एक वकील ने किया 'डेड बॉडी का मर्डर', गर्लफ्रेंड के लिए रची ये साजिश
Murder of Deadbody: 50 साल के एक वकील साहब ने अपनी 30 साल छोटी गर्लफ्रेंड की खातिर ऐसा जुर्म किया कि पुलिस के भी होश उड़ गए। मगर अफसोस पकड़े गए।
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Etawah Deadbody Mystery: ये किस्सा उत्तर प्रदेश के इटावा से सामने आया है। यहां एक वकील साहब थे। आशिक मिजाज और बड़े ही दिलफेंक भी हैं। उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया। अपनी उम्र से 30 साल छोटी अपनी गर्लफ्रेंड को पाने के लिए वकील साहब ने जो तिकड़म लगाई और जो अपनी दलीलों में फिट होने वाली कहानी गढ़ी, वो वाकई हैरतअंगेज भी है। अपनी चाहत को पाने के चक्कर में वकील साहब कानून की पढ़ी किताबों और उसके सबक को ही भूल गए और एक के बाद एक कई गुनाह करते चले गए।
असल में जिस लड़की से वकील साहब को प्यार हुआ था उसके माता-पिता को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। अब वकील साहब ने इस रुकावट को दूर करने का जो प्लान बनाया वो बेहद ही खतरनाक था।
वकील साहब को अपने प्यार औरअपनी रची साजिश को पूरा करने के लिए जरूरत थी एक लाश की। और यहां से शुरू हुआ वकील साहब का जुर्म का सफर।
ट्रेन से कटकर हुई मौत
असल में उत्तर प्रदेश का इटावा शहर। सुंदरपुर रेलवे फाटक के पास सुबह सवेरे एक शख्स की लाश मिलती है। दिन रविवार का था। सारा आलम आलस से भरा हुआ था। चूंकि मरने वाले की मौत किसी ट्रेन की चपेट में आने की वजह से हुई थी, लाश की हालत बेहद खराब थी. और तो और उसका चेहरा भी कुछ इतना बिगड़ चुका था कि उसकी पहचान भी नामुमकिन थी. खबर मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले तो आस-पास मौजूद लोगों से मरने वाले की पहचान पता करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहने पर लाश को बरामद कर मॉर्चरी में रखवा शव की शिनाख्त नहीं हो सकी थी लिहाजा पुलिस ने शव को अज्ञात मानकर उसे मुर्दाघर में रखवा दिया था। वैसे भी कानूनन किसी भी लावारिस लाश को करीब 72 घंटे तक सुरक्षित रखने का प्रावधान है।
तीन लोगों ने की शव की दावेदारी
इसी बीच लाश मिलने के दूसरे दिन ही तीन लोगों ने आकर शव की दावेदारी कर दी। और शव की पहचान अतुल कुमार के तौर पर कर भी दी। जो तीन लोग लाश पर दावा करने आए थे उन्होंने खुद को मरने वाले का भाई और पिता बताया और अपना अपना आधारकार्ड भी जमा करवा कर शव को ले गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
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एक लाश के दो दावेदार
शव के अंतिम संस्कार के अगले ही रोज दो और लोग सामने आए और मरने वाले शख्स के असली परिजन होने का दावा किया। एक लाश और उसके दो अलग अलग घरवाले...ये बात सुनकर पुलिस के भी कान खड़े हो गए। लिहाजा पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। तब पुलिस की जांच में ये बात खुल गई कि जो लोग लाश ले गए वो असल में नकली लोग थे जो अपनी फर्जी पहचान के साथ डेड बॉडी ले गए। जो लोग डेड बॉडी ले गए थे उनके मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए।
बीवी से परेशान वकील की चाल
जिन पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया उनमें से एक लड़की भी थी जिसका नाम मुस्कान कोस्टा है। खुलासा हुआ था कि मुस्कान कोस्टा का प्रेमी हेतराम मित्तल है जबकि उसके दूसरे रिश्तेदार के असली नाम फारुक, तसलीम और फुरकान हैं। पुलिस ने जब अपनी पूछताछ को आगे बढ़ाया तो 50 साल का हेतराम मित्तल अपनी पत्नी से परेशान था। और अपनी 22 साल की प्रेमिका मुस्कान कोस्टा के साथ शादी करना चाहता था। असल में मुस्कान और हेतराम की पहचान 5 साल पहले हुई थी। उस समय मुस्कान के माता पिता ने हेतराम के खिलाफ ही नाबालिग को बहला फुसलाकर उसे अगवा करने का आरोप लगाकर मुकदमा भी लिखवा दिया था।
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नकली दस्तावेज असली मुर्दा
इसके बाद शुरू होता है साजिश का सिलसिला। असल में हेतराम ने अपनी प्रेमिका के माता पिता को ही फंसाने की गरज से एक मुर्दाघर में आए अज्ञात शव को फर्जी अतुल कुमार बताकर उसके नकली दस्तावेज तैयार करके उस अतुल कुमार को प्रेमिका का पति बताकर उसके माता पिता को इस मामले में फंसाने का पूरा षडयंत्र रच लिया ताकि उसके माता पिता फंस जाएं और वो आराम से अपनी प्रेमिका से शादी कर ले।
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बीवी को भी करता रहा गुमराह
हैरानी की बात ये है कि हेतराम अपनी ब्याहता पत्नी शिखा अग्रवाल को भी गुमराह करता रहा और उसे भरोसा दिलाता रहा कि मुस्कान की शादी अतुल कुमार के साथ हो चुकी है। और इसी बात को सही साबित करने के लिए साथ ही मुस्कान के माता पिता को भी हत्या के मामले में फंसाने के लिए एक अज्ञात शव को अतुल कुमार बताकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
प्रेमिका समेत वकील गिरफ्तार
हेतराम की इस साजिश में फारुक, तसलीम और फुरकान को शामिल किया। फर्जी आधार कार्ड के बल पर उन लोगों को अतुल कुमार का रिश्तेदार बनाकर हाजिर किया जबकि असलियत में अतुल कुमार नाम का कोई भी शख्स है ही नहीं। ये तो बस उसके दिमाग की पैदाइश थी। आखिरकार पुलिस ने हेतराम मित्तल उसकी प्रेमिका मुस्कान कोस्टा और उसके तीन सहयोगी फारुक, तसलीम और फुरकान को धारा 34, 193, 419, 467, 468, 471 में मामला दर्ज कर लिया और सभी को जेल भेज दिया।
बीवी को देता था वकील धमकी
इसी बीच हेतराम की बीवी शिखा अग्रवाल का कहना है कि हेतराम मारता पीटता भी था। उसके दो बच्चे हैं, लेकिन इस मामले में मुंह खोलने की सूरत में वो सभी को जान से मार डालने की धमकी दिया करता था। शिखा का कहना है कि उसके माता पिता का निधन हो चुका है। लेकिन शिखा का ये भी दावा है कि हेतराम को पहले ही उसकी दो बीवियां छोड़कर जा चुकी हैं। शिखा ने उसकी फितरत के बारे में पुलिस को बताया कि वो लड़की और पैसों की खातिर कुछ भी कर सकता है।
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