भारत में नशे के कारोबार का काला सच जान चौंक जाएंगे,10 लाख करोड़ से बड़ा है ड्रग्स का ये गंदा बिज़नेस

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भारत में नशे के कारोबार का काला सच जान चौंक जाएंगे,10 लाख करोड़ से बड़ा है ड्रग्स का ये गंदा बिज़ने...
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क्रूज ड्रग्स पार्टी पर एनसीबी की रेड और गिरफ्तारी से बॉलीवुड में हड़ंकप मचा है. चर्चा इसलिए ज्यादा है क्योंकि इस मामले में शाहरूख खान के बेटे आर्यन को भी गिरफ्तार किया गया है. लेकिन ठीक इसी वजह से देश में चिन्ता भी है. एक सुपरस्टार जिसके फैन देश को करोड़ो युवा हैं, अगर उसका बेटा ड्रग्स की गिरफ्त में है तो ये समझने की जरूरत है कि देश में ड्रग्स की समस्या कितनी बड़ी हो चुकी है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एनसीबी ने बॉलीवुड और मुबंई के ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश किया था. बॉलीवुड के कई जाने माने नाम एनसीबी की रडार पर आए. जिनसे पूछताछ हुई और कई ड्रग पेडलर्स को गिरफ्तार किया गया.

लेकिन क्रूज ड्रग्स पार्टी ने साफ कर दिया है कि ना तो मुंबई का ड्रग्स नेटवर्क कमजोर पड़ा है और ना बड़ी पार्टियों में ड्रग्स की सप्लाई रुकी है. लेकिन मसला सिर्फ बॉलीवुड या मुंबई का ही नहीं है. आर्यन और उसके दोस्तों की उम्र देखते हुए ये चिंता अब देश के हर मां बाप की है. लोग सोचने पर मजबूर हैं कि कही उनका बेटा या बेटी भी ड्रग्स की जानलेवा गिरफ्त में ना आ जाए.

तमाम सख्ती के बावजूद देश में ड्रग्स का कारोबार बढ़ता जा रहा है. खास तौर से युवाओं की नसों में घुलता नशे का ज़हर एक युवा पीढ़ी को निगलने पर आमादा है. नशे का ये कारोबार युवाओं को तो बर्बाद कर ही रहा है इसकी तस्करी को लेकर क्राइम का बढ़ता ग्राफ भी चिंता का विषय है. यूएन ऑफिस ऑफ ड्रग एंड कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक.

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  • 2016 में दुनिया भर में सप्लाई होने वाले कुल गांजा का 6 प्रतिशत यानी लगभग 300 टन गांजा अकेले भारत में जब्त किया गया था

  • यही नहीं 2017 में यह मात्रा बढ़कर 353 टन हो गई

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  • वहीं 2017 में भारत में 3.2 टन चरस सीज की गई

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  • एक अनुमान के मुताबिक भारत में ड्रग्स और नशे का सालाना अवैध कारोबार लगभग 10 लाख करोड़ रुपए का है.

  • सच्चाई ये है कि देश को छोटे बडे हर शहर में नई ड्रग्स का खतरा मौजूद है. जिसके निशाने पर युवा पीढ़ी है. ऐसी पार्टियों में कोकीन, हशीश, चरस, एलएसडी, मेफेड्रोन, एक्टेक्सी जैसे ड्रग्स परोसे जाते हैं. ऐसी पार्टियों के अलावा स्कूल कॉलेज जैसी जगहों पर भी ड्रग्स बेची जाती है. चिंता की बात ये है कि छोटे शहरो में भी ड्रग्स का नेटवर्क मजबूत हुआ है.

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