पोर्नोग्राफी मामला : राज कुंद्रा का नाम फरवरी में ही आया, लेकिन गिरफ्तारी में लग गए 164 दिन, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

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पोर्नोग्राफी मामला :  राज कुंद्रा का नाम फरवरी में ही आया, लेकिन गिरफ्तारी में लग गए 164 दिन, पढ़िए...
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मुंबई से संवाददाता सौरभ वक्तानिया की रिपोर्ट

05 फरवरी 2021 को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने पोर्नोग्राफी का एक रैकेट पकड़ा। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया जब तफ्तीश आगे बढ़ी तो चार लोग इस मामले में गिरफ्तार हुए। कुल मिलाकर क्राइम ब्रांच ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था।

हालांकि पुलिस आगे की कार्रवाई कर पाती उसी दौरान एंटिलिया कांड हो गया। इस कांड को पुलिस सुलझा पाती तब तक मनसुख हिरेन की हत्या हो गई जिसके बाद मुंबई पुलिस की बेहद फजीहत हुई। ये सब चल ही रहा था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के बीच तलवारें खिंच गई। इससे पहले मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला हो चुका था।

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पोर्नोग्राफी रैकेट का मामला इतने बड़े मामलों के बीच ऐसे ही दबा हुआ था। अप्रैल 2021 में क्राइम ब्रांच ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी लेकिन उसमें राज कुंद्रा का नाम नहीं था। पोर्न रैकेट पकड़े जाने के बावजूद इसकी आंच राज कुंद्रा तक नहीं पहुंची थी लिहाजा उसको लगता था कि उसका दामन कभी भी इस काले धंधे की वजह से दागदार नहीं होगा।

मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर हेमंत नागले के कमान संभालने के बाद क्राइम ब्रांच के सारे अधिकारियों का तबादला दूसरी जगह कर दिया गया और क्राइम ब्रांच में नए अधिकारियों की तैनाती की गई। वजह थे सचिन वाजे और हेमंत शर्मा जिनकी वजह से मुंबई पुलिस अच्छी खासी बेइज्जती हुई थी।

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क्राइम ब्रांच के नए अधिकारियों ने आकर जब काम संभाला तो उनकी नजर पोर्नोग्राफी रैकेट वाली फाइल पर भी गई। मुंबई पुलिस के आला अधिकारियों के साथ इसके बारे में चर्चा की गई उनकी तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद एक बार फिर पोर्नोग्राफी रैकेट में तफ्तीश आगे बढ़ाई गई।

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जांच के दौरान राज कुंद्रा की कंपनी HOTSHOT का नाम सामने आया। पुलिस ने राज कुंद्रा और उसके साथी उमेश कामत की वाट्सएप चैट निकाली जिससे साफ हुआ कि पोर्नोग्राफी रैकेट चलाने में दोनों शामिल हैं।

एक महीने तक मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल चुपचाप इसकी जांच करती रही। पुख्ता सुबूत मिलने के बाद टीम ने तय किया कि उन्हें राज कुंद्रा के दफ्तर पर छापेमारी करनी चाहिए । साथ ही इस मामले में राज कुंद्रा से भी पूछताछ करनी चाहिए।

क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक राज कुंद्रा की गिरफ्तारी से एक हफ्ते पहले एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई जिसमें मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारी शामिल हुए। हालांकि मसला इस बात का था कि वो तब तक अरेस्ट वारंट नहीं ले सकते जब तक उनके पास कोर्ट में दिखाने के लिए राज कुंद्रा के खिलाफ पुख्ता सुबूत न हो । लिहाजा उन्हें पहले राज कुंद्रा के घर और दफ्तरों पर छापेमारी कर सुबूत इकट्ठा करने थे।

19 जुलाई यानी कुंद्रा की गिरफ्तारी के दिन क्या हुआ?

19 जुलाई की दोपहर को क्राइम ब्रांच के सीनियर अधिकारी सर्च वारंट लेने के लिए कोर्ट पहुंचे। राज कुंद्रा के घर और दफ्तर के पास क्राइम ब्रांच की टीम पहले से ही इंतजार में खड़ी हुई थीं। कोर्ट की हरी झंडी मिलते ही उन्हें छापेमारी करनी थी। जैसे ही कोर्ट ने पुलिस को सर्च वारंट की इजाजत दी, क्राइम ब्रांच की टीमों ने सबसे पहले राज कुंद्रा के अंधेरी वेस्ट के विआन (VIAAN) और वीरा देसाई रोड के ऑफिस पर छापेमारी शुरू कर दी। दोपहर करीब 3 बजे हुई इस छापेमारी की भनक किसी को नहीं थी।

छापेमारी की खबर मिलते ही राज कुंद्रा भी दफ्तर पहुंच गए। पुलिस को वहां मिले सर्वर से बड़ी मात्रा में एडल्ट डाटा मिला। क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक राज कुंद्रा ने अपने कर्मचारियों से फोन कर सारा डाटा डिलीट करने के लिए कहा था जिसकी आवाज छापेमारी कर रही क्राइम ब्रांच की टीम के कानों में भी पड़ी थी। क्राइम ब्रांच की मानें तो राज कुंद्रा और उसके सहयोगी राज थोर्पे काफी सारा डाटा डिलीट करने में कामयाब भी हुए।

इस बात की खबर उन्होंने सीनियर अधिकारियों को भी दी । पुलिस को डर था कि राज कुंद्रा उसके बिछाए जाल से निकाल जाएगा। राज कुंद्रा की गिरफ्तारी निश्चित करने के लिए पुलिस ने राज कुंद्रा और राज थोर्पे को सीआरपीसी के सेक्शन 41A नोटिस दिया। इस नोटिस के मुताबिक उन्हें तफ्तीश के लिए क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर होना पड़ेगा। राज कुंद्रा ने ये नोटिस लेने से इंकार कर दिया। हालांकि क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा को प्रॉपर्टी सेल के बायकुला दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया।

राज कुंद्रा ने पुलिस की गाड़ी में जाने से इंकार कर दिया। 19 जुलाई को राज कुंद्रा और राज थोर्पे से लंबी पूछताछ की गई। कुंद्रा के खिलाफ क्राइम ब्रांच को काफी सुबूत मिल चुके थे। लिहाजा कुंद्रा से पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि वो राज कुंद्रा को गिरफ्तार कर सकते हैं । काफी सोच विचार के बाद रात दस बजे के आसपास क्राइम ब्रांच को गिरफ्तारी के लिए हरी झंडी दी गई। रात 10.45 बजे कुंद्रा को आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया।

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