चार महीनों में पांच गैंग्स्टरों को हत्या से फैली दहशत, सुरक्षा पर उठे सवाल
four month five gangsters: राजस्थान के भरतपुर में जिस तरह से एक गैंग्स्टर की हत्या कर दी गई उसने जेल में बंद गैंग्स्टरों में दहशत फैला दी। चार महीनों के भीतर ये पांचवीं हत्या है किसी गैंग्स्टर की।
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Gangsters Kill: पुलिस की हिरासत में किसी गैंग्स्टर को मौत के घाट उतारने का ये चलन तेजी से बढ़ता दिख रहा है। राजस्थान के भरतपुर में जिस तरह से गैंग्स्टर कुलदीप जघीना को गोली से उड़ाया गया उसने उत्तर प्रदेश के संजीव जीवा और माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की तस्वीर को एक बार फिर ताजा कर दिया है। जबकि जेल के भीतर मजबूत सुरक्षा घेरे में दिल्ली के गैंग्स्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की तस्वीरों ने भी एक बार फिर सुर्खियों में आकर सनसनी फैलाई है।
राजस्थान के गैंग्स्टर की हत्या
पुलिस कस्टडी में गैंग्स्टर को गोली मारने का एक सनसनीखेज वाकया राजस्थान के भरतपुर से सामने आया है। यहां गैंग्स्टर कुलदीप जघीना की उस वक़्त गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस उसे जयपुर जेल से भरतपुर कोर्ट पेशी के लिए ले कर जा रही थी। खबर सामने आ रही है कि ये शूटआउट टोल प्लाजा पर हुआ, हैरानी की बात ये है कि बदमाशों ने गैंग्स्टर को गोली मारने से पहले पुलिसवालों की आंख में मिर्ची का पाउडर भी झोंक दिया था। इस शूटआउट को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए।
कोर्ट में मारी गई थी जीवा को गोली
याद होगा कि उत्तर प्रदेश में माफिया सरगना मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर संजीव जीवा महेश्वरी को भी लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान गोली से भून दिया गया था। मुजफ्फरनगर जेल में बंद जीवा को बीती 7 जून को गोली मारी गई थी। उसे इस बात का तनिक भी अंदेशा नहीं था कि कोर्ट के भीतर उसे कोई इस तरह मौत के घाट उतार सकता है। हालांकि संजीव जीवा को इस बात का अंदेशा पहले से जरूर था कि उस पर कभी भी हमला किया जा सकता है। तभी तो वो अक्सर अदालत में पेशी पर जाने से पहले बुलेटप्रूफ जैकेज पहना करता था लेकिन इत्तेफाक से 7 जून को उसने वो जैकेट नहीं पहनी थी।
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तिहाड़ में हुआ था ताजपुरिया का मर्डर
इसी तरह से दिल्ली की तिहाड़ जेल के भीतर गैंग्स्टर टिल्लू ताजपुरिया को उसके जानी दुश्मन गैंग के गुर्गों ने 2 जून को चाकू से गोद गोदकर हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि टिल्लू ताजपुरिया को उसके विरोधी गोगी गैंग के गुर्गों दीपक उर्फ तीतर और योगेश उर्फ टुंडा ने राजेश और रियाज के साथ मिलकर टिल्लू को मौत के घाट उतारा था। बाद में हुई तफ्तीश में ये बात खुली कि जिन लोगों ने टिल्लू ताजपुरिया को मौत के घाट उतारा वो पिछले दो तीन साल से हत्या की साजिश रच रहे थे और उसे अंजाम तक पहुँचाने की कोशिश में थे। बाद में तिहाड़ का एक सीसीटीवी सामने आया था जिसमें साफ साफ देखा जा सकता था कि गैंग्स्टर टिल्लू ताजपुरिया की लाश पर बदमाशों ने उस वक्त भी ताबड़तोड़ चाकुओं से वार किए थे जब सुरक्षा कर्मी उसे उठाकर ले जा रहे थे।
अतीक और अशरफ को मारी गई थी गोली
इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में उस समय गोली मारी गई थी जब पुलिस अपने सुरक्षा घेरे में मेडिकल कराने ले गई थी। उस वक्त रात के साढे दस बजे थे। और जैसे ही हथकड़ी में जकड़े दोनों भाई मीडिया के कैमरों के सामने आए ऐन उसी समय पत्रकारों के भेष में आए तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियों से अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया था।
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सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल
इन तमाम घटनाओं के सामने आने के बाद पुलिस के सुरक्षा बंदोबस्त पर तो सवाल खड़े ही हो रहे हैं साथ ही जेल में बंद कैदियों में भी दहशत फैल गई है।
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अमोली टोल प्लाजा पर शूटआउट
खुलासा है कि बदमाशों ने जयपुर आगरा नेशनल हाईवे पर अमोली टोल प्लाजा के पास इस संगीन वारदात को अंजाम दिया। जिस गैंग्स्टर जघीना को गोली मारी गई वो जयपुर जेल में कुलदीप मर्डर मामले में बंद था। अब तक की जांच में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक ये एक पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने से पहले गोली मारने आए बदमाशों ने पहले पुलिसवालों पर मिर्ची का पाउडर झोंका और फिर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। चश्मदीदों के मुताबिक वहां करीब 15 राउंड गोलियां चलीं। इस हमले में एक और बदमाश विजयपाल गंभीर रूप से जख्मी हो गया। विजयपाल भी जयपुर जेल में बंद था और पुलिसवाले उसे भी पेशी के सिलसिले में भरतपुर ले जा रहे थे।
बीजेपी नेता की हुई थी हत्या
बताया जा रहा है कि दस महीने पहले एक प्रॉपर्टी के झगड़े में बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसी सिलसिले में कुलदीप जघीना को गिरफ्तार किया गया था। खुलासा है कि भरतपुर में बीजेपी नेता कृपाल सिंह जघीना की 4 सितंबर 2022 को हत्या की गई थी। उस वक्त बदमाश तीन बाइक और दो कारों पर सवार होकर आए थे। और उसी हत्या के सिलसिले में कुलदीप जघीना और उसके साथी विजयपाल को आरोपी बनाया गया था।
रंजिश में बीजेपी नेता की हत्या
बकौल पुलिस बीजेपी नेता की हत्या एक जमीन के विवाद के सिलसिले में की गई थी। असल में कृपाल जघीना प्रॉपर्टी डीलर थे और उनके खिलाफ करीब 15 मुकदमें दर्ज थे। इसके साथ साथ वो रेलवे की सलाहकार समिति के सदस्य भी थे इसके अलावा वो बीजेपी सांसद के बेहद नजदीकी भी थे।
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