पहले नफे सिंह राठी की गाड़ी का पीछा किया गया फिर मारी गई गोलियां, हत्या के पीछे सियासी रंजिश का अंदेशा

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पहले नफे सिंह राठी की गाड़ी का पीछा किया गया फिर मारी गई गोलियां, हत्या के पीछे सियासी रंजिश का अंद...
हरियाणा प्रदेश नेशनल लोकदल के अध्यक्ष नफे सिंह की हत्या एक सियासी रंजिश मानी जा रही
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Haryana Murder Update: हरियाणा में एक और पॉलिटिकल मर्डर की तस्वीरों से सोशल मीडिया भरा पड़ा है। हरियाणा के बहादुरगढ़ में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की जिस तरह से हत्या हुई, उसने बेहिसाब सवाल खड़े कर दिए हैं। हर कोई इस हत्या के लिए सियासी रंजिश की बात उठा रहा है। खुद नफे सिंह के बेटे ने भी यही दावा किया है कि ये एक पॉलिटिकल मर्डर है। तभी तो मारने वाले ने एक दो गोली नहीं बल्कि पूरी 40-50 गोलियां मारी। इस ताबड़तोड़ फायरिंग में सिर्फ नफे सिंह ही नहीं बल्कि उनका सुरक्षा कर्मी भी मौके पर ही मारा गया। चश्मदीद तो यहां तक कह रहे हैं कि हमलावरों ने बाकायदा पीछा करके नफे सिंह की कार पर गोलियां बरसाईं। 

इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या 

i10 सवार हमलावरों ने चलाई गोलियां

जाहिर मामला सिरे से तफ्तीश करने का है और उस असली सच का पता लगाने का भी है जो अब लोगों की बातों और उलझे हुए सवालों में कहीं गुम हो सकता है। सबसे पहले इस घटना को ही सिलसिलेवार तरीके से समझ लिया जाए तो सच तक पहुँचना आसान हो सकता है।  बताया यही जा रहा है कि रविवार की शाम करीब 6 बजे हुँडई की i10 पर सवार कुछ हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई और हरियाणा के बहादुरगढ़ में INLD के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या कर दी। नफे सिंह उस वस़्त फॉर्च्यूनर कार पर सवार थे और उनके साथ उनके सुरक्षा कर्मी भी मौजूद थे जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बाकी घायल हो गए। 

कई किमी तक किया कार का पीछा

लेकिन इस मौत के बाद नफे सिंह के बेटे ने जो बताया वो बेहद अजीब संयोग है। असल में नफे सिंह पास के गांव में एक शोक सभा में गए थे। और जब लौट रहे थे तो उनका परिवार शोक में डूब चुका था। ये वारदात बहादुरगढ़ के बराही फाटक के पास हुई। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बदमाशों ने पहले कई किलोमीटर तक नफे सिंह की गाड़ी का पीछा किया और जब इस बात की तसल्ली हो गई कि गाड़ी में नफे सिंह ही अपने सुरक्षाकर्मियों केसाथ मौजूद हैं तब बराही फाटक के पास पहुँचते ही बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। चश्मदीदों के मुताबिक करीब 40 से 50 राउंड की फायरिंग हुई और फिर बदमाश मौके से भाग निकले।

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हत्याकांड के पीछे सियासी कनेक्शन

गाड़ी पर गोलियों के निशान और चकनाचूर हुआ शीशा इस बात के सबूत हैं कि हमलावरों ने किस तरह अंधाधुंध फायरिंग की। वारदात के बाद नफे सिंह के बेटे जितेंद्र राठी ने साफ साफ इस हत्याकांड के पीछे सियासी कनेक्शन माना है। इस सिलसिले में पुलिस तो बार बार एक ही बात कह रही है कि जो भी आरोपी हैं वो जल्द से जल्द पकड़े जाएंगे। लेकिन जैसे ही ये सवाल किया जाता है कि क्या हमलावरों की कोई पहचान हो सकी तो उस पर पुलिस के आला अफसर चुप्पी साध लेते हैं। ऐसे में यही सवाल उठता है कि आखिर पुलिस किसे पकड़ेगी, उसकी कोई शक्ल कोई चेहरा औरकोई पहचान है या नहीं? 

हत्या की मिलीं लगातार धमकियां

इसी बीच नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी का कहना है कि उनके पिता को काफी दिनों से जान से मारने की धमकी मिल रही थी लेकिन नफे सिंह अपनी फितरत के मुताबिक धमकियों को नज़रअंदाज करते रहे।  नफे सिंह दो बार के विधायक रह चुके हैं। लेकिन समाज के साथ मिलने जुलने के अलावा हर चीज के लिए सवाल उठाने में वो पीछे नहीं रहते थे। फिर चाहें वो प्रिंसिपल का बच्चे के खिलाफ उत्पीड़न हो या पीपीपी स्कीम को लेकर गड़बड़झाला या फिर इलाके में गुंडों का बढ़ता आतंक, हर चीज पर नफे सिंह मुखर तौर पर सवाल उठाते थे। लेकिन जब उन्हें धमकी मिलने लगीं तो कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से भी मुलाकात की और उन्हें धमकियों के बारे में बताया। मगर मुख्यमंत्री ने भी उन्हें सुरक्षा देना मुनासिब नहीं समझा। खुद जितेंद्र राठी ने बताया कि उनके पिता को कई गोलियां लगी। जब वो बुरी तरह से जख्मी थे तभी उन्हें औरउनके सुरक्षा कर्मी जयकिशन को ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल पहुँचाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि खून ज़्यादा बहने की वजह से उनकी मौत हो गई। जबकि नफे सिंह के दो और सुरक्षा कर्मियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है क्योंकि उनको गोलियां या तो कंधे पर लगी या फिर पैर में। 

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बेटे ने सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल

इस वारदात के बाद पुलिस और घर के लोग सिर्फ अंदाजा ही लगा रहे हैं कि ये वारदात किसने अंजाम दी। हालांकि जितेंद्र राठी ने कुछ हद तक अपना शक उन लोगों पर जाहिर किया है जो उनके पिता के सियासी तौर पर विरोधी थे। जितेंद्र का दावा है कि इस वारदात के पीछे वही लोग हैं जो मेरे पिता को विधायक के तौर पर नहीं देखना चाहते थे। ऐसे में ये एक पॉलिटिकल मर्डर है। इसी बीच इंडियन नेशनल लोकदल के प्रवक्ता अमनदीप का कहना है कि उन पर पहले भी छोटे मोटे हमले हुए थे। लेकिन पिछले कुछ अरसे से उन्हें भी जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। और इसकी वजह से सरकार से सुरक्षा भी मांगी गई थी। मगर जरूरी सुरक्षा कवच नहीं मिल सका। 

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