धनबाद मेडिकल कॉलेज कैंपस में गैंगरेप की घटना : वो बोल नहीं सकती थी, लेकिन उसकी आंखों ने बयां कर दी थी दरिंदगी

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इसे दरिंदगी कहें या हैवानियत. या कुछ और. लेकिन इस घटना को ये शब्द बयां नहीं कर पाएंगे. जिस अस्पताल में ये दरिंदगी हुई वहां के अधिकारी भी चुप थे. हालांकि, वो बोल सकते थे. लेकिन जिसके साथ ये दरिंदगी हुई वो तो बचपन से ही न बोल सकती थी. और न सुन सकती थी. मानसिक हालत भी उसकी ऐसी नहीं थी कि वो कोई इशारा कर सके. लेकिन उसकी आंखें दरिंदगी के हर अल्फ़ाज को बयां कर रहीं थीं.

11 जुलाई की देर रात में हुई घटना

ये घटना झारखंड के धनबाद की है. यहां शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) है. इस अस्पताल के फीमेल मेडिसिन वॉर्ड में 26 जून को 20 साल की एक युवती भर्ती हुई थी. युवती की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. वो मूक-बधिर थी. न बोल सकती थी और न सुन सकती थी. इशारों में वो लोगों से मदद मांगती थी.

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घटना 11 जुलाई की देर रात 11 से 12 बजे के बीच है. अस्पताल के वॉर्ड में प्राइवेट एंबुलेंस ड्राइवर संजय दास आया था. उस समय वही युवती जगी हुई थी. इशारों में युवती ने कुछ कहा. तो संजय ने हाथ बढ़ाया. इस पर युवती ने मदद के लिए उसका हाथ पकड़ लिया. इसके बाद संजय उसे वॉर्ड से बाहर ले आया.

रास्ते में उसे पास में चाय बेचने वाला दुकानदार शगुन मिल गया. फिर दोनों मिलकर उस युवती को अस्पताल के मोर्चरी की तरफ ले आए. यहां काफी घनी झाड़ी थी. इसी झाड़ी में दोनों ने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. वो बेबस लाचार थी. न चीख पाई और न किसी मदद मांग पाई.

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तलाश करते हुए गार्ड पहुंचे तब आरोपी भागे

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अस्पताल के महिला वॉर्ड में युवती को बेड पर नहीं देख नर्स ने गार्डों से पूछताछ की. बाथरूम और अन्य जगह पर भी वो नहीं मिली तब अस्पताल के बाहर परिसर में तलाश शुरू हुई. करीब एक घंटे बाद एक गार्ड मोर्चुरी की तरफ पहुंचा तब दोनों आरोपी संजय और शगुन वहां से तेजी से भागे. गार्ड ने दोनों को भागते हुए देख लिया और शोर मचाया. इसके बाद अस्पताल के दूसरे गार्डों ने चाय दुकानदार शगुन को दबोच लिया जबकि संजय फरार हो गया.

इस बीच, नर्सों की मदद से गार्डों ने पीड़ित युवती को फिर से वॉर्ड में भर्ती कराया. उस समय पीड़ित युवती काफी घबराई हुई थी. उसके हाव-भाव, बिखरे बाल, अस्त-व्यस्त कपड़े, ये सबकुछ दरिंदगी को बयां करने के लिए काफी थे. लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से तुरंत पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई.

करीब 16 घंटे बाद पुलिस में दी शिकायत

पुलिस को इस घटना की शिकायत करीब 16 घंटे बाद दी गई. बताया जा रहा है कि घटना के बाद ही अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी गई थी. लेकिन इसमें अस्पताल की लापरवाही भी सामने आती. ये सोचकर पुलिस को सूचना नहीं दी गई. मगर घटना के बाद से पीड़िता पूरी तरह से गुमसुम थी.

वो बोल तो नहीं पा रही थी लेकिन वॉर्ड में भर्ती दूसरी महिलाओं सबकुछ समझ गईं थीं. उन लोगों ने जब विरोध जताया तब 12 जुलाई की शाम करीब 6 बजे अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके चौधरी ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मामला दर्ज करके युवती की मेडिकल जांच कराई. और आरोपी शगुन को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी संजय की अभी पुलिस तलाश कर रही है.

इस पूरे मामले में धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने मीडिया में एक बयान जारी किया है. इनके मुताबिक, अस्पताल की तरफ से ही देर में सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पीड़ित युवती की मेडिकल जांच कराई गई है. दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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