साया, गैंगस्टर दूल्हा-लेडी डॉन दुल्हन!

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बंदूकों का साया, गैंगस्टर दूल्हा-लेडी डॉन दुल्हन!
Gangster Kala Jathedi Weds Anuradha chaudhary
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Gangster Kala Jathedi Weds Anuradha chaudhary: आखिरकार काला जठेड़ी और अनुराधा की शादी हो गई। मंगलवार सुबह दस बजे तक दूल्हा जठेड़ी शादी के मंडप पर पहुंचा, इसीलिए उसे पेरोल की मोहलत से एक घंटा पहले बाहर निकाला गया था ताकि अदालत ने शादी के लिए जो 6 घंटे दिए हैं, वो पूरे छह घंटे उसके हिस्से में आए। वो करीब 10 बज कर 17 मिनट पर संतोष गार्डन पहुंचा।

...हथकड़ी खोल दी गई थी

शादी के मंडप में पहुंचने के बाद काला जठेड़ी की हथकड़ी खोल दी गई। इसके बाद उसे तैयार होने की भी इजाजत दी गई। काला जठेड़ी ने जेल के कपड़े बदले। क्रीम कलर का कुर्ता, नीली जैकेट और सेहरा पहन कर को वो दूल्हा बना, जबकि अनुराधा रंग रंग की साड़ी में सजी थी। बैंक्वेट हॉल के अंदर पूरे मंडप में तमाम पुलिस वाले हर पल दूल्हा-दुल्हन के बिल्कुल करीब थे। सुबह के ठीक 11 बजे पंडित जी शादी के मंडप में पहुंचते हैं। मंडप पहले से ही तैयार था। अब दूल्हा दुल्हन की मौजूदगी में मंत्रोच्चारण के बीच शादी की रस्में शुरू होती हैं। अगले दो घंटे तक शादी की रस्में जारी रहती हैं। इस दौरान जयमाला के साथ-साथ दोनों सात फेरे लेकर एक दूसरे के हो जाते हैं। ठीक एक बजे शादी संपन्न होती है। इसके बाद मेहमानों के बधाई देने का सिलसिला शुरू हो जाता है। खाना भी तैयार था। सब कुछ वक्त पर करना था, क्योंकि मोहलत सिर्फ 360 मिनट की थी और घड़ी की सुई लगातार भाग रही थी। मेहमान अपने साथ तोहफे भी लाए थे, जो दूल्हा-दुल्हन को दिए गए। तीन बजे तक खाना-पीना भी पूरा हो गया। अब पुलिस और पुलिस की गाड़ियों की हलचल फिर से शुरू हो जाती है। घड़ी में जैसे ही शाम के चार बजते हैं, उससे कुछ मिनट पहले ही तीन घंटे पुराने दूल्हा-दुल्हन फिर से जुदा हो जाते हैं।

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दुल्हन अनुराधा यानी काला जठेड़ी की रिवॉल्वर रानी जमानत पर बाहर है, लिहाजा वो पुलिस की गिरफ्त में नहीं बल्कि खुद ही अपनी काले रंग की स्कॉर्पियो को ड्राइव करते हुए जठेड़ी गांव से निकली थी। शादी के मंडप यानी संतोष गार्डन पहुंचने के लिए अनुराधा की गाड़ी के साथ डॉन और लेडी डॉन के बाकी रिश्तेदार 8 अलग-अलग गाड़ियों में घर से निकले थे। अनुराधा लाल रंग के सूट में शादी के मंडप में पहुंची। हाथों में मेहंदी सजी थी। मेहंदी से ही उसने अपनी दोनों हथेलियों पर खुद की और जठेड़ी की तस्वीर बनवाई थी। साथ ही दोनों का नाम लिखवाया था। अनुराधा चौधरी और संदीप। अनुराधा सुबह ठीक साढ़े नौ बजे तमाम रिश्तेदारों के साथ शादी के मंडप में पहुंच चुकी थी। मीडिया की भीड़ से वो थोड़ी नाराज भी थी और मीडिया के इन बिन बुलाए मेहमानों पर गुस्सा भी हुई।

शादी के लिए बुक बैंक्वेट हॉल यानी संतोष गार्डन में पुलिस की सुरक्षा पहले से मौजूद थी। एंट्री के लिए बाकायदा मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। बिना पहचान पत्र के किसी भी मेहमान को एंट्री नहीं दी जा रही थी। यहां तक कि बच्चों की भी तलाशी ली जा रही थी। मेहमानों के जूते तक उतरवाए जा रहे थे। फूलों के गुलदस्तों की पत्तियों तक को टटोला जा रहा था। जिन मेहमानों के लिस्ट में नाम थे, लिस्ट के हिसाब से सिर्फ उन्हीं को अंदर एंट्री दी जा रही थी। यहां तक कि बैंक्वेल हॉल के स्टाफ को भी कई सुरक्षा घेरे से गुजरना पड़ा।

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इस तरह से दोनों की शादी संपन्न हुई। 

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