Delhi : फ्लैट नंबर 1121 में कत्ल, 623 में दफनाई लाश और 24 घंटे फ्लैट में मौजूद थी लाश, दिल्ली पुलिस को यूं चकमा दिया आरोपी ने
Delhi R K Puram Murder: दिल्ली के आर के पुरम इलाके में सीनियर सर्वेयर की हत्या को लेकर कई खुलासे हुए हैं।
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R K Puram Murder: दिल्ली के आर के पुरम इलाके में सीनियर सर्वेयर की हत्या करने वाला 24 साल का आरोपी अनीस बेहद शातिर था। उसने पुलिस को बरगलाने की खूब कोशिश की, लेकिन आखिरकार वो फंस गया। इस मामले को लेकर कई खुलासे हुए हैं। इस कहानी की तीन किरदार हैं महेश, अनीस और उसकी प्रेमिका।
लड़की का चक्कर ले डूबा
तीनों एक ही आफिस में काम करते थे। सरोजनी नगर स्थित सर्वे आफ इंडिया। यहीं से कहानी शुरू होती है। महेश और अनीस दोनों एक वक्त में अच्छे दोस्ते थे। यही वजह थी महेश ने धीरे-धीरे अनीस को करीब 9 लाख रुपए उधार दिए थे। साथ साथ अनीस की नजदीकियां आफिस की ही एक लड़की के साथ हो रही थी। महेश को लगा कि अनीस उसके दबाव में रहेगा, क्योंकि उसे 9 लाख रुपए दे रखे हैं, लिहाजा वो अनीस की महिला मित्र के साथ नजदीकियां बढ़ाना चाहता था। इस बात पर अनीस ने ऐतराज किया। इस बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई। महेश ने अनीस को बहुत कुछ उलटा-सीधा बोल दिया। इससे अनीस के मन में महेश के लिए नफरत पैदा हो गई। इसके बाद उसने उसका मर्डर करने का प्लान बना लिया।
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मर्डर करने के लिए छुट्टियां ली
उसने सबसे पहले आफिस से पांच दिनों के लिए छुट्टियां ली। योजना के तहत, पहले उसने मार्केट से 6 फीट की पॉलीथीन और फावड़ा खरीदा। उसके बाद 28 अगस्त की दोपहर को महेश को अनीस ने अपने घर बुलाया। महेश को अनीस ने कहा कि वो उसके पैसे वापस करना चाहता है। महेश सीधे आफिस से अनीस के घर पहुंच गया। अनीस आरके पुरम सेक्टर 2 में फ्लैट नंबर 1121 में रहता था। वो यहां अकेला रहता था। महेश दोपहर करीब 12 बजे अपनी कार से आर के पुरम सेक्टर 2 स्थित उसके घर पहुंचा। महेश को ये नहीं पता कि अनीस के मन में इतनी नफरत भरी पड़ी है। फ्लैट में फिर दोनों के बीच बहस हुई। गुस्से में आकर अनीस ने महेश के सिर पर पाइप रिंच मारकर उसकी हत्या कर दी। सारा खूश साफ किया। मौके की ड्रेसिंग की। इसके बाडी को पैक किया। फिर एसी चलाया।
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ऐसे चली चाल
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इसके बाद अपने फ्लैट को बंद किया। साथ-साथ महेश की गाड़ी को अपने आफिस के पास पार्क कर दिया। इसके बाद अनीस महेश का फोन अपने साथ लेकर फरीदाबाद की तरफ निकल पड़ा। सबसे पहले उसने महेश का फोन बडकल झील के पास बंद करके फेंक दिया। इसके बाद वो सोनीपत अपने घर चला गया। यानी उसके दिल्ली के आर के पुरम वाले फ्लैट में लाश पड़ी थी और हत्यारा सोनीपत में था। वहां वो 28 की रात रुका और अगले दिन 29 अगस्त को अपने आर के पुरम घर पहुंचा। इसी बीच उसकी महेश के घरवालों से बात हो रही थी।
डीपी स्टेट्स पर अपराधी ने ये लिखा...
अनीस ने इस दौरान महेश से फोन पर एक डीपी स्टेट्स भी लगा दिया था, जिसमें लिखा था - मुझे पर 65 लाख रुपए का कर्जा है, मैं जा रहा हूं। पुलिस को शुरुआत में लगा कि अनीस सही कह रहा है। महेश के फोन की आखिरी लोकेशन फरीदाबाद मिल रही थी और डीपी स्टेट्स से पुलिस को लगा कि शायद महेश खुद ही कहीं चला गया।
1121 से शव लेकर पहुंचा 623
29 अगस्त को वो वापस अपने घर आर के पुरम सेक्टर दो स्थित मकान नंबर 1121 पहुंचा। यहां उसने कार को घर से सटा कर लगाया और बाडी को फ्लैट नंबर 623 तक ले गया। इससे पहले अनीस ने इस फ्लैट की नकली चाबी बनवा ली थी। फ्लैट नंबर 623 आफिस के किसी क्लर्क के नाम पर था। वो बहाने से इसकी चाबी ले आया था। बस अनीस ने इसी घर में शव को दफनाने का मन बना लिया। 29 अगस्त को दोपहर करीब 2 बजे के आसपास फावड़े से गड्ढा खोदना शुरू किया। डेढ़ फीट गहरे में उसने शव को दफना दिया। फ्लैट के पास लेबर काम कर रही थी। उसने उन्हें 12 हजार रुपए दिए और ऊपर से सीमेंट से फर्श पक्का करा लिया। इसके बाद वो सीधे आफिस पहुंच गया।
महेश की पत्नी ने अनीस को 28 अगस्त की देर शाम फोन किया तो उसने बताया कि महेश आया जरूर था, लेकिन वो किसी के साथ चला गया था। अनीस ने ये भी बताया कि उसकी कार की चाबी उसके पास है। ऐसा उसने इसलिए किया ताकि पुलिस को उस पर शक न हो।
ऐसा पकड़ा गया आरोपी, यूं हुआ उस पर शक
धीरे-धीरे पुलिस ने जब कई लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि दोनों महेश और अनीस अच्छे दोस्त थे। जब अनीस से पूछा कि वो कहां गया था, तो उसने कहा कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है। पुलिस ने अनीस और महेश के रिश्तों को लेकर सवाल किए। ये भी पूछा कि जब वो तुम्हारा इतना अच्छा दोस्त है तो उसने तुम्हें क्यों नहीं बताया कि वो कहां जा रहा है? उसकी लोकेशन फरीदाबाद कैसे आ रही है? आखिरकार पुलिस ने बैंक अकाउंट चेक किए तो पता चला कि महेश ने उसे 9 लाख रुपए दे रखे थे।
इसके साथ पुलिस को सबसे ज्यादा शक हुआ कि आखिर वो कैसे सोनीपत में अपना फोन भूल आया। इसके अलावा उसके बयां में कई विरोधाभास भी सामने आए। वो कई दिनों तक पुलिस को घुमाता रहा। जब उससे सख्ती से पूछताछ हुई तो सच सामने आ गया। अनीस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया और 2 सितंबर को शव बरामद कर लिया।
यूं चकमा खा गई दिल्ली पुलिस
आरोपी ने 28 अगस्त की दोपहर करीब 1 बजे मर्डर कर दिया था। 29 अगस्त को शाम 4 बजे तक उसने शव को दफना दिया। 29 अगस्त की सुबह इस बाबत पुलिस को शिकायत भी मिल गई थी, लेकिन पुलिस न तो समय रहते ये पता लगा पाई कि आखिर महेश कहां है और न ही उसका शव तलाश पाई। इसकी मेन वजह थी आरोपी का बेहद शातिर होना। मतलब पहले आरोपी ने महेश का मोबाइल फरीदाबाद में फेंक दिया, महेश की कार को आफिस के पास पार्क कर दिया, उसके फोन पर डीपी स्टेट्स लगा दिया कि वो कर्जा में है, ये सारी ऐसी बातें थी, जिसने तेजतर्रार दिल्ली पुलिस को भी घूमा दिया।
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