एक तरफ बीजेपी नेता बृज भूषण पर केस करने से डरती रही दिल्ली पुलिस, दूसरी तरफ BJP के इस MLA को झूठा केस में फंसा दिया!

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BJP MLA Jitender Mahajan
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दवा कारोबारी और बीजेपी विधायक की पटकथा, बीच में फंसी दिल्ली पुलिस

 

Delhi Police Registered False Case Against BJP MLA Jitender Mahajan Update : वैसे तो दिल्ली पुलिस पर हल्की धारा में मुकदमा दर्ज करने, मुकदमा न दर्ज करने और झूठा मुकदमा करने के तमाम आरोप लगते रहते हैं, लेकिन एक ऐसे भी वाक्या सामने आया है कि जिसमें देश की सबसे स्मार्ट पुलिस ने दिल्ली के बीजेपी के विधायक जितेंद्र महाजन के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया। जब पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ तो जिसके मुकदमा दर्ज करवाया था, उसे ही गिरफ्तार कर लिया। अब इसे क्या कहेंगे?

पूरा माजरा आपको बताते हैं। ज्योति नगर थाना अंतर्गत एक दवा कारोबारी है, जिसका नाम बंसत गोयल है। उसकी दुर्गापुरी चौक पर मेनरोड पर दवा की बड़ी दुकान है। कोरोना के समय में उसकी दुकान के कर्मी और उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें उन पर दवा की कालाबाजारी करने का आरोप था। ये मुकदमा एक चैनल की खबर दिखाने के बाद दर्ज हुआ था। इस संबंध बंसत को दिल्ली पुलिस ने अरेस्ट किया था। बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

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डीसीपी नॉर्थ ईस्ट Joy Tirkey

 

क्या विधायक खैर खाए हुए थे बंसल से?

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खबर ये भी है कि विधायक जितेंद्र महाजन के पिता की कोराना के वक्त मौत हो गई थी। उन्होंने दवा और इजेक्शन बंसत की दुकान से लिए थे। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या विधायक उससे खैर खाए हुए थे ? 

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इसके बाद कहानी ने करवट ली

 

दरअसल, ज्योति नगर थाने में 6 फरवरी 2023 को एक मुकदमा दर्ज हुआ था। संदीप ने ये मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उसका कहना था कि उस पर फायरिंग की गई थी और वो भी बंसत गोयल के दफ्तर के बाहर। ये फायरिंग किसने की थी और क्यों थी? इसकी जांच जारी है। इस बीच एक और मुकदमा दर्ज हुआ।

fake FIR

 

28 मई को ये मुकदमा दर्ज कराया गया। अब शिकायतकर्ता था बंसत गोयल। यानी जिसके दफ्तर के बाहर गोलियां चली थी। बसंत गोयल का आरोप है कि उसे फोन पर धमकी दी गई थी और दो करोड़ रुपए की मांग की गई थी। साथ-साथ बीजेपी विधायक जितेंद्र महाजन के नाम से उसे डराया गया था।

यहां कई सवाल उठते हैं। 

 

बीजेपी विधायक जितेंद्र महाजन

 

पहला 6 फरवरी वाले मामले में गोलियां किसने चलवाई थी, किसने चलाई थी और क्यों?

जिसने गोली चलाई थी, वो कौन था? 

जो दूसरा मामला दर्ज हुई विधायक के खिलाफ, उसमें सच्चाई क्या थी?

बंसत गोयल और विधायक जितेंद्र महाजन के बीच क्या विवाद है?

क्या बंसत का दिल्ली पुलिस ने इतना दबदबा था कि उसके कहने पर पुलिस ने विधायक के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया?

आरोपी बंसत गोयल

अब पुलिस का ये कहना है

 

डीसीपी नॉर्थ ईस्ट Joy Tirkey, जांच में ये बात सामने आई कि बंसत गोयल ने साजिश के तहत अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों मुकदमें दर्ज कराए थे। बंसत और शंकर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। इनके साथियों की तलाश जारी है।

 

यहां दिल्ली पुलिस पर भी कई सवाल खड़े होते हैं - मसलन

पुलिस ने पहला मुकदमा और दूसरा किस आधार पर दर्ज किया?

इन दोनों मामलों के जांच अधिकारियों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने का मामला नहीं बनता क्या?

क्या किसी के दबाव में या बिना जांच किए दिल्ली पुलिस मुकदमें दर्ज कर लेती है?

 

हालांकि पुलिस का कहना है कि मुकदमा दर्ज करने का मतलब ये कतई नहीं होता कि कोई दोषी है। पहला काम मुकदमा दर्ज करना होता है। जब जांच की गई तो सच्चाई सामने आई, इसके बाद कार्रवाई की गई।

 

डीसीपी नॉर्थ ईस्ट Joy Tirkey के मुताबिक,  बसंत गोयल और उसके सहयोगी शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। बसंत गोयल विवेक विहार का रहने वाला है। उसकी उम्र 42 साल है, जब कि गौरी शंकर अशोक नगर का रहने वाला है। उसकी उम्र 47 साल है। लेकिन अभी भी इस कहानी में कई झोल है, जिसका खुलासा अगली रिपोर्ट में करेंगे।

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