Uttarakhand में टनल से निकाले गए पांच मजदूर, रेस्क्यू जारी
Uttarakhand: पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो गया। श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का सिलसिला शुरु हो गया।
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Uttarakhand News: शाम करीब 7 बजकर 40 मिनट पर सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली। पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो गया। श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का सिलसिला शुरु हो गया। पहली कड़ी में पांच मजदूरों को टनल से बाहर निकाला गया। इन मजदूरों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। बाकी के मजदूरों को बाहर निकालने का काम जारी है।
आपको बता दें कि सिल्क्यारा सुरंग में शेष क्षैतिज खुदाई मैन्युअल रूप से की गई थी। इस तकनीक में सुरंग बनाने में विशेष दक्षता रखने वाले व्यक्तियों का चयन किया गया था। इन्हें रैट-होल माइनर्स कहा जाता है. रैट-होल खनन बहुत संकरी सुरंगों में किया जाता है।
कोयला निकालने के लिए खनिक क्षैतिज सुरंगों में सैकड़ों फीट नीचे उतरते हैं. इसका उपयोग विशेषकर मेघालय में चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कोयला निकालने के लिए किया जाता है। साल 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वर्कर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर रोक लगा दी थी। उत्तराखंड सरकार के नोडल ऑफिसर नीरज खैरवाल ने साफ किया कि रेस्क्यू साइट पर लाए गए लोग चूहा खनन करने वाले नहीं बल्कि इस तकनीक के एक्सपर्ट हैं।
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