इंटीरियर डिजाइनर से बदसलूकी करने के आरोप में पूर्व अकउंटेंट दोषी करार
दिल्ली की स्थानीय अदालत ने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर महिला की सुचिता भंग करने के आरोप में नौ साल पहले दर्ज मामले में आरोपी अकाउंटेट को दोषी करार दिया है।
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Delhi Court News: दिल्ली की स्थानीय अदालत ने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर महिला की सुचिता भंग करने के आरोप में नौ साल पहले दर्ज मामले में आरोपी अकाउंटेट को दोषी करार दिया है।
अदालत ने कहा कि उसके समक्ष पेश दस्तावेजों व साक्ष्यों से पुष्टि होती है कि आरोपी ने कार्यालय में ‘‘अपमानजनक एवं अभद्र’’ शब्दों को इस्तेमाल वहां मौजूद लोगों को सुनाने तथा पीड़िता की सुचिता भंग करने के इरादे से किया।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ निजी कंपनी में लेखाकार (आकउंटेंट) महेश कुमार पंवार के खिलाफ दर्ज मुकदमें पर सुनवाई कर रही थी। आरोप था कि उसने तीन अप्रैल 2014 को शिकायतकर्ता और पेशे से इंटीरियर डिजाइनर के खिलाफ ‘अपमानजनक एवं अभद्र शब्दों’ का इस्तेमाल तब किया था जब वह अपने वेतन संबंधी मामले का निस्तारण कराने गयी थी ।
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अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष ने आरोपी को बिना किसी संशय के महेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-509 (महिला की सुचिता को भंग करने के इरादे से भाव-भंगिमा, शब्दों या कृत्यों का इस्तेमाल) के तहत लगे आरोपों को साबित किया है। इसलिए उसे मामले में दोषी करार दिया जाता है।’’
अदालत मामले में इसके साथ ही सजा पर बहस के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की।
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हालांकि, अदालत ने महेश को आपराधिक धमकी देने के आरोप से मुक्त करते हुए कहा कि इसे साबित करने के लिए ‘कोई संज्ञेय साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
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गौरतलब है कि हौजखास पुलिस महेश के खिलाफ अप्रैल 2014 में भारतीय दंड संहिता की धारा 509 और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था।
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