देवरिया हत्याकांड : मृतक सत्यप्रकाश के बेटे को लोगों ने दिए 20 लाख रुपये और 2BHK फ्लैट!
Deoria Murder Case : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवरिया हत्याकांड (Deoria Murder Case) में मारे गए सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान सत्यप्रकाश के परिवार में एकमात्र जिंदा बचे सत्य प्रकाश दुबे
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राम प्रताप सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Deoria Murder Case : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवरिया हत्याकांड (Deoria Murder Case) में मारे गए सत्य प्रकाश दुबे के बेटे को अब हरेक क्षेत्र से जुड़े लोग आर्थिक मदद दे रहे हैं। सांसद, विधायक समेत तमाम लोगों ने 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद की। इस दौरान सत्यप्रकाश और उनके परिवार के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
पहले श्रद्धांजलि सभा हुई। रविवार को शहर के सोन्दा स्थित अक्षय वाटिका में श्रद्धांजलि सभा हुई। इस हत्याकांड में कुल 6 लोग मारे गए थे, जिनमें एक तरफ प्रेमचंद और दूसरी तरफ सत्यप्रकाश दुबे और उसके परिवार के लोग शामिल थे।
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पूर्व विधायक सुरेश तिवारी ने देवेश को तीन लाख की आर्थिक मदद की। इसके अलावा सांसद रविंद्र कुशवाहा ने एक लाख, जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश तिवारी ने 51 हजार, सदर विधयाक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी ने 2 लाख, खलीलाबाद विधायक अंकुर राज तिवारी ने 2 लाख, प्रधानाचार्य ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी ने 1 लाख, पंकज जायसवाल ने 1 लाख, एम एलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने 1 लाख रुपये, अखिल भारतीय वैदिक सहायता समूह के प्रतिनिधि वैदिक दुर्गेश पाण्डेय ने 95 हजार, राजेश सिंह दयाल ने 2 लाख, विधायक जयप्रकाश निषाद ने 1 लाख 1 हजार, मणिशंकर मिश्र ने एक लाख 10 हजार, संजय तिवारी प्रमुख प्रतिनिधि देसही ने 2 लाख, करणी सेना के अध्यक्ष वीरू सिंह ने 51 हजार, काली मिश्र मैनपुरी ने 50 हजार, शंकाराचार्य परिषद के अध्यक्ष शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरुप जी ने 51 हजार, सवर्ण आर्मी प्रमुख सर्वेश पाण्डेय ने 21 हजार रुपये दिए।
बिहार प्रान्त के सिवान के रहने वाले सुंदर मिश्र जो इस समय अमेरिका में हैं, उन्होंने कहा कि वे देवेश को 2BHK का मकान बनवाकर देंगे।
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उधर, देवरिया हत्याकांड में माता-पिता, दो बहनों और एक भाई को खो चुका देवेश शनिवार को घटना के छह दिन बाद अपने घर पहुंचा। घर की दहलीज पर पैर रखते ही वह फूट-फूट कर रोने लगा। उसे इस तरह रोता देख वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए।
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गौरतलब है कि सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी शोभिता दुबे की शिकायत पर 28 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।
दूसरी तरफ, प्रेमचंद यादव के रिश्तेदार अनिरुद्ध यादव की ओर से दर्ज कराई गई FIR में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी और बच्चों सहित पांच मृतकों को नामजद किया गया है। इस मामले की भी जांच की जा रही है।
सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिर ये 10 बीघा जमीन का टुकड़ा किसका था? सरकारी या किसी और का।
1. अब सवाल ये उठता है कि ग्राम सभा की जमीन पर किसने कब्जा किया था?
2. किसने उस पर आलीशान मकान बना दिया?
3. ये अवैध मकान किस तरह से बचा रहा?
4. किन किन अधिकारियों की मिली भगत से से सब चलता रहा?
5. सत्यप्रकाश के भाई ने प्रेमचंद को क्यों ये जमीन दी?
6. क्या ये जमीन सत्यप्रकाश के भाई की थी?
7. सत्यप्रकाश ने कोर्ट केस में क्या दलीलें दी है?
8. बीघा जमीन क्या सरकारी है या किसी की है?
ये ऐसे सवाल है, जिसका उत्तर आने वाले वक्त में मिलेगा।
बताया जा रहा है कि सत्यप्रकाश के भाई ने अपने हिस्से की करीब 10 बीघे जमीन प्रेमचंद्र को दे दी थी। इस बात से सत्यप्रकाश खफा था। प्रेमचंद्र उसकी जमीन जोत-बो रहा था। सत्यप्रकाश ने कोर्ट केस भी कर रखा था। इससे पहले विवादित जमीन की पुलिस और राजस्व टीम की मौजूदगी में पैमाइश भी हुई थी।
ये मामला थाना रुद्रपुर के फतेहपुर गांव का है। एक परिवार है प्रेमचंद्र यादव का और दूसरा सत्य प्रकाश दुबे का। प्रेमचंद्र पूर्व जिला पंचायत सदस्य था। उसका और सत्य प्रकाश का जमीन को लेकर काफी समय से झगड़ा चला आ रहा था, लेकिन 2 अक्टूबर की सुबह जैसे ही प्रेमचंद्र यादव की लाश मिली। इस जमीनी झगड़े ने खौफनाक रूप ले लिया। इसके बाद सत्यप्रकाश और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई।
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