तालिबान पर पैसों की मार : अमेरिकी बैंकों में जमा अफ़ग़ान के 10 अरब डॉलर फ्रीज

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तालिबान पर पैसों की मार : अमेरिकी बैंकों में जमा अफ़ग़ान के 10 अरब डॉलर फ्रीज
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सबसे बड़ा सवाल ये है कि तालिबान अब कैसे देश चलाएगा ? रैवेन्यू कैसे जेनरेट करेगा, किस तरह से अफगानियों से टैक्स वसूलेगा और कैसे उनकी तरक्की के लिए इस पैसे का इस्तेमाल करेगा ? ये कुछ ऐसे सवाल है, जो तालिबानियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

तालिबान भले ही अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद सरकार गठित करने की तैयारी में है, लेकिन उसे देश चलाने के लिए फंड के मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड रहा है। आतंकी गुट तेजी से काबुल पर कब्जा करने में कामयाब रहा, लेकिन ऐसा नहीं लग रहा कि उसे इतनी आसानी से अफगान केंद्रीय बैंक की तकरीबन 10 अरब डॉलर की संपत्ति मिल जाएगी।

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को अमेरिकी बैंकों में रखी अफगान सरकार की संपत्ति को फ्रीज कर दिया। इससे तालिबान अमेरिका बैंकों से अफगानिस्तान के खजाने को हासिल नहीं कर पाएंगे।

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अधिकांश सपत्ति अफगानिस्तान के बाहर !

एक अफगान अधिकारी के अनुसार, देश के केंद्रीय बैंक द अफगानिस्तान बैंक (डीएबी) के पास विदेशी मुद्रा, सोना और अन्य खजाना है। हालांकि, यह कुल संपत्ति कितनी इसकी सटीक जानकारी स्पष्ट नहीं है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस मामले से अवगत एक अन्य स्रोत के हवाले से बताया कि अधिकांश संपत्ति अफगानिस्तान के बाहर रखी गई है।

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IMF के अनुसार, करीब 10 अरब डॉलर की आरक्षित संपत्ति थी अप्रैल तक

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, अप्रैल तक अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 9.4 अरब डॉलर की आरक्षित संपत्ति थी। यह देश के वार्षिक राजस्व का लगभग एक तिहाई है। संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान में नहीं है। द वॉशिंगटन पोस्ट ने इस मामले से परिचित सूत्र के हवाले से बताया कि अफगान सरकार के अरबों डॉलर अमेरिका में रखे गए हैं।व्हाइट हाउस और ट्रेजरी विभाग के प्रवक्ताओं ने अफगान की संपत्ति को ब्लॉक करने की प्रक्रिया या आगे अफगानिस्तान को अमेरिकी आर्थिक सहायता जारी रहने के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यू यॉर्क के एक प्रवक्ता ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान सरकार की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इसी बैंक के पास है। द वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और ओबामा प्रशासन के दौरान विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय के निदेशक के वरिष्ठ सलाहकार रहे एडम स्मिथ ने बताया कि अमेरिका को इस संपत्ति को फ्रीज करने का पहले से ही अधिकार मिला हुआ है, क्योंकि 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद तालिबान पहले से ही प्रतिबंधित है।

तो कितनी संपत्ति है अफगान की

केंद्रीय बैंक द अफगानिस्तान बैंक (डीएबी) के सबसे हालिया वित्तीय विवरण के मुताबिक लगभग 10 अरब डॉलर की कुल संपत्ति है। इसमें 1.3 अरब डॉलर का स्वर्ण भंडार और 36.2 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा नकद भंडार शामिल है। हालांकि, इसका एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान में नहीं है।

आम तौर पर विकासशील देशों के केंद्रीय बैंक अक्सर अपनी संपत्ति को फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क (FRBNY) या बैंक ऑफ इंग्लैंड जैसे संस्थानों के पास रखते है। अफगानिस्तान केंद्रीय बैंक के बयान के मुताबिक, उसके पास 6.1 अरब डॉलर का निवेश है। निवेश का बड़ा हिस्सा अमेरिका से किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन में एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका में अफगान केंद्रीय बैंक की संपत्ति तालिबान को उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।

यूनेस्को का क्या मानना है

यूनेस्को के अनुसार, अफगान केंद्रीय बैंक की तिजोरी में 2,000 साल पुराने सोने के आभूषण, गहने और सिक्के हैं जिन्हें बैक्ट्रियन ट्रेजर कहा जाता है। लगभग 21,000 प्राचीन कलाकृतियां केंद्रीय बैंक के तहखाने में मिली थीं, जबकि 2003 तक माना जा रहा था कि ये गुम हो चुकी हैं। ये कलाकृतियां तालिबान की नजर से बची हुई थी।

तो राह आसान नहीं है ...

टोलो न्यूज के मुताबिक अफगान नेताओं ने चोरी और लूट के डर से खजाने को विदेश में रखने का विचार रखा था। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान को आर्थिक मदद को लेकर अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की उम्मीद है। अफगानिस्तान पहले से ही दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है और अमेरिकी सहायता पर अत्यधिक निर्भर है जो अब खतरे में है। विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान पर मौजूदा प्रतिबंधो को लेकर बाइडेन प्रशासन को भी कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते संकट में फंसी अफगान आबादी को अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता देना मुश्किल हो सकता है। तो ऐसे में हालात सामान्य नहीं कहे जा सकते है।

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