DODA Joshimath Like Situation: डोडा में दिखी जोशीमठ जैसी हालत, मकानों में दरार और लोगों में दहशत दिखी
जोशीमठ के बाद अब जम्मू कश्मीर के डोडा ज़िले में मकानों में दरार दिखने से लोगों में दहशत देखी जा रही है। डोडा में अब तक दरारों की वजह से तीन मकान ढह गए जबकि 18 मकानों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन से मिली खबरों के
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अभी तक जोशीमठ से खबरें आ रही थीं कि वहां मकानों और दुकानों के साथ साथ सड़कों और इमारतों में दरारें पड़ने लगी और ज़मीन धसकने लगी है। लेकिन लगता है ये रोग अब तेजी से फैलने लगा है और अब जम्मू कश्मीर के डोडा से ऐसी खबरें सामने आने लगी हैं।
जम्मू कश्मीर के डोडा ज़िले के एक गांव में अचानक कई घरों में दरारे दिखने के बाद लोग दहशत में आ गए। डोडा जिले के किश्तवाड़ बटोट नेशनल हाईवे के पास थाथरी नाम की नई बस्ती है। इस गांव के घरों में अचानक दरारे दिखनी शुरू हो गई और लोग आपस में इन दरारों के साथसाथ जोशीमठ का जिक्र करने लगे।
हालांकि ज़िला प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है लेकिन जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि जम्मू कश्मीर के डोडा के हालात की तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ से करना सही नहीं है।
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दो रोज पहले ही जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि स्थानीय प्रशासन अलर्ट है और हालात पर क़रीबी नज़र रखी जा रही है। इसके अलावा जिन मकानों और दुकानों में ये दरारें दिखीं हैं उन परिवारों को सरकार की तरफ से हर संभव मदद मुहैया करवाई जा रही है।
उपराज्यपाल के मुताबिक जिन मकानों में दरारें नज़र आईं उन मकानों को अहतियात के तौर पर खाली भी करवा लिया गया है। फिर भी मेरा मानना है कि हालात इतने बेकाबू नहीं हुए हैं कि घबराने की नौबत आ जाए।
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ये बात गौर तलब है कि बस्ती गांव में कुछ रोज पहले कई मकानों में अचानक दरार दिखनी शुरू हुई। लेकिन पिछले हफ्ते जब भूकंप आया तो उसके बाद हालात और भी ज़्यादा खराब हो गए। ऐसे मकानों की गिनती 21 तक पहुँच गई जिनमें दरारे देखी जा रही हैं। इतना ही नहीं। अब तक दरारों की वजह से तीन मकान ढह भी गए जबकि उनमें से 18 मकान ऐसे हैं जो रहने लायक स्थिति में बिल्कुल भी नहीं रह गए हैं। जिला प्रशासन की तरफ से असुरक्षित मकानों को पूरी तरह से खाली करवा कर उन मकानों में रहने वालों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है।
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लेकिन स्थानीय प्रशासन के लिए वो लोग चुनौती बने हुए हैं जिनके मकानों में दरारें तो दिख रही हैं लेकिन परिवार को लोग अपना आशियाना छोड़कर वहां से नहीं जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में डोडा प्रशासन और जम्मू कश्मीर पुलिस उन परिवारों को समझाने के साथ साथ उनकी मदद के लिए वहीं डेरा डाले हुए है।
पुलिस लोगों को यही समझाने में लगी हुई है कि भूधंसाव से कभी भी कोई हादसा हो सकता है, ऐसे में उनका मकान को छोड़ना ही मुनासिब होगा। लेकिन अब ये बात जंगल की आग की तरफ पूरे जम्मू कश्मीर में फैल गई है कि डोडा के एक गांव में दरार की दहशत ने वहां के लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है। लोगों का तो यही इल्ज़ाम है कि आला अधिकारी सिर्फ बातों को टालने में लगे हैं और शायद किसी बड़े हादसे का उन्हें इंतजार है।
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