पंजाब का नामी गैंग्स्टर काला धनौला एनकाउंटर में ढेर, विदेश भागने की फिराक में था
Gangster Encounter: पंजाब पुलिस की एनकाउंटर स्पेशलिस्ट टीम एजीटीएफ ने नामी गैंग्स्टर गुरमीत सिंह मान उर्फ काला धनौला को एनकाउंटर में मार गिराया
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Kala Dhanaula Encounter : पंजाब पुलिस की स्पेशल टीम का दावा है कि उसने उस नामी गैंग्स्टर गुरमीत सिंह मान उर्फ काला धनौला को एनकाउंटर में मार गिराया, जिसे अभी तक पंजाब की हवा तक नहीं ढूंढ पायी थी। दावा यही किया जा रहा है कि पंजाब के बरनाला में एजीटीएफ और गैंग्स्टर के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें काला धनौला ढेर हो गया। इस एनकाउंटर में पंजाब के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बिक्रमजीत सिंह बराड़ भी शामिल थे। और यहीं से सवालों की फेहरिस्त शुरू हो जाती है। इस एनकाउंटर के बारे में एजीटीएफ के आईजी संदीप गोयल ने सिर्फ इतना बताया कि काला धनौला पंजाब का जाना माना हिस्ट्रीशीटर था और उसके खिलाफ 60 से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। लेकिन इसके अलावा संदीप गोयल ने चुप्पी धारण कर ली। सवाल उठता है कि पुलिस और कुछ बताने से क्यों बच रही।
टोल प्लाजा पर फील्डिंग लगाई
पुलिस ने जो कुछ बताया वो कुछ इस तरह से है, कि बीती रात बरनाला के बड़बर टोलप्लाजा के पास एक नामी गैंग्स्टर के आने की इत्तेला मिल गई थी लिहाजा पुलिस की पूरी टीम ने पहले से ही फील्डिंग तैयार कर ली थी। टोल प्लाजा के आस पास शाम से ही पुलिसवालों ने घेरा औरडेरा डाल लिया था।
पुलिस पर कर दी फायरिंग
इसी बीच खबर लगी कि काला धनौला अपने चार और साथियों के साथ एक कार में सवार होकर संगरूर के रास्ते पर पड़ने वाले उसी टोल प्लाजा के पास पहुँचने वाला है। आईजी संदीप गोयल के बताए अनुसार पुलिस ने जब टोल प्लाजा से पहले ही जब उसकी कार देखी तो उसे रोकने का इशारा किया लेकिन उसने कार रोकने की बजाए पुलिस पर गोली चला दी। तब जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाई जिसमें काला धनौला तो मारा गया जबकि उसके बाकी साथी घायल हो गए जिन्हें पुलिस ने मय हथियार के गिरफ्तार कर लिया।
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एक महीने पहले ही मुकदमा दर्ज हुआ
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक एक महीने पहले ही बाला के रहने वाले ब्लॉक कांग्रेस के प्रधान सुरिंदर पाल सिंह काला धनौला के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके अलावा उसके खिलाफ मारपीट, और आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज करवाया था।
बड़ी वारदात करने की फिराक में
बताया जा रहा है कि काला धनौला जून 2014 में नगर काउंसिल धनौला का उप प्रधान बना था जबकि उसकी ही मां काउंसिल की प्रधान थी। लेकिन उसके बाद काला धनौला पर एक के बाद एक कई आपराधिक मामले दर्ज हुए जिसकी वजह से काउंसिल के सदस्यों ने उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटा दिया। इस कार्रवाई के बाद काला धनौला इस कदर बौखलाया कि उसने कई पार्षदों पर जानलेवा हमले कर दिए। काला धनौला के बारे में पुलिस का यही कहना है कि मौजूदा समय में उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा चल रहा था और नवंबर 2015 से उम्र कैद की सजा भुगत रहा था। लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद उसने फिर कई वारदात अंजाम दे दी थीं। लेकिन पुलिस का कहना है कि धनौला किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
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गैंगवॉर से बचने का प्लान
काला धनौला का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया जबकि उसके घायल साथियों का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा था। पुलिस के सूत्रों की मानें तो गुरमीत सिंह उर्फ काला धनौला इन दिनों पंजाब के बड़े गैंग्स्टरों के गैंगवॉर से खुद को दूर रखने की फिराक में था इसीलिए वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे कर मोटी रकम हथियाने के बाद विदेश भागने की फिराक में था। पुलिस को पिछले दिनों ही खबर मिली थी कि काला धनौला ने नकली नाम से अपना पासपोर्ट भी बनवा लिया था। मगर अभी तक ये बात खुलकर सामने नहीं आई है कि उसने अपना पासपोर्ट किसके पास रखवाया था। संगरूर और बरनाला के अलावा अमृतसर और जालंधर में गुरमीत सिंह के अपने गुर्गों के ठिकाने थे जिनकी पहचान करके पुलिस उन पर छापा मारी की कार्रवाई कर रही है।
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