अख़बार और न्यूज़ चैनल के दफ्तर में छाप रहे थे नकली नोट, रैकेट का भंडाफोड़, तीन गिरफ़्तार, 9.36 लाख के नक़ली नोट बरामद

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Gujarat News: सूरत पुलिस की एसओजी और पीसीबी टीम ने 200 और 500 रुपये के नक़ली छापने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार तीनों आरोपियों के पास से नक़ली 9 लाख 36 हज़ार रुपये बरामद किए गये हैं। सूरत के लिंबायत इलाक़े में लोकल न्यूज़ पेपर और यू ट्यूब चैनल का ऑफिस चलाने वाला फिरोज शाह इस नक़ली नोट के रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। फिरोज शाह 2015 में झारखंड में पहले भी नक़ली नोटों के साथ पकड़ा गया था। 

नकली नोट छापने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़

फिरोज शाह के परिवार में बीमारी में खर्चा हुआ तो क़र्ज़दार हो गया था। कर्ज को उतारने के लिए नक़ली नोट छापने का काम पिछले दो महीने से शुरू किया था। अभी तक 4 लाख के नक़ली नोट छाप कर डिलीवरी कर चुका था। पुलिस के मुताबिक नक़ली नोट छापने के लिए कागज और स्याही उसके साथी मध्यप्रदेश से लेकर आते थे।

मध्य प्रदेश से लाते थे कागज और स्याही

सूरत पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को इनके बारे में मुखबिर के जरिये जानकारी मिली थी। इसके बाद अलग-अलग टीमों के पुलिसकर्मियों ने भेष बदलकर लिंबायत इलाके में रेकी करनी शुरू कर दी। खाकी वर्दी धारी अलग-अलग पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में कहीं लॉरी पर काम कर रहे थे तो कहीं सब्जी बेचने का काम कर रहे थे। 

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2015 में भी नकली नोट के मामले में गिरफ्तार हो चुका था

रेकी के बाद पुलिसकर्मियों को इस बात का पुख्ता यकीन हो गया कि मीडिया ऑफिस की आड़ में नकली नोट छापने का काम चल रहा है। तब पुलिस टीम ने पूरी तैयारी से इस मीडिया दफ्तर पर छापा मारा। पुलिस ने आरोपी फिरोज शाह और मध्य प्रदेश से नोट छापने का मटेरियल लेकर आए बाबूलाल गंगाराम कपासिया और शफीक खान को गिरफ्तार कर लिया। इस छापे में पुलिस ने 500 और 200 रुपए के 936000 नकली नोट बरामद किए।

पुलिस को न्यूज चैनल का माइक और आईकार्ड भी मिला

नोटों को छापने में इस्तेमाल किए जाने वाला कलर प्रिंटर, लैपटॉप और नोटों का कागज भी जब्त किया गया है। पुलिस ने मौके से न्यूज़ चैनल की माइक आईडी और आइडेंटिटी कार्ड भी जब्त किया है। सूरत के लिंबायत इलाके में रहने वाला फिरोज शाह एसएच 24 चैनल नाम से एक लोकल यू ट्यूब चैनल चलाता है और सूरत हेरल्ड के नाम से लोकल साप्ताहिक अखबार भी छापता है।

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9.32 लाख रुपये के नकली नोट और छपाई सामग्री जब्त

जानकारी के मुताबिक फिरोज 2015 में झारखंड में नकली नोट बनाने के आरोप में पकड़ा गया था। छूटने के बाद जब वह सूरत आया तो उसने जमीन खरीद फरोख्त और ब्याज का धंधा शुरू किया था। इस दौरान उसके परिवार में बीमारी के इलाज में पांच लाख का खर्चा हो गया जिस वजह से कर्ज चुकाने के लिए उसने नकली नोटों का कारोबार शुरू कर दिया। पुलिस की शुरुआती जांच में पता लगा कि वो अब तक 4 लाख रुपए के नकली नोट मार्केट में डिलीवर कर चुका है। 

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