Delhi Police Corruption: दिल्ली पुलिस में हुआ करोड़ों का घोटाला, जिले के कई डीसीपी रडार पर! गृह मंत्रालय की नजर

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Delhi Police Corruption: दिल्ली पुलिस में हुआ करोड़ों का घोटाला, जिले के कई डीसीपी रडार पर! गृह मंत...
Delhi Police Corruption: दिल्ली के सीपी संजय अरोड़ा ने दिये जाने के आदेश
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Delhi Police Corruption: दिल्ली पुलिस में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। आरोप है कि छोटे-मोटे काम (Minor Work) और प्रोफेशनल सर्विस (Proffesional Services)के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी हुई है। इस बाबत दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के आदेशानुसार जांच के आदेश दिए गए हैं। स्पेशल सीपी प्रोविजन एंड फाइनेंस डिविजन लालतेंदू मोहंती ने सभी जिले के डीसीपी को निर्देश दिया है कि वो हिसाब पेश करे। मोहंती ने Crime Tak को बताया कि सभी यूनिट्स से हिसाब-किताब मांगा गया है। ये जांच होगी कि कितने करोड़ का घोटाला हुआ है? ये भी जांच होगी कि कहीं भुगतान करने के लिए गलत Heads का इस्तेमाल नहीं हुआ है। 40 से ज्यादा डीसीपी और एडिशनल डीसीपी से हिसाब मांगा है।

 

प्रोफेशनल सर्विस बजट से डाटा एंट्री आपरेटर और बाहरी फोर्सस को पैसे देने का प्रावधान है। दिल्ली पुलिस विभाग करीब 80 हजार पुलिस वालों के लिए सुई से लेकर गाड़ी, घर समेत तमाम चीजों का हिसाब-किताब रखती है।

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दिल्ली पुलिस में छोटे-छोटे बहुत सारे काम होते रहते हैं। जिला स्तर पर डीसीपी को इससे संबंधित बजट मिलता है। इसके अलावा स्पेशन यूनिट्स का अलग बजट होता है।

डीसीपी वेंडरों से काम करवाते हैं और उन्हें भुगतान करते हैं। इसके लिए हर छोटे-मोटे काम का बिल लगाया जाता है।

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Delhi Police Head Quarter

क्या-क्या काम होते हैं?

चाहे पुलिस की वर्दी आनी हो, उनके आफिस का मेंटेनेंस करना हो, स्टेशनरी आनी हो, चाय-पानी का खर्चा हो व अन्य खर्चें सभी का हिसाब-किताब रखना होता है। कई बार तो ऐसी शिकायतें आती रहती है कि फलां डीसीपी ने ज्यादा बिल लगा दिया, जब कि सामान कम आया था।

सरकारी गाड़ियों का मेंटेनेंस हो, उसमें पेट्रोल डीजल डलवाना हो, सरकारी आफिस का खर्चा हो, सरकारी घर का खर्चा आदि खर्चों का हिसाब-किताब दिल्ली पुलिस रखती है। इसके अलावा होम गार्डस, पैरा मिलिट्री फोर्स के लिए भी हर साल खर्च किया जाता है। फोर्स को स्पेशल अरेंजमेंट के तहत बुलाया जाता है।

वहीं, पुलिस हेड क्ववार्टस की बिल्डिंग का मैनेटेंनस से लेकर हरेक काम के लिए बजट दिया जाता है और उसका हिसाब-किताब रखना होता है।

अब बात करते है कि यहां कैसे घोटाला हुआ है? साल 2022-23 में कई मेंटनेंस कार्य हुए। आरोप है कि माइनर वर्क और प्रोफेशनल सर्विस में करोड़ों का घोटाला हुआ। इस बात की जानकारी सीपी संजय अरोड़ा तक पहुंची। उन्होंने स्पेशल सीपी को जांच का जिम्मा सौंपा है। तभी उन्होंने सभी डीसीपी, यूनिट्स के हेड्स से हिसाब मांगा है।

आरोप है कि ठेकेदारों से फर्जी बिल बनवा कर विभाग से भुगतान कराया गया। इसके अलावा प्रोफेशनल सर्विसेज के फंड का भी दुरुपयोग किया गया।

 

माइनर वर्क में थानों की मरम्मत, स्टेशनरी, कंप्यूटर आदि से संबंधित काम आते है, जब कि प्रोफेशनल कामों में बाहरी कर्मचारियों की नियुक्ति, बाहरी संस्थाओं से तकनीकी सहायता लेना, फोरेंसिक हेल्प लेना आदि काम आते हैं।

एक डीसीपी ने आफिस मेंटनेंस के नाम पर खर्चे 12 लाख रुपए

इस तरह की शिकायतें अक्सर आती रहती है। दिल्ली के एक डीसीपी ने तो अपने आफिस पर ही 12 लाख रुपए खर्च कर डाले थे। इसकी भुगतान दिल्ली पुलिस विभाग ने किया। इसके अलावा कई और डीसीपी भुगतान करने के लिए गलत हेड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब यही जांच होगी।

डीसीपी ने तय किए अपने - अपने ठेकेदार

ये भी बात सामने आ रही है कि ये सब कुछ डीसीपी की सेटिंग की वजह से हो रहा है। उन्होंने अपने अपने ठेकेदार तय रखे हैं। वे उन्हीं से काम करवाते हैं और बिल में फर्जीवाड़ा किया जाता है। ऐसे में अब हरेक काम का बिल डीसीपी को देना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसा सूत्रों का कहना है।

यहां सवाल ये उठते हैं कि -

- क्या दिल्ली के सीपी संजय अरोड़ा को इसको लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी?

- क्यों अभी हिसाब-किताब मांगा गया है?

- क्या इससे पहले भी हिसाब-किताब मांगा जाता था?

-क्या कुछ डीसीपी ने गलत बिल पेश किया?

- ज्यादा का बिल बनवा लिया और काम कम हुआ?

- उल्टे-सीधे रेट लगाकर वेंडरों ने लूटा दिल्ली पुलिस को?

- कौन कमीशनखोर डीसीपी है?


कितना बजट है दिल्ली पुलिस का?

दिल्ली पुलिस का बजट और सच्चाई!

ये पैसा सरकार का होता है। गृह मंत्रालय के माध्यम से दिल्ली पुलिस को हर साल बजट दिया जाता है। 2023-2024 के केंद्रीय बजट में दिल्ली पुलिस को 11932.03 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जो पिछले बजट की तुलना में 1577 करोड़ रुपये अधिक है। 2022-2023 के केंद्रीय बजट में दिल्ली पुलिस को 10335.29 करोड़ रुपये मिला था। इन रुपयों का हिसाब-किताब दिल्ली पुलिस को रखना होता है ताकि कोई गड़बड़ी न हो सके, लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ डीसीपी अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए गलत हेड्स का पैसा खर्च करते हैं। कई बार सही हेड्स से पैसों का दुरुपयोग होता है। उन्हें ऐसा लगता है कि वो वेंडरों से जैसा चाहे बिल ले सकते हैं, उनसे कौन पूछेगा? इसमें सीधे सीधे कई डीसीपी का 'कट' होता है और कई वेंडर इसकी आड़ में दिल्ली के कई डीसीपी की लाइजन करते हैं। जाहिर है ये भ्रष्टाचार है और इसकी जांच होनी चाहिए।

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