गैंगस्टर्स का ट्रिपल एक्सटॉर्शन मॉड्यूल, जेल से चल रहा था वसूली का धंधा, क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा

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क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा
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Delhi Gangster News: देश के खतरनाक गैंगस्टर्स गोल्डी बरार, लारेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, संपत नेहरा और नरेश शेट्टी मिल कर तीन एक्सटोर्शन का रैकेट चला रहे थे। तीनों रैकेट अलग अलग जगह से चलाए जा रहे थे, और खास बात ये की तीनो मॉड्यूल को एक दूसरे के बारे में भनक तक नहीं थी। इन तीन मॉड्यूल को चलाने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया था जहां बैठ कर इंटरनेशनल हैंडलर इन तीनो मॉड्यूल से काम कराया करता था। ये लोग नाबालिग लड़कों को टारगेट करते, उन्हे अपने झांसे में लेते, ऐशो आराम की जिंदगी का झांसा देते, और फिर अपने गैंग में शामिल कर लेते। पुलिस ने इन तीनो मॉड्यूल के कुल लोगो पकड़ा है जिनमें से कुछ नाबालिग है। पुलिस ने इनके पास से 6 पिस्टल भी बरामद की है।

 दिल्ली एनसीआर पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा व राजस्थान में जाल

दिल्ली पुलिस के मुताबिक क्राइम सिंडिकेट पिछले कई दिनों से दिल्ली एनसीआर पंजाब चंडीगढ़ हरियाणा और राजस्थान के इलाकों में फैला हुआ था। इस गैंग को झील में बैठे गैंगस्टर और विदेशों में छिपकर बैठे गैंगस्टर चला रहे थे। जबरन उगाही से जो भी पैसा यह गैंग लेता वह हवाला के जरिए विदेश भेज दिया जाता था। इस पूरे तीनों मॉड्यूल को चलाने के लिए सबका काम फिक्स था और सभी लोग अपने काम को अंजाम देते थे और एक दूसरे के काम में ना तो दखल देते थे और ना ही जाने की कोशिश करते थे। 

पुलिस के मुताबिक उनके पास इस तरीके की जानकारी आ रही थी की कुछ लोग जबरन उगाही के धंधे में लगे हुए हैं बड़े-बड़े व्यापारियों के पास विदेशों से कॉल किया जा रहा है उन्हें डराया धमकाया जा रहा है और अगर कोई उनकी बात नहीं मानता तो उनके घरों पर दफ्तरों के बाहर गोलियां भी चलाई जा रही हैं। घरों के बाहर गोली चलाने के लिए खास तौर से नाबालिग शूटर्स को तैयार किया गया था ताकि वह अगर पकड़े भी जाएं गैंग पर फर्क न पड़े।

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इंटरनेशनल कॉल में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार का नाम लिया जाता

ज्यादातर शूटर्स शहरों से दूर गांव के होते थे। उनको लालच दिया जाता और फिर उनको टारगेट दिया जाता और कहा जाता कि जाओ और गोली चला कर चले आओ उन्हें यह भी नहीं पता होता कि वह किसके घर के बाहर और किस वजह से गोली चला रहे हैं। एक टीम का काम तो सिर्फ अलग-अलग इलाके के बड़े लोगों का लिस्ट बनाना होता था। दूसरी टीम उनके रूटीन पर नजर रखती, और फिर उनके खिड़की दरवाजे और घर के बाहर नाबालिक शूटर्स के जरिए गोली चलाई जाती थी। फिर विदेश फोन किया जाता और पैसों की मांग की जाती है ना देने पर अंजाम भुगतने की सीधी धमकी दी जाती इंटरनेशनल कॉल में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार का नाम लिया जाता। 

सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड में यही तरीका अपनाया 

शूटर्स को आमतौर पर उनके घर से दूर भेजा जाता ताकि कोई उन्हे पहचान न सके। सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड में इस गैंग ने यही तरीका अपनाया था, शूटर्स का अंत तक पता नहीं था मारना किसे है, हथियार देने वाले को नहीं पता था की इस्तेमाल कहां होना है। जिन तीन मॉड्यूल का भंडाफोड़ दिल्ली पुलिस ने किया है उनके काम भी बेहद स्पेसिफिक और अलग-अलग थे।

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गैंगस्टर का पहला मॉड्यूल

23 अप्रैल को दिल्ली के हरिनगर इलाके में एक घर के बाहर पांच राउंड गोली चलाई गई थी। गोली चलाने के बाद व्यापारी के फोन पर वॉइस मैसेज आता था विदेशी नंबरों से। मैसेज भेजने वाले ने खुद का नाम अनमोल बिश्नोई बताया लॉरेंस बिश्नोई का भाई और दो करोड़ रुपए की मांग की। व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने f.i.r. दर्ज कर जांच शुरू की सीसीटीवी फुटेज को ट्रेस किया तो पुलिस की टीम राजस्थान पहुंची और वहां से 3 लोगों को पकड़ा जिसमें से दो नाबालिग निकले। जिस वक्त पुलिस ने इन्हें पकड़ा अगले टारगेट की रेकी करने में जुटे हुए थे।

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गैंगस्टर का दूसरा मॉड्यूल

गैंग के दूसरे मॉड्यूल ने नरेला इलाके में प्रॉपर्टी डीलर के दफ्तर पर फायरिंग की थी जिसमें एक व्यक्ति को गोली लग गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को पकड़ा है जिसमें से एक नाबालिक है। इस मॉडल के आरोपियों को शुरू में पैसा नहीं दिया जाता था, टारगेट की जानकारी दी जाती थी और कहा जाता था कि जाओ पहले गोली चलाओ और फिर गायब हो जाओ और जब दोबारा लौट के आओ तो गैंग में शामिल हो जाओ।

गैंगस्टर का तीसरा मॉड्यूल

तीसरे मॉड्यूल को जेल में बंद गैंगस्टर चला रहा था। इस माड्यूल में लोगों को मारने का टारगेट दिया जाता था। पुलिस के मुताबिक फिलहाल की जांच में पता लगा है कि इस मॉड्यूल को तीन से चार टास्क दिए गए थे लेकिन इसके पहले कि अपना टास्क पूरा कर पाते पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इनको दबोच लिया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि जिस ऑर्गेनाइज तरीके से इन तीनों मॉड्यूल को गैंगस्टर मिलकर चला रहे थे या अपने आप में काफी चौंकाने वाला है। मॉड्यूस का भंडाफोड़ करने में दिल्ली पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। और उसके बाद कहीं जाकर पुलिस पूरे गोरखधंधे का भंडाफोड़ कर सकी। दिल्ली पुलिस फिलहाल कई लोगों की तलाश में है जो इन मॉड्यूल से किसी न किसी तरह से जुड़े हुए थे। पुलिस यह भी पता कर रही है कि इन्हें हथियार कौन मुहैया कराता था। पुलिस के मुताबिक जो भी रुपए ये उगाही से कमाते उससे विदेश विलासिता का जीवन जीते।

 

 

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