Drugs Syndicate: गुजरात के कच्छ में पकड़ी गई 2000 करोड़ की ड्रग्स का 'पाकिस्तान कनेक्शन'
Drugs Syndicate: गुजरात के कच्छ में नशे की जो खेप पकड़ी गई उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि नशे का धंधा करने वालों को किस तरह समंदर रास आता है
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Largest Seizure of Narcotics: इटली के लेखक रॉबर्तो सविआनो की एक किताब है, नाम है 'जीरो जीरो जीरो'। इस किताब में ड्रग्स खासकर कोकीन को पूरी दुनिया में बेचने और खरीदने के बारे में खुलकर बताया गया है। कैसे जहाज के जरिए नशे के भारी कंसाइनमेंट एक देश से दूसरे देश पहुंचते हैं। 'जीरो जीरो जीरो' नाम से ही एक वेबसीरीज भी है। यह सीरीज सविआनो की किताब पर ही बनी हैै। ड्रग्स के कारोबार में पानी के जहाज की अहमियत को समझने के लिए सीरीज में इस्तेमाल की गई एक लाइन पर गौर कर लीजिये - 'कोकीन देखने पर लगता है कि यह केवल एक सफेद पाउडर है मगर कोकीन के भीतर झांकेंगे तो पूरी दुनिया नजर आएगी'। यानी पूरी दुनिया में ड्रग्स की तस्करी का अहम रास्ता है समंदर।
गुजरात के समंदर पर ऑपरेशन
यह तो थी रुपहले पर्दे की कहानी और उसकी बात। अब आते हैं असल जिंदगी में। इन दिनों दो ही ड्रग्स का बोलबाला है। कोकीन और मेथामफेटामाइन यानी मेथ। मेथ की बात इसलिए हो रही है क्योंकि गुजरात के समंदर पर एक ऑपरेशन में 31 किलो की ड्रग्स पकड़ी गई है। नशे की इस खेप में करीब 160 किलो मेथामफेटामाइन भी शामिल है। पिछले ही साल 13 मई को एनसीबी ने हिन्दुस्तान के कोच्चि के पोर्ट पर 2500 किलो मेथामफेटामाइन बरामद की थी। पिछले साल कोच्चि के पोर्ट पर जो मेथामफेटामाइन मिली उसकी कीमत ड्रग्स के बाजार में करीब 15 हजार करोड़ रुपये बताई गई थी जबकि इस बार गुजरात के पोर्ट पर जितनी ड्रग्स पकड़ी गई उसकी कीमत करीब 2000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
पाकिस्तान और ईरान कनेक्शन
लेकिन इन दोनों की मामलों में जो बात कॉमन है वो है इस ड्रग्स का पाकिस्तान और ईरान कनेक्शन। पिछली बार की तरह इस बार भी ड्रग्स का जो सोर्स था वो तो पाकिस्तान निकला लेकिन ये ड्रग्स ईरान से एक नाव के जरिए लाई जा रही थी। कीमत के लिहाज से यह किसी भी भारतीय सुरक्षा एजेंसी की तरफ से अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।
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नशे के सौदागरों के खिलाफ ऑपरेशन
असल में भारतीय नौसेना, एनसीबी और गुजरात एटीएस को खबर मिली थी कि एक छोटा जहाज, नशे का बड़ा कन्साइनमेंट लेकर हिन्दुस्तान के समंदर पर आने वाला है। नॉरको कंट्रोल ब्यूरो से ये इत्तेला मिली तो अरब सागर पर नशे के सौदागरों को घेरने के लिए घेरा लगाया गया...इस ऑपरेशन में इंडियन नेवी, नारको कंट्रोल ब्यूरो और गुजरात एटीएस की टीमों ने मिलकर काम किया। ये ऑपरेशन था गुजरात के कच्छ में। क्योंकि अरब सागर में गुजरात के तट से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर एक नाव पकड़ी गई जिसमें ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई। नाव पर जो ड्रग्स पकड़ी गई उसका वजन था 3100 किलो था जिसकी इंटरनेशनल ड्रग्स मार्केट में कीमत करीब 2000 करोड़ रुपये के आस पास बताई गई। जखीरे के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रग्स कंसाइनमेंट निकला। भारतीय नौसेना, एनसीबी और गुजरात एटीएस के उस ऑपरेशन में नाव से पांच लोगों को भी पकड़ा।
जखीरे पर 'Produce of Pakistan' लिखा
अब सवाल उठता है कि इसका पाकिस्तान कनेक्शन कैसे जोड़ दिया गया। तो पकड़े गए ड्रग्स के जखीरे पर 'Produce of Pakistan' लिखा हुआ मिला। जो ड्रग्स पकड़ी गई उसमें 2950 किलो हशीश, 160 किलो मेथमफेटामाइन, 25kg मॉर्फिन शामिल हैं। दरअसल मुंबई और महाराष्ट्र के कई इलाके गुजरात के लिए ड्रग सप्लाई के सबसे महफूज ठिकाने बनते जा रहे हैं...देश के समुद्री इलाकों में ड्रग्स की खरीद फरोख्त़ पर लगाम लगाने के लिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक मुहिम चला रखी है। इस मुहिम का नाम है ऑपरेशन समुद्रगुप्त। यह अभियान देश के समुद्री इलाकों में एक्टिव है। दुनिया के बहुत सारे हिस्सों में ड्रग्स की तस्करी का एक जरिया नाव भी है। समंदर के सीने पर तैरते जहाज नशे की खेप दूसरे देशों तक पहुंचाते हैं। इस ड्रग्स की स्मगलिंग के केस में एक बात और सामने आई है कि एक मदरशिप पाकिस्तान और ईरान के आसपास मकरान तट से अपना सफर शुरू करती है। इसी यात्रा के दौरान वो अलग-अलग नावों के जरिए ड्रग्स की सप्लाई करती है।
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मदरशिप का है सारा खेल
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से पता चला है कि असल में गुजरात के कच्छ में जो ऑपरेशन चलाया गया था उसका असली मकसद यही था कि किसी भी सूरत में मदरशिप को काबू में कर लिया जाए। यानी मदरशिप के पकड़े जाने पर मेथ का बड़ा जखीरा हाथ लग सकता था। मगर इस बार भी सुरक्षा एजेंसियों के हाथ मदरशिप नहीं लगी। कोच्चि के ऑपरेशन में भी मदरशिप भारतीय एजेंसियों के हाथों से फिसल गई थी। बीते कुछ अरसे के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात से हजारों करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है। ड्रग्स माफिया अक्सर समंदर के रास्ते से भारत में ड्रग्स लाने की कोशिश करते हैं...मगर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां की चौकस चौकसी की वजह से ये कोशिश नाकाम हो जाती है..
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