जेल के अस्पताल में गैंगवॉर, गैंग्स्टर का शूटआउट, देसी कट्टे से मारी सात गोली

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जेल के अस्पताल में गैंगवॉर, गैंग्स्टर का शूटआउट, देसी कट्टे से मारी सात गोली
धनबाद की मंडल कारा जेल में हुआ शूटआउट, गैंगवार में मारा गया कैदी
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Dhanbad Shootout: कोयला नगरी के नाम से पूरे भारत में मशहूर धनबाद का मंडल कारा यानी धनबाद जेल से जो किस्सा सामने आया है, उसने भी एक बार फिर पूरे हिन्दुस्तान को झकझोरा है। दो दोस्तों की यारी दुश्मनी के इस किस्से में किस कदर सूटआउट का खौफ तारी है, ये कहानी न सिर्फ सिहरन पैदा करती है बल्कि खौफ की एक पूरी दास्तां तक सुना देती है। 

कैदी अमन सिंह को अस्पताल में मारी गई गोलियां

धनबाद शहर ही थर्रा उठा

हालांकि इस किस्से के खुलासे की शुरूआत होती है रविवार, 3 दिसंबर 2023 को। जब दोपहर 3 बजे। धनबाद के इसी मंडल कारा में दोपहर तीन बजते-बजते अचानक एक ऐसी वारदात हुई कि जेल तो क्या, पूरा का पूरा धनबाद शहर ही थर्रा उठा... दरअसल, जेल में बंद कुख्यात शूटर, कोयले के नाजायज कारोबारी और धनबाद शहर के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह के क़त्ल के आरोपी अमन सिंह को किसी ने जेल के अंदर ही गोलियों से छलनी कर दिया। अमन सिंह पिछले कुछ दिनों से जेल के अस्पताल में ही भर्ती था। उसे दिमाग़ी परेशानी की शिकायत थी और एक रोज़ बाद यानी सोमवार को ही उसे जेल के अस्पताल से बाहर धनबाद के एसएनएमएमसीएच में सीटी स्कैन के लिए ले जाने की तैयारी थी। लेकिन इससे पहले कि उसे बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाया जाता, जेल के अस्पताल में धावा बोल कर एक अकेले क़ैदी ने उसे इतनी गोलियां मारी कि अमन सिंह की अस्पताल के बिस्तर पर ही मौत हो गई। 

कट्टे से मारी सात गोली

अमन सिंह पर हमलावर ने एक देसी पिस्टल से एक के बाद एक कुल 7 गोलियां चलाईं, जिनमें से 6 गोलियां बिल्कुल करीब से अमन सिंह को लगी। इन छह गोलियों में चार पेट में, जबकि 2 गोलियां सिर में लगी। जेल में हुई इस ताबड़तोड़ फायरिंग और फायरिंग में धनबाद के एक बदनाम गैंगस्टर के क़त्ल की इस वारदात ने सिर्फ जेल ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन के भी हाथ-पांव फुला दिए। आनन-फानन में लोकल थाने की पुलिस के साथ-साथ जिले के तमाम आला अधिकारी मौका ए वारदात पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी गई। खास बात ये रही कि दिन दहाड़े अस्पताल में घुस कर एक कैदी ने दूसरे कैदी की हत्या कर दी और किसी ने उसे रोकने-टोकने की हिम्मत तक नहीं जुटाई। वो भी तब जब अमन सिंह पिछले कई महीनों से धनबाद के ही एक बेहद प्रभावशाली परिवार पर अपनी हत्या की साजिश रचने का इल्जाम लगा रहा था। अपनी जान को खतरा बता रहा था। 

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कैदी जेल से पहुँचा अस्पताल

अब सवाल ये आखि़र ऐसा कैसे हुआ? एक कैदी इतनी आसानी से अपने वार्ड से निकल कर जेल के अस्पताल में कैसे पहुंच गया? उसके पास हथियार और गोलियां कहां से आईं? क्या उसकी अमन सिंह से कोई निजी दुश्मनी थी? या फिर ये क़त्ल उसने किसी के ईशारे पर किया? अमन सिंह जिनसे अपनी जान को खतरा बताता रहा था, वो कौन हैं? और उनसे अमन की क्या दुश्मनी थी?

डेढ़ घंटे में हुई शूटर की पहचान

अमन सिंह की हत्या के बाद से ही ये सारे सवाल हर किसी की जुबान पर थे। हद तो ये रही कि शुरू में हमलावर कैदी अमन सिंह की जान लेकर फरार हो चुका था। और उसकी पहचान करने और उसे पकड़ने में पुलिस और जेल प्रशासन को करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा लग गए... दरअसल, अस्पताल के ही एक सफ़ाई कर्मी ने चश्मदीद के तौर पर संदिग्ध क़ातिलों में से एक सुंदर महतो की पहचान की और तब जाकर उसे गिरफ्तार किया गया। वही सुंदर महतो जिसे 25 नवंबर को धनबाद की ही मुनीडीह पुलिस ने बाइक चोरी के एक मामूली अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि 24 घंटे से ज्यादा का वक़्त गुज़र जाने के बावजूद पुलिस ना तो सुंदर महतो से कत्ल में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद कर पाई और ना ही इस साज़िश के राज़ ही उगलवा सकी।

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कैदी से कोई राज़ उगलवा सके

वैसे पुलिस चाहे कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार कैदी से कोई राज़ उगलवा सके या ना उगलवा सके, वारदात के चंद घंटे बाद रविवार की रात होते-होते एक ऑडियो क्लिप धनबाद में हर किसी के मोबाइल फोन पर वायरल होने लगा और ये ऑडियो क्लिप था आशीष उर्फ़ छोटू सिंह का। वही छोटू सिंह, जिसने कभी अमन के साथ मिलकर कोयले के काले कारोबार में अपने हाथ काले किए थे और जिस पर अमन के साथ मिल कर शहर के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह के क़त्ल का इल्ज़ाम भी है।
वैसे गैंगस्टर अमन सिंह के क़त्ल को लेकर छोटू सिंह की ओर से इस ऑडियो क्लिप के ज़रिए किए जा रहे दावे में कितनी सच्चाई है, इसका पता तो जांच के बाद ही चलेगा। 

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