PFI पर छापेमारी के दौरान व्यक्ति ने छह घंटे तक नहीं खोला घर का दरवाजा, इंतजार करते रहे एनआईए अधिकारी
Mumbai NIA Raids: प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से संबंधित एक मामले में छापेमारी कर रही एनआईए की टीम को बुधवार को उपनगरीय विक्रोली में एक व्यक्ति के आवास के बाहर छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि उसने घर का दरवाजा नहीं खोला।
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Mumbai NIA Raids: प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से संबंधित एक मामले में छापेमारी कर रही एनआईए की टीम को बुधवार को उपनगरीय विक्रोली में एक व्यक्ति के आवास के बाहर छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि उसने घर का दरवाजा नहीं खोला। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह व्यक्ति ग्यारह जुलाई 2006 को मुंबई में विभिन्न लोकल ट्रेन में हुए विस्फोटों के मामले में भी आरोपी रहा था। हालांकि, अदालत ने उसे बरी कर दिया था। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की यह कार्रवाई पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान व्यवधान पैदा करने के मामले में प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के खिलाफ छह राज्यों में कई स्थानों पर की गई छापेमारी का हिस्सा थी।
इंतजार करते रहे एनआईए अधिकारी
उन्होंने कहा, ‘‘एनआईए की एक टीम मुंबई पुलिस के साथ सुबह करीब पांच बजे विक्रोली के पार्कसाइट में एक चॉल में स्थित अब्दुल वाहिद शेख के आवास पर पहुंची, जो पहले 7/11 मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में आरोपी था। लेकिन, शेख ने छह घंटे से अधिक समय तक दरवाजा नहीं खोला और अधिकारी बाहर इंतजार करते रहे।’’ अधिकारी ने कहा कि घर के अंदर से शेख ने एनआईए से तलाशी वारंट की मांग की। उन्होंने कहा कि शेख ने अपने वकील और कुछ स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के मौके पर पहुंचने के बाद पूर्वाह्न करीब 11:15 बजे दरवाजा खोला।
छह घंटे तक नहीं खोला घर का दरवाजा
अधिकारी ने कहा, ‘‘तब एनआईए की टीम उसके आवास में दाखिल हुई और पीएफआई से संबंधित मामले में पूछताछ शुरू की।’’ उन्होंने बताया कि शेख के आवास के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। केंद्रीय एजेंसी ने शेख के घर पर पांच घंटे से अधिक समय तक तलाशी अभियान चलाया। शेख ने पहले व्हाट्सऐप पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया था, जिसमें कहा गया कि पुलिस और कुछ लोग सुबह पांच बजे से उसके घर के बाहर एकत्र हैं। उसने दावा किया, ‘‘वे मेरे घर में घुसना चाहते हैं, उन्होंने एक दरवाजा भी तोड़ दिया और मेरे घर का सीसीटीवी कैमरा भी क्षतिग्रस्त कर दिया। वे मुझे मामले या किसी प्राथमिकी से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिखा रहे हैं।’’
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रेड के दौरान अजीबो गरीब मंजर
तलाशी अभियान और पूछताछ के बाद एनआईए की टीम शाम करीब साढ़े चार बजे शेख के आवास से निकली। इसके बाद, शेख ने घर के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने अभियान के दौरान एनआईए टीम के साथ सहयोग किया। मेरा पीएफआई से कोई संबंध नहीं है और एनआईए टीम को मेरे आवास से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।’’ शेख ने कहा, ‘‘एनआईए मुझे झूठे मामले में न फंसाए, इसलिए मैंने अपने वकीलों को बुलाया और उन्होंने मुझसे जो भी करने को कहा, मैंने वह किया... मैं सावधानी बरत रहा हूं ताकि मुझे झूठे मामले में न फंसाया जाए, जैसा कि पहले हुआ था।’’ ग्यारह जुलाई 2006 को, शहर की लोकल ट्रेन से संबंधित पश्चिमी लाइन पर अलग-अलग स्थानों पर 15 मिनट के भीतर सात विस्फोट हुए थे, जिसमें 180 से अधिक लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।
(PTI)
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