पटना डिप्टी मेयर का बेटा शराब के साथ गिरफ्तार!

ADVERTISEMENT

पटना डिप्टी मेयर का बेटा शराब के साथ गिरफ्तार!
social share
google news

बिहार में शराबबंदी के आज 5 साल बीत चुके हैं. लेकिन पिछले 5 सालों के आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जिस दिन राज्य के किसी जिले में शराब ना मिली हो.

कई बार तो इस कानून का मखौल उड़ाते मंत्री या फिर पुलिस वाले मिल जाते हैं. इसी कड़ी में पटना के डिप्टी मेयर रजनी देवी का बेटा आशीष अपने दोस्तों के साथ शनिवार की रात को पटना के दीघा थाना क्षेत्र के कुर्जी मोड़ के पास एक मकान में शराब पार्टी कर रहा था. जहां पर देर रात पुलिस ने गुप्त जानकारी के आधार पर छापेमारी कर डिप्टी मेयर के बेटे आशीष को उसके में दोस्तों के साथ गिरफ्तार कर लिया.

छापेमारी के दौरान पुलिस को शराब की खाली बोतलें भी मिली हैं. वहीं पुलिस ने ब्रेथ एनालाइजर से जांच की तो शराब पीने की पुष्टि भी हो गई है. पुलिस ने डिप्टी मेयर के बेटे और उसके साथियों को जेल भेज दिया है.

ADVERTISEMENT

जिसके बाद पुलिस ने बताया कि आशीष अपने तीन दोस्तों के साथ शनिवार देर रात शराब पार्टी कर रहा था. तीनों कमरा अंदर से बंद कर शराब पी रहे थे.

इस दौरान पुलिस मौके पर पहुंच गई और आशीष को उसके दोस्तों के साथ गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि हाल ही में बिहार में शराब के ट्रक को जप्त कर लिया गया था इस पर 6482 लीटर शराब मिली थी. इसको पंचायत चुनाव में इस्तेमाल करने के लिए बंगाल से मंगाया गया था. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी सूबे में कई बार शराब की तस्करी के मामले सामने आए हैं.

ADVERTISEMENT

आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी के आज लगभग 5 साल बीत चुके हैं. लेकिन फिर भी इन बीते सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब बिहार में शराब की बरामदगी ना हुई हो.

ADVERTISEMENT

शराब के बंद हो जाने के बाद वहां पर शराब का धंधा शुरू हो गया है. कई बार इस धंधे में सफेद कॉलर वाले ही शामील रहते हैं. कुछ महीने पहले नीतीश कैबिनेट के मंत्री रामसूरत राय के भाई हंस लाल राय पर शराब तस्करी के धंधे में संलिप्त होने का आरोप लगा था. जिसकी बार नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी.

आखिर क्यों नहीं होती कार्रवाई?

ऐसे में सवाल उठता है कि जब बिहार में शराबबंदी कानून है. 1हजार से ज्यादा थाने हैं. हजारों पुलिस वाले हैं. सरकार से लेकर मंत्री तक मुस्तैद हैं. तो फिर बिहार में शराब कैसे लोगों को आसानी से मिल रही है. 5 साल पहले नितीश कुमार ने शराब बंदी का फैसला किया या था. लेकिन अब वो इसमें पूरी तरह फेल हो रहे हैं.

साफ है जब तक सरकारी तंत्र प्रभावित सिंडिकेट को ध्वस्त नहीं किया जाएगा तब तक शराब बंदी कानून पूरी तरीके से लागू कर पाना नामुमकिन है.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜