देवरिया हत्याकांड में बड़ा खुलासा, प्रेमचंद यादव की पत्नी और बेटी ने बोला झूठ!

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देवरिया हत्याकांड में बड़ा खुलासा, प्रेमचंद यादव की पत्नी और बेटी ने बोला झूठ!
Deoria Murder Case
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राम प्रताप सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Deoria Murder Case: देवरिया कांड में बड़ा अपडेट सामने आया है। जांच में पता चला है कि प्रेमचंद यादव के मोबाइल फोन पर 1 अक्टूबर की रात से 2 अक्टूबर की सुबह तक किसी का फोन नहीं आया था।

पुलिस ऐसा मान कर चल रही है कि प्रेमचंद यादव खुद सत्य प्रकाश दुबे के घर पहुंचा होगा। इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी हुई होगी और फिर उसकी हत्या कर दी गई होगी। इस सिलसिले में पुलिस को प्रेमचंद के मोबाइल की Details मिली है।

पुलिस इस मामले में मृतक सत्य प्रकाश दुबे के फोन की भी कॉल डिटेल निकालने में जुटी है। उनके मोबाइल से कहां-कहां बात की गई या किसका फोन आया था, ये जांच की जा रही है। इस मामले में प्रेमचंद की पत्नी ने बयां दिया था कि 2 अक्टूबर की सुबह प्रेमचंद के फोन पर किसी का फोन आया था और वो सत्यप्रकाश के घर चला गया था। 

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Deoria Murder : देवरिया कांड में आरोपी का कुबूलनामा भी सामने आया था। आखिरी वक्त में क्या-क्या हुआ था, ये भी साफ हो गया है। आरोपी नवनाथ मिश्र ने पुलिस को बताया था कि जब सत्य प्रकाश, सलोनी और गांधी की सांसें चल रही थी, तभी उसने गोलियों से तीनों को छलनी कर दिया था। इस मामले में उसे अरेस्ट कर लिया गया है।

ऐसा हुआ था हत्याकांड, पहले प्रेमचंद की हत्या फिर भीड़ का तांडव

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पूछताछ में आरोपी ने सिलसिलेवार तरीके से पूरी घटना के बारे में बताया। आरोपी ने खुलासा किया कि सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे के पास 2 अक्टूबर को प्रेमचंद यादव की लाश मिली थी। जैसे ही उसे इसकी मिली, वो मौके की तरफ भागा। प्रेमचंद के रिश्तेदार समेत कई लोग सत्यप्रकाश के घर की तरफ दौड़ पड़े। प्रेमचंद का शव देकर लोगों ने दुबे के परिवार पर ईंट, पत्थर और डंडों से हमला करना शुरू कर दिया। उसके घर के कुछ लोग मौके पर ही ढेर हो गए।

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आरोपी ने बताया कि सत्य प्रकाश दुबे, उनकी बेटी सलोनी और बेटे गांधी की सांसें चल रही थी। इनको जिंदा देख आरोपी ने प्रेमचंद यादव की रायफल से तीनों को गोली मार दी। गोली लगने के बाद इन तीनों की भी मौत हो गई। सत्य प्रकाश के दरवाजे पर राइफल प्रेमचंद के रिश्तेदार गोलू व संदीप ले गए थे, जहां संदीप से राइफल छीन कर उसने गोली चलाई थी।

देवरिया कांड में बेशक पुलिस ने मुख्य आरोपी नवनाथ मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन अभी भी इस मामले के कई आरोपी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। दरअसल, इस मामले में दो पक्षों के लोगों की मौत हुई। सबसे पहले 2 अक्टूबर को पूर्व प्रधान प्रेमचंद यादव (Prem Chand Yadav) की हत्या कर दी गई। आरोप है कि ये हत्या सत्यप्रकाश के परिवार वालों ने की थी। इसके बदला लेने के लिए नवनाथ ने सत्यप्रकाश के परिवार पर गोलियां बरसा दी। हालांकि कई और लोग भी सत्यप्रकाश को मारने के लिए आए थे।

दूसरे पक्ष की तरफ से सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी, दो बेटियों (जिनमें एक का नाम सलोनी हैं)और बेटे गांधी की मौत हो गई थी। इस हत्याकांड में सत्यप्रकाश का बेटा अनमोल जख्मी हैं, जब कि एक बेटा देवेश बच गया।

यहां कई सवाल अभी भी बने हुए हैं -

प्रेमनाथ की हत्या किसने की?

क्या सत्यप्रकाश और उसके परिवार के पांच लोगों ने मिल उसकी हत्या की?

नवनाथ ने कितने लोगों पर गोलियां बरसाईं ?

नवनाथ ने हत्याकांड को क्यों अंजाम दिया, जब कि कायदे से उसका तो कुछ बिगड़ा ही नहीं था?

सत्यप्रकाश और उसके परिवार के लोगों की हत्या में नवनाथ के साथ-साथ और कितने लोग शामिल थे?

प्रेमचंद की बेटी का आरोप

उधर, प्रेमचंद की बेटी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि देवेश (सत्य प्रकाश दुबे का बेटा) ही उनके पिता का कातिल है, जिसके जवाब में देवेश ने बताया कि घटना वाले दिन वो मौके पर नहीं था। वो कर्म-कांड कराने बाहर गया हुआ था।

दो केस, कई आरोपी

सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी ने दर्ज कराया मुकदमा

इस मामले में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मामला दर्ज कराया है। अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सत्य प्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी की ओर से 27 नामजद और 50 अज्ञात सहित 77 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302(हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के अलावा अन्य के तहत FIR दर्ज कराई गई है। 

वहीं, प्रेमचंद यादव की पक्ष की तरफ से सत्य प्रकाश समेत दुबे परिवार के 4 लोगों पर मुकदमा लिखवाया गया। हालांकि, उन सभी की हत्या हो चुकी है।

उधर, देवरिया हत्याकांड में माता-पिता, दो बहनों और एक भाई को खो चुका देवेश शनिवार को घटना के छह दिन बाद अपने घर पहुंचा। घर की दहलीज पर पैर रखते ही वह फूट-फूट कर रोने लगा।

गौरतलब है कि सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी शोभिता दुबे की शिकायत पर 28 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।

दूसरी तरफ, प्रेमचंद यादव के रिश्तेदार अनिरुद्ध यादव की ओर से दर्ज कराई गई FIR में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी और बच्चों सहित पांच मृतकों को नामजद किया गया है।

सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिर ये 10 बीघा जमीन का टुकड़ा किसका था? सरकारी या किसी और का।

1. अब सवाल ये उठता है कि ग्राम सभा की जमीन पर किसने कब्जा किया था?

2. किसने उस पर आलीशान मकान बना दिया?

3. ये अवैध मकान किस तरह से बचा रहा?

4. किन किन अधिकारियों की मिली भगत से से सब चलता रहा?

5. सत्यप्रकाश के भाई ने प्रेमचंद को क्यों ये जमीन दी?

6. क्या ये जमीन सत्यप्रकाश के भाई की थी?

7. सत्यप्रकाश ने कोर्ट केस में क्या दलीलें दी है?

8. बीघा जमीन क्या सरकारी है या किसी की है?

ये ऐसे सवाल है, जिसका उत्तर आने वाले वक्त में मिलेगा।

बताया जा रहा है कि सत्यप्रकाश के भाई ने अपने हिस्से की करीब 10 बीघे जमीन प्रेमचंद्र को दे दी थी। सत्य प्रकाश दुबे के छोटे भाई ज्ञान प्रकाश दुबे ने अपने हिस्से की जमीन प्रेम चंद यादव को बैनामा कर दी थी। इसी को लेकर विवाद था। सत्य प्रकाश दुबे द्वारा तहसील व पुलिस प्रशासन में यह शिकायत की गई थी कि प्रेम चंद यादव ने सरकारी जमीन, खलिहान की जमीन, वन विभाग की जमीन और सरकारी स्कूल की जमीन पर कब्जा कर मकान बनवाया है, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इस बात से सत्यप्रकाश खफा था। प्रेमचंद्र उसकी जमीन जोत-बो रहा था। सत्यप्रकाश ने कोर्ट केस भी कर रखा था। इससे पहले विवादित जमीन की पुलिस और राजस्व टीम की मौजूदगी में पैमाइश भी हुई थी।

ये मामला थाना रुद्रपुर के फतेहपुर गांव का है। एक परिवार है प्रेमचंद्र यादव का और दूसरा सत्य प्रकाश दुबे का। प्रेमचंद्र पूर्व जिला पंचायत सदस्य था। उसका और सत्य प्रकाश का जमीन को लेकर काफी समय से झगड़ा चला आ रहा था, लेकिन 2 अक्टूबर की सुबह जैसे ही प्रेमचंद्र यादव की लाश मिली। इस जमीनी झगड़े ने खौफनाक रूप ले लिया। इसके बाद सत्यप्रकाश और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। 

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