16 साल पहले 10 हजार रुपए की खरीदी थी लड़की! ऐसे किया था उसका मर्डर, अब जाकर आरोपी पकड़ा गया

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

Delhi Police Crime Branch: दिल्ली पुलिस ने 16 साल से फरार चल रहे हत्या आरोपी को अरेस्ट किया है। आरोपी देह व्यापार में शामिल थे। उसने एक लड़की का 2007 में मर्डर कर दिया था। तब से वो फरार चल रहा था। अब जाकर पुलिस ने उसे धर दबोचा गया है। इस केस को क्रेक करने में दिल्ली पुलिस के एक एएसआई की सूझबूझ काम आई। 

वारदात 2007 में हुई, आरोपी पकड़ा गया 2024 में

हत्या की ये वारदात दिल्ली के कालकाजी इलाके में 2007 में हुई थी। आरोपी का नाम वीरेंद्र सिंह है। वो कभी कालका जी इलाके में किराए के एक मकान में रहता था। वो किराए नहीं दे पा रहा था तो मकान मालिक घर पहुंचा। गेट लॉक था। बदबू आ रही थी। मकान मालिक को शक हुआ। उसके तुरंत पुलिस को इत्तिला दी। पुलिस ने गेट तोड़ा तो अंदर एक बड़ा ट्रंक मिला जिसमें एक महिला का शव था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। 2007 में पुलिस ने उसे पकड़ने की कई कोशिशें की। इस दौरान पुलिस ने एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया, लेकिन वीरेंद्र के बारे में कोई सूचना नहीं थी। उस वक्त मकान मालिक ने वीरेंद्र से Tenant Verification Form भरवाया था। 2007 में जमा किए गए किरायेदार सत्यापन फॉर्म पर उसके द्वारा चिपकाई गई फोटो पुलिस के पास थी। क्राइम ब्रांच के एएसआई रमेश ने आरोपी को हर हाल में पकड़ने की ठान ली। जब ये मर्डर हुआ था, रमेश कालका जी थाने में बीट कांस्टेबल था। 

देह व्यापार के धंधे शामिल था आरोपी

एएसआई रमेश का वहां से तबादला हो गया और 2017 में उन्हें फिर से पीएस कालकाजी में तैनात किया गया और आश्चर्य की बात यह थी कि आरोपी वीरेंद्र सिंह अभी भी फरार था। उन्होंने फिर से अन्य व्यक्तियों के माध्यम से आरोपी के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देह व्यापार के धंधे में शामिल थे। उन्होंने जानकारी जुटाई कि आरोपी वीरेंद्र सिंह हरियाणा के पानीपत में छिपा हुआ है। वहां छापे मारे गए लेकिन आरोपी का पता नहीं चल सका क्योंकि वह बार-बार अपना किराए का मकान बदल रहा था। फरवरी 2024 में एएसआई रमेश को क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित कर दिया गया और एंटी गैंग्स स्क्वाड (एजीएस), क्राइम ब्रांच में तैनात किया गया। उसके पास आरोपी द्वारा 2007 में जमा किए गए किरायेदार सत्यापन फॉर्म की एक कॉपी थी, जिसमें आरोपी की पुरानी तस्वीर थी। एएसआई रमेश ने आरोपी के सभी पिछले पतों का सत्यापन किया और आरोपी और उसके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबर के बारे में जानकारी जुटाई। उन्होंने फिर कालकाजी और गोविंदपुरी इलाके से जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि आरोपी दिल्ली के रोहिणी के विजय विहार इलाके में छिपा हुआ है।आखिरकार एएसआई और टीम ने आरोपी को विजय विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया। वो यहां एक किराए के मकान में रह रहा था।

ADVERTISEMENT

10 हजार रुपए की खरीदी थी लड़की! 

पूछताछ में पता चला कि वह जिला वैशाली, बिहार का रहने वाला है। वो 1991 में काम की तलाश में दिल्ली आया था। वो दिल्ली में चितरंजन पार्क इलाके में रहने लगे और फिर टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम किया। इसी दौरान वह अलग-अलग लोगों के संपर्क में आया और वो देह व्यापार के धंधे में शामिल हो गया। 2001 में वह आसानी से पैसा कमाने के लिए देह व्यापार के धंधे में आ गया। वह पश्चिम बंगाल से युवा लड़कियों को खरीदता था और फिर उनका इस्तेमाल देह व्यापार में करता था। मामले की पीड़िता को उसने 10 हजार रुपए में खरीदा था और जब उसने अपनी बीमारी के कारण काम पर जाने से इनकार कर दिया तो उसने पीड़िता की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने लड़की की लाश को एक लोहे के बक्से में रख कर फरार हो गया था। सबसे पहले वो कोलकाता गया।

क्यों आरोपी को पकड़ने में लगे 16 साल?

इसके बाद वह सिलीगुड़ी में एक लड़की के घर पर रुका, जो दिल्ली में उसके लिए काम करती थी। फिर वो पश्चिम बंगाल में अपने ठिकाने बदलता रहा। 2009 में वह अंबाला आया और अपने दोस्त के साथ देह व्यापार के धंधे में शामिल हो गया। इसके बाद 2013 में वह पानीपत आ गया और यहीं कारोबार करने लगा। वह 2019 में दिल्ली वापस आ गए और विजय विहार, रोहिणी इलाके में रहने लगा। आजकल आरोपी बिहार, पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों से आई युवा लड़कियों को दिल्ली में नौकरानियों के रूप में भर्ती करने में एक कमीशन एजेंट के रूप में काम कर रहा था। 

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    यह भी पढ़ें...