आधी रात के बाद एक बार फिर थर्राया अमृतसर, स्वर्ण मंदिर के पास पांच दिनों में तीसरा धमाका

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अमृतसर में पांच दिनों के भीतर तीसरा धमाका
अमृतसर में पांच दिनों के भीतर तीसरा धमाका
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Blast near Golden Temple: बुधवार को आधीरात के बाद अमृतसर (Amritsar) के स्वर्ण मंदिर के पास एक और तेज धमाका हुआ, जिसने पूरे पंजाब में सनसनी फैला दी। इस धमाके की धमक शांत होते ही मौके पर पंजाब पुलिस (Punjab Police)  के तमाम आला अफसर पहुँच गए और पूरे इलाके को खंगालना शुरू कर दिया ताकि इस धमाके का सारा इतिहास भूगोल पता किया जा सके। 

पांच दिनों के भीतर तीसरा धमाका

पंजाब के स्वर्ण मंदिर के पास बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात को गलियारा साइड में मौजूद श्रीगुरु रामदास सराय के पास करीब एक बजे के आस पास तेज धमाके से आस पास के तमाम इलाकों की नींद ही टूट गई। ये नींद ऐसी टूटी कि सुबह तक किसी की आंख नहीं झपकी। बताया जा रहा है कि बीते पांच दिनों के भीतर ये तीसरा धमाका है। पुलिस ने इस सिलसिले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है। पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुँच गई। 

पिछला धमाके पर पुलिस ने डाला था पर्दा

मौके पर पहुँचे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये धमाका पिछले दोनों धमाकों के मुकाबले एक दम अलग जगह हुआ। और पिछले धमाके वाली जगह से ये जगह करीब दो किलोमीटर दूर बताई जा रही है। बीते शनिवार को भी स्वर्ण मंदिर के पास पार्किंग में बने एक ढाबे में धमाका हुआ था। तब पुलिस ने ये कहकर उड़ती हवा को थाम लिया ता कि ढाबे की चिमनी में ब्लास्ट हुआ है। 

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धमाके से खुली पुलिस के बंदोबस्त की पोल

असल में लगातार हो रहे धमाकों की इन वारदात से पंजाब पुलिस और उसके बंदोबस्त की पोल खुलती जा रही है। असल में पुलिस की लापरवाही की हद तो पहले धमाके से ही देखी जा सकती है जब उन्होंने चिमनी में हुए धमाके की बात कहकर पुलिस ने मामले को ढीला छोड़ दिया। न तो इलाका ही सील किया गया और नहीं कोई मार्किंग की गई। यहां तक कि फॉरेंसिक जांच के लिए भी इलाके को सील नहीं किया गया था। इसी वजह से फॉरेंसिक टीम को मौके से बहुत ज़्यादा सबूत और सुराग हाथ नहीं लगे। क्योंकि आम लोगों ने मौका-ए- वारदात को बुरी तरह से रौंद डाला था। 

सोमवार को हुआ था IED ब्लास्ट

बीते सोमवार को जो धमाका हुआ था उसके बारे में पुलिस और फॉरेंसिक टीम का दावा है कि वो एक IED ब्लास्ट था। पुलिस को मौके से कुछ मेटल के टुकड़े बरामद हुए थे। फॉरेंसिक टीम की तफ्तीश में पता चला कि विस्फोटक को मेटल के केस में रखा गया था। आशंका यही जताई गई कि इस विस्फोटक के लिए पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर का इस्तेमाल करके इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस तैयार की गई थी। तफ्तीश का खुलासा यही है कि उस विस्फोटक को हेरिटेज पार्किंग के हिस्से में लटकाया गया था। फॉरेंसिक टीम ने मौके से कई नमूने इकट्टे किए हैं। 

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शनिवार को एक किलोमीटर दूर हुआ था धमाका

खुलासा यही है कि शनिवार के धमाके के बाद मंदिर में मौजूद तमाम श्रद्धालू घबरा गए थे। क्योंकि जिस जगह धमाका हुआ वहां से स्वर्ण मंदिर की दूरी महज एक किलोमीटर है। वो धमाका इतना ताकतवर था कि आस पास के तमाम घरों की खिड़कियां और उनके शीशे टूट गए थे। 

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