National Herald Case: यंग इंडिया का दफ्तर सील, कांग्रेस मुख्यालय के पास कड़ी सुरक्षा
Delhi Big News: ED ने यंग इंडिया दफ्तर को सील किया है, बिना इजाजत नहीं खोला जा सकेगा दफ्तर, नेशनल हेराल्ड मामले में ED ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है।
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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के केस में जांच के दौरान ही केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस (Herald House) के यंग इंडिया दफ्तर को सील (Seal) कर दिया है। अब ईडी की इस कार्रवाई के बाद नेशनल हेराल्ड अखबार के यंग इंडिया ऑफिस में बिना इजाजत के कोई आ जा नही सकेगा।
इस मामले में ईडी पिछले कई दिनों से जांच कर रही है। ED ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से लंबी पूछताछ भी की है। दो दिन से ED हेराल्ड हाउस समेत दिल्ली में कई ठिकानों पर लगातार तलाशी अभियान चला रही थी। सूत्रों के मुताबिक पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत सबूत इकट्ठा करने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र आजादी के पहले का अखबार है। इस अखबार की शुरुआत इंदिरा गांधी के पिता और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में की थी। नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ( Associated Journals Limited) नाम की कंपनी करती थी।
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इस कंपनी की स्थापना 1937 में की गई थी और जवाहर लाल नेहरू के अलावा 5000 स्वतंत्रता सेनानी इसके शेयरहोल्डर्स थे। ये कंपनी दो और दैनिक समाचार पत्रों का प्रकाशन करती थी। उर्दू में कौमी आवाज और हिन्दी में नवजीवन नाम के अखबार निकाले जाते थे। यह कंपनी किसी एक व्यक्ति के नाम पर नहीं थी।
दरअसल 2008 में घाटे की वजह से इस न्यूज पेपर को बंद करना पड़ा था। तब कांग्रेस ने एजेएल को पार्टी फंड से बिना ब्याज का 90 करोड़ रुपए का लोन दिया था। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 'यंग इंडियन' नाम से नई कंपनी बनाई थी। यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स को दिए लोन के बदले में कंपनी की 99 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई थी। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है।
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