फर्जी Income Tax की रेड हो तो ऐसे पकड़ें, Delhi Police ने फोड़ा बड़ा रैकेट; खेल में शामिल असली पुलिसवाले

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फर्जी Income Tax की रेड हो तो ऐसे पकड़ें, Delhi Police ने फोड़ा बड़ा रैकेट; खेल में शामिल असली पुलिसवाले
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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दिल्ली पुलिस में क्या चल रहा है?

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कभी सीबीआई रेड, कभी फर्जी IT रेड

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दिल्ली पुलिस का नया कारनामा

New Delhi: दिल्ली पुलिस में आजकल क्या चल रहा है? एक तरफ सीबीआई थानों पर लगातार रेड कर रही है तो दूसरी तरफ अब खुद पुलिसवाले ही फर्जी रेड में शामिल हो रहे हैं। सोचिए आप घर पर मौजूद हों और अचानक कुछ लोग आ धमकें और कहें कि हम Income Tax Department से आए हैं, तो आप क्या करेंगे? जाहिर है अगर आप टैक्स की चोरी कर रहे होंगे तो घबरा जाएंगे और अगर नहीं कर रहे होंगे तो भी परेशान हो जाएंगे कि कहीं ये लोग आपको जबरदस्ती टैक्स चोरी के मामले में फंसा तो नहीं देंगे? हां, अगर आपको पता लग जाए कि ये लोग इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नहीं हैं तो जाहिर है, आपको थोडी राहत जरूर मिलेगी। ठीक ऐसा ही एक मामला सामने आया पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार इलाके से।

जब फर्जी इनकम टैक्स के अधिकारी बन कर घुसे पुलिसवाले!

ये वाकया 2 अगस्त का है। जब प्रीत विहार की एक तीन मंजिला बिल्डिंग में रात करीब 8 बजे 7-8 लोग घर के अंदर आ धमके। इस बिल्डिंग में तीन  भाइयों की फैमिली अलग-अलग फ्लोर पर रहती है। ग्राउंड फ्लोर पर घर का सबसे बड़ा भाई अपने परिवार के साथ रहता है। इन तथाकथित इन्कम टैक्स अधिकारियों ने उन्हें नोटिस दिखाया। टीम ने बडे़ भाई और उनकी पत्नी के फोन भी जब्त कर लिए। इसके बाद टीम के लोग पूरे घर की तलाशी लेने लगे। ये देखकर पूरा परिवार किसी अनहोनी की आशंका से परेशान हो गया।

कैसे पता चला कि इस घर में पहले भी रेड हुई थी?

इतने में घर में मौजूद एक महिला ने देखा कि इन अधिकारियों में कोई महिला अधिकारी शामिल नहीं है। क्योंकि उनके घर पर इससे पहले भी रेड हो चुकी थी और उस वक्त महिला अधिकारी भी रेड करने वाले टीम का हिस्सा थीं। ये देखकर परिवार को शक हुआ। उन्होंने टीम से पूछा कि उनके साथ कोई महिला अधिकारी क्यों नहीं है? इस पर टीम कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। ये देखकर परिवार की एक महिला ने चुपके से पुलिस को कॉल कर दिया। 

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फर्जी टीम को लगी भनक, मौके से हुए 9-2-11

महिला का कॉल करना था कि टीम को इसकी भनक लग गई। वो आनन फानन में वहां से निकल गए। हैरानी की बात ये थी कि रेड करने वाली इस टीम में दो पुलिसवाले भी शामिल थे। टीम के लोग सीज किये दो फोन भी अपने साथ ले गई थी। परिवार के लोगों ने घर के बाहर झांक कर देखा तो ये तथाकथित इन्कम टैक्स अधिकारी दो सफेद रंग की गाड़ियों में वहां आए थे। इनमें से एक गाड़ी यूपी नंबर की थी। थोड़ी ही देर बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई। पता लगा कि सचमुच रेड करने आई इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम फर्जी थी और उनका मकसद सिर्फ पैसों की उगाही करना था। परिवार के लोगों की शिकायत पर प्रीत विहार थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि दिल्ली पुलिस का एक सिपाही नरेश भी रेड के वक्त आया था तो थाने का स्टाफ घबरा गया। आरोपों की तस्दीक करने के लिये सीसीटीवी फुटेज देखी गई तो परिवार का आरोप सही निकला।ये मामला तब और बड़ा हो गया जब सीनियर अधिकारियों को इसकी भनक लग गई। आनन फानन में इस मामले को लोकल पुलिस से लेकर स्पेशल सेल को सौंप दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए Special Cell की Southern Range को जांच सौंपी गई। सेल के अधिकारियों ने इस मामले में दोनों पुलिसवालों की पहचान की। एक की पहचान हेमंत के रूप में हुई, जब कि दूसरे की पहचान नरेश के तौर पर हुई।

दिल्ली पुलिस का एक और कारनामा

इसके बाद की कार्रवाई में प्रीत विहार थाने के एक पुलिसवाले नरेश और ट्रैफिक पुलिस के एक कर्मी हेमंत (द्वारका सर्कल) को गिरफ्तार कर लिया गया।कुछ और गिरफ्तारियां भी हुई हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी इस बिल्डिंग में रहने वाले तीन भाइयों में से एक भाई के नाम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस थमा कर गए थे। इस पर Order No. U/s 132(3) of the Income Tax Act 1961 लिखा हुआ था। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से वेरिफाई किया गया तो वो फर्जी निकला। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों पुलिसवालों समेत कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। हालांकि पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसकी तलाश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के कई इलाकों में छापेमारी कर रही है।

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एक पुलिसकर्मी प्रीत विहार थाने में तैनात था, दूसरा ट्रैफिक पुलिस में

स्पेशल सेल के अधिकारियों का कहना है कि इस फर्जी इन्कम टैक्स विभाग की टीम में करीब 20 आरोपी शामिल हैं। सबका काम अलग-अलग होता था। कुछ फर्जी दस्तावेजों का बंदोबस्त करते थे, जबकि कुछ रेड करने जाते थे। पुलिसवालों का रोल यह था कि उन्हें वहां असली पुलिस की तरह खड़ा रहना  होता था। इसके बदले उन्हें भी उगाही का हिस्सा दिया जाता था।

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पहले भी बदनाम हो चुका है प्रीत विहार थाना

ये कोई पहली मर्तबा नहीं है, जब प्रीत विहार थाना सुर्खियों में आया हो। इससे पहले भी अभी कुछ ही महीने पहले इस थाने के एसएचओ को हटा दिया गया था। एसएचओ मुकेश कुमार को लाइन हाजिर किया गया था। ये कार्रवाई इलाके की डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने की थी। प्रीत विहार में 70 लाख रुपये से ज्यादा की चोरी हुई थी। SHO मुकेश कुमार ने इस केस में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। वो मामले को टालने लगे थे। डीसीपी ने आईपीएस अधिकारी नित्या को केस की जिम्मेदारी सौंपी थी। वो टीम के साथ काम करने लगीं, लेकिन एसएचओ साहब का रवैया तब भी ढुलमुल ही रहा। उन्होंने कई बार एसएचओ को समझाया लेकिन वो नहीं माने। आखिरकार उन्हें हटा दिया गया था। इस केस में रिकवरी भी हुई थी। 

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