ED Raid AAP Party: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने लगाई आरोपों की झड़ी! आरोप तो लगाए पर सबूत कहां हैं?
ED Raids AAP Party: ईडी ने आप के आरोपों पर एक्शन लेने की बात कही है। उधर, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड जारी है। मंत्री आतिशी ने तमाम आरोप लगाए हैं।
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पंकज जैन के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
ED Raids AAP Party: ईडी ने आप के आरोपों पर एक्शन लेने की बात कही है। उधर, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रेड जारी है। मंत्री आतिशी ने तमाम आरोप लगाए हैं।
पहले बात मंत्री द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों की। उनके सवाल हैं -
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आरोप नंबर 1 - आबकारी नीति मामले में गवाहों की गवाही लेते समय CCTV से छेड़छाड़ की गई है
सवाल ये उठता है कि वो कौन-कौन से गवाह हैं, जिनकी गवाही लेते समय सीसीटीवी से छेड़छाड़ की गई है?
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उससे केस पर क्या फर्क पड़ेगा? अगर ऐसा हुआ तो ईडी को भी जवाब देना चाहिए।
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आरोप नंबर 2 - गवाहों को सरकारी गवाह बनाकर केस बना रही है ईडी
वो कौन से गवाह है, जिन्हें सरकारी गवाह बनाकर केस को मजबूत कर रही है ईडी?
आरोप नंबर 3 - गवाहों के साथ मारपीट कर रहे हैं ED अधिकारी
आखिर वो कौन से गवाह हैं, जिनके साथ मारपीट की गई है?
मंत्री का आरोप, लेकिन कुछ भी साफ नहीं!
एक आरोपी की ऑडियो म्यूट!
Atishi News: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, 'एक आरोपी ने कोर्ट में याचिका लगाकर सीसीटीवी फुटेज मांगी है, क्योंकि उसके बयान और कोर्ट में जमा बयान में फर्क था। सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि ईडी ने फुटेज का ऑडियो म्यूट कर दिया गया था। क्या ऐसा हुआ है? अगर हुआ है तो ईडी को जवाब देना चाहिए। सवाल ये उठता है कि वो कौन गवाह है? इसका क्या सबूत है? इससे केस पर क्या फर्क पड़ेगा? हालांकि इस गवाह के बारे में उन्होंने नहीं बताया। जाहिर है कोर्ट के मार्फत ही सही जानकारी मिल पाएगी।
मंत्री ने कहा, 'आम आदमी पार्टी के पास ये खबर है कि आबकारी मामले में पिछले डेढ़ साल में जो कुछ पूछताछ और बयान दर्ज हुए हैं, उनके ईडी ने ऑडियो डीलिट कर दिए थे। यानी कि वो फर्जी है। ईडी ऑडियो डीलिट कर किसको बचाना चाहती है? क्या छिपाना चाहती है। मेरा ईडी से सवाल है कि आपने पिछले डेढ़ साल में जितनी जांच की है, उसमें से कितनी फुटेज की ऑडियो है? अगर ईडी देश के सामने नहीं वो ऑडियो फुटेज नहीं रख पाती है तो मामला फर्जी है। हमने कोर्ट में आवेदन कर ऑडियो कलिप्स मांगी है।'
आतिशी ने कहा, 'कुछ गवाह सामने आए और उन्होंने बताया कि दवाब में गवाही दी। एक गवाह ने बताया कि उसे धमकी दी कि अगर आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ गवाही नहीं दी तो तुम्हारी बेटी को उठा लेंगे। एक को उसकी पत्नी को गिरफ्तारी की धमकियां दी गई।'
मंत्री ने आरोप तो लगा दिए, लेकिन इसको लेकर सबूत पेश नहीं किए। सवाल ये उठता है कि अगर आरोप लगाए जा रहे हैं तो सबूत क्यों नहीं पेश किए जा रहे हैं?
उधर, ईडी दिल्ली के करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार के अलावा कुछ अन्य नेताओं के ठिकानों पर ईडी की रेड चल रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर पर भी ईडी की छापेमारी जारी है। ये दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है, जहां ईडी एक्शन ले रही है।
ईडी का बयान भी सामने आया
ED का बयान सामने आया है। ईडी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ झूठे, निराधार और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए गए हैं। कुछ आरोपी व्यक्तियों के सीसीटीवी फुटेज हटाने के संबंध में ईडी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं। आरोपी व्यक्तियों के सभी बयान सीसीटीवी निगरानी के तहत दर्ज किए गए थे और आरोपी व्यक्तियों को उनकी मांग के अनुसार उन्हें आपूर्ति की गई थी और ट्रायल कोर्ट को भी वही प्रदान किया गया था।
हालाँकि सीसीटीवी फुटेज को केवल वीडियो प्रारूप में रिकॉर्ड किया गया था क्योंकि तत्कालीन उपलब्ध सीसीटीवी सिस्टम में ऑडियो रिकॉर्ड करने की सुविधा नहीं थी। ईडी अधिकारियों द्वारा कभी भी कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं हटाई गई है। ईडी के पहले के सीसीटीवी सिस्टम में ऑडियो सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ईडी पेशेवर तरीके से सैकड़ों बयान दर्ज करता है।
अक्टूबर 2023 में ईडी कार्यालय में सीसीटीवी प्रणाली को नवीनतम सुविधाओं के साथ आधुनिक बनाया गया। इसके बाद आरोपी संजय सिंह सहित सभी आरोपियों से ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पूछताछ की गई है।
क्या है पूरा मामला?
Delhi Jal Board: केंद्रीय एजेंसी दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच कर रही है। सीबीआई और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की एफआईआर के आधार पर ईडी कार्रवाई कर रही है। ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया था।
ईडी दिल्ली जल बोर्ड की निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितता के दो अलग-अलग मामलों की जांच कर रही है। यह आपराधिक मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की शिकायत से जुड़ा है।
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था, जबकि कंपनी जरूरी मानदंडों पर खरी नहीं उतरती थी। आरोप है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज जमा करके टेंडर हासिल किया है। मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज़ लिमिटेड को काम का उप-ठेका दिया। जब अनिल अग्रवाल को टेंडर की राशि मिली तो उन्होंने करीब तीन करोड़ रुपये रिश्वत की राशि जगदीश कुमार अरोड़ा को नकद और बैंक खातों के जरिए ट्रांसफर कर दी। जांच में पता चला है कि इसके लिए अरोड़ा के करीबी सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था। जगदीश कुमार अरोड़ा के करीबी को भी नकद रिश्वत मिली।
ACB ने दर्ज की थी FIR
जल बोर्ड में ज्वाइंट डायरेक्टर रहे नरेश कुमार गिरफ्तार हुए थे
दूसरा आरोप नवंबर 2022 में दर्ज कराई गई एसीबी की शिकायत से जुड़ा है। यह दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं को बिल भुगतान की सुविधा देने के लिए अपने विभिन्न कार्यालयों में स्वचालित बिल भुगतान संग्रह मशीन (कियोस्क) स्थापित करने के लिए टेंडर प्रदान करने के मामले से संबंधित है। इस सिलसिले में चार गिरफ्तारियां हो चुकी है, जिसमें जल बोर्ड के एक ज्वाइंट डायरेक्टर का नाम भी शामिल है।
इस केस में कैसे घपला हुआ?
इसके लिए इन दोनों के अलावा और कौन जिम्मेदार हैं?
इन तमाम एंगल से मामले की जांच की जा रही है। एक तरफ सीबीआई जांच कर रही है तो दूसरी ओर एसीबी भी मामले की जांच में जुटी है।
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