UP News: महोबा में किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
UP Suicide News: महोबा जिले में किसान ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के परिजनों ने दरोग़ा व चिटफण्ड कम्पनी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर कानपुर-साग़र हाईवे पर शव रखकर जाम लगाया।
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UP Farmer Suicide: परिजनों का आरोप है कि चिटफण्ड (Chit Fund) कम्पनी और पुलिस (Police) की साठगाँठ के चलते ही किसान प्रमोद ने फाँसी के फंदे से लटक कर खुदकुशी (Suicide) कर ली। पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्यवाई का भरोसा दिया है और जांच जारी है। दरअसल महोबा जिले के खरेला थाना क्षेत्र के बरायें गांव में रहने वाले प्रमोद उदैनिया को पडोसी गाँव के कुबेर सिंह ने अपने साथी धर्मेंद्र सिंह, जागेश्वर साहू, मुमताज़ अहमद और सोहनलाल से मिलवाया था।
इन लोगों ने प्रमोद को बताया कि कम्पनी एमडीएस इंफ्रा लिमिटेड किसानों के लिए बैंक से अच्छा ब्याज देती है यदि 10- 12 लोगों को आर डी, एफडी कराते है तो एजेंट बना देगें। कम्पनी के कर्मियों की बातों में आकर प्रमोद उदैनिया कम्पनी के एजेंट बन गए और एजेंट बनते ही उन्होंने 12 से 13 लाख रुपये जमा किए।
जब प्रमोद को पता चला कि दिसम्बर 2021 में कम्पनी ऑफिस बन्द करके भाग गई तो उन्होंने उपरोक्त सभी 6 लोगों के खिलाफ चरखारी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
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मृतक के पुत्र अनिल ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस के साथ साठगाँठ करके उनसे अपनी शर्तों पर दबाब बनाते हुये राजीनामा लिखवा लिया था। इस दौरान पुलिस ने शिकायकर्ता व उसके पुत्र के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया। जिसके चलते बुजुर्ग किसान सदमे में आ गया। पुलिस के बढ़ते दबाब और कम्पनी ग्राहकों के तकादे से परेशान होकर मंगलवार को बुजुर्ग प्रमोद ने अपने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इस घटना से मृतक के घर मे कोहराम गया । घटना से आक्रोशित होकर परिजनों ने मृतक किसान के शव का पंचनामा न कराते हुए कानपुर साग़र हाइवे में रखकर प्रताड़ित करने वाले पुलिस कर्मियों एवं कम्पनी के प्रबंधकों पर कार्यवाही की माँग की। पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उन्हें कार्यवाही का आश्वासन दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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अपर पुलिस अधीक्षक आर.के. गौतम ने बताया कि सीओ सिटी को इस घटना की जांच सौंपी गयीं है। गहराई से जांच करते हुए 24 घण्टे में रिपोर्ट दाखिल करने की बात भी कही है। यदि इस प्रकरण में कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
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