दिल्ली पुलिस की 'काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट' कटघरे में, एनएचआरसी ने भेजा नोटिस, फर्जी मुठभेड़ का आरोप
Delhi Police Special Cell: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की "काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट" (CIU) कठघरे में है। आरोप है फर्जी एनकाउंटर करने का।
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अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Delhi Police Special Cell 'Fake Encounter': दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की "काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट" (CIU) कठघरे में है। आरोप लगा है फर्जी एनकाउंटर करने का। इसको लेकर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने तमाम जानकारियां मांगी है। आयोग ने Outer-North के डीसीपी और जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया है। इसको लेकर स्पेशल सीपी आर पी उपाध्याय ने Crime Tak से कहा, 'NHRC इस तरह के मामलों को लेकर हमेशा रिपोर्ट मांगता है। हम इस मामले में भी जांच कर पूरी रिपोर्ट देंगे।'
ये मुठभेड़ 16 मई की रात को हुई थी। इसमें 24 साल के अजय नामक बदमाश की मौत हो गई थी। आयोग ने दिल्ली पुलिस को छह हफ्ते में दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया है। आयोग ने पुलिस उपायुक्त (बाहरी-उत्तरी) और जिला मजिस्ट्रेट (उत्तर-पश्चिम) को नोटिस जारी किया है, जो मामले की अपनी-अपनी जांच कर रहे हैं।
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क्या आरोप है सेल के अधिकारियों पर
आरोप है कि अजय को राजस्थान के माउंट आबू से Special Cell की "काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट" (CIU) के पुलिसकर्मियों ने अगवा किया था। इसके बाद वो उसे दिल्ली में एक सुनसान जगह पर ले गए। यहां उसे पहले शराब पिलाई गई इसके बाद उसे गोली मार दी गई। हालांकि सेल के अधिकारियों का कहना है कि ये मुठभेड़ फर्जी नहीं थी।
क्या-क्या दस्तावेज मांगे हैं आयोग ने?
आयोग ने मुठभेड़ से पहले और बाद में पुलिसकर्मियों के आने-जाने के समय की सामान्य डायरी (General Diary) समेत तमाम रिकॉर्ड मांगे हैं। उन्होंने मुठभेड़ में कथित रूप से घायल हुए कर्मियों का चिकित्सा-कानूनी प्रमाण पत्र भी मांगा है। एनएचआरसी ने घटनास्थल का साइट प्लान, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य संबंधित जांच रिपोर्ट मांगी है। इसको लेकर गवाहों के बयानों की कॉपी भी मांगी गई है।
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कौन था अजय?
अजय हरियाणा के रोहतक के रिटोली गांव का रहने वाला था। बताया जाता है कि वह गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ रिटोलिया का पड़ोसी था। पुलिस ने दावा किया है कि वह हरियाणा में एक हत्या के अलावा पश्चिमी दिल्ली में कार डीलर की दुकान पर गोलीबारी की घटना में भी शामिल था।
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भाऊ और उसके साथियों ने सोशल मीडिया हैंडल के ज़रिए एक बयान जारी किया था और आरोप लगाया था कि अजय की हत्या फ़र्ज़ी मुठभेड़ में की गई थी। यह मुठभेड़ रोहिणी के सेक्टर 29 में एक सुनसान जगह पर काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा की गई थी जिसमें डीसीपी मनीषी चंद्रा, एसीपी राहुल विक्रम, इंस्पेक्टर निशांत दहिया और अन्य शामिल थे। मुठभेड़ के बाद विशेष आयुक्त आर पी उपाध्याय भी मौके पर गए थे।
मौके पर एक होंडा सिटी मिली थी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर T012UP 2024C है, जो अजय की मानी जा रही है। पुलिस की स्कॉर्पियो एसयूवी क्षतिग्रस्त पाई गई थी, जिसके सामने की विंडशील्ड पर गोलियों के निशान और साइड विंडो का कांच टूटा हुआ था। पुलिस को घटनास्थल पर 15 खाली कारतूस के खोल और एक 9 एमएम की पिस्तौल मिली थी।
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