आंसुओं से भीगी एक चिट्ठी: 'मेरे पति को रिहा कर दो', अगवा इंजीनियर की बीवी की नक्सलियों से गुहार

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आंसुओं से भीगी एक चिट्ठी: 'मेरे पति को रिहा कर दो', अगवा इंजीनियर की बीवी की नक्सलियों से गुहार
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बस्तर में इंजीनियर समेत दो अगवा

Latest Crime: छत्तीसगढ़ में बीजापुर बस्तर के पास माओवादी नक्सलियों ने 11 फरवरी को एक इंजीनियर समेत दो लोगों को अगवा कर लिया। जिस इंजीनियर को अगवा किया गया है उसकी पहचान अशोक पवार के तौर पर हुई है।

बताया यही जा रहा है कि अशोक पवार एक निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी में बतौर इंजीनियर काम कर रहे थे और कंपनी के काम के सिलसिले में ही वो बीजापुर बस्तर ज़िले के बेदरे थाना इलाके में गए थे।

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नक्सलियों को लिखी एक मार्मिक चिट्ठी

Naxal Crime: नक्सली अगवा किए गए लोगों को कहां लेकर गए और इस मामले में उनकी क्या मांगें हैं इस बारे में अभी तक किसी को कोई भी अंदाज़ा नहीं है। लेकिन इसी बीच अगवा हुए इंजीनियर की पत्नी के एक बेहद मार्मिक चिट्ठी लिखी है।

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नक्सलियों के नाम से लिखी इस चिट्ठी में इंजीनियर की पत्नी सोनाली पवार ने गुहार लगाई है कि उनके पति को क्यों छोड़ देना चाहिए।

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उस चिट्ठी को पढ़कर अधिकारियों की आंखें तो नम हो गईं। मगर उस चिट्ठा का नक्सलियों पर क्या असर हुआ अभी तक इसका कोई अंदाज़ा नहीं मिला है। ये भी पता नहीं चल सका कि वो चिट्ठी अभी तक उन अपहरणकर्ताओं तक पहुँची भी है या नहीं।

इंजीनियर की बीवी ने ये की अपील

Crime Update News: अशोक पवार यूं तो महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले के रहने वाले हैं लेकिन नौकरी के सिलसिले में वो अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ छत्तीसगढ़ में शिवरीनारायण में किराए के मकान में रहते हैं।

सोनाली पवार ने नक्सलियों को लिखी अपनी चिट्ठी में लिखा है

‘’मेरे पति रोजी रोटी कमाने के लिए ही वहां गए थे। अगर मेरे पति से कोई ग़लती हुई है तो उन्हें माफ कर दीजिए, और उन्हें छोड़ दीजिए। वहां जाना उनकी मजबूरी थी। रोजी रोटी का सवाल था, वर्ना वो वहां कभी नहीं जाते। मेरी दो छोटी बच्चियां हैं और उन्हीं के पालन पोषण के लिए ही वो वहां जाने से मना नहीं कर पाए। मैं आप सभी से अपील करती हूं कि मेरी पति को रिहा कर दें।‘’

चिट्ठी से झलकी परिवार की तस्वीर

Crime Update News in Hindi:ज़ज़्बातों से भरी इस चिट्ठी में इंजीनियर अशोक परिवार और उनके हालात की पूरी तस्वीर झलकती है। सोनाली के चिट्ठी में लिखे गए शब्द भी इतने मार्मिक हैं कि पढ़ने वाले की आंखों में खुद ब खुद आंसू आ जाते हैं।

अब देखने वाली बात ये है कि सोनाली पवार की लिखी गई ये चिट्ठी आखिर माओवादी नक्सलियों पर कितना असर डालती है। फिलहाल तो सोनाली अपनी दो बेटियों को साथ लेकर बस्तर के लिए रवाना हो गई हैं।

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